01 https://jaivardhannews.com/to-implicate-the-new-contractor-of-chhabris-in-shrinathji-temple-two-arrested-including-opium-conspiracy-lawyer/

श्रीनाथजी मंदिर में छाबड़ियों का ठेका छूटा तो नए ठेकेदार को फंसाकर जेल भेजने के लिए षड़यंत्रकर्ताओं ने नए ठेकेदार के ऑटो में अफीम रखवाकर पुलिस को इस बारे में सूचना दी। पुलिस को जब मामले की सच्चाई का पता चला तो वकिल सहित दाे आरोपियों को गिरफ्तार किया।

उदयपुर के अधिवक्ता का श्रीनाथ मंदिर मंडल से छाबड़ियाें का ठेका छूटा ताे नए ठेकेदार काे जेल भेजने और मंदिर मंडल से ठेका लेने के लिए षड़यंत्र रच कर नए ठेकेदार के ऑटाे में 80 ग्राम अफीम रख कर पुलिस काे सूचना दे दी। सूचना पर पुलिस काे शंका हुई ताे मुखबिर से पूछताछ की। काॅल डिटेल खंगाली ताे षड़यंत्र सामने आया। इस पर अधिवक्ता व उसके सहयाेगी काे गिरफ्तार किया गया। थानाधिकारी डाॅ. हनुवंतसिंह ने बताया कि भगवती निवास दक्षिणी सुंदरवास थाना प्रतापनगर जिला उदयपुर निवासी विजयसिंह पुत्र कन्हैयालाल सोलंकी व लालबाग के सामने नाथद्वारा निवासी जयप्रकाश पुत्र पृथ्वीराज परिहार काे षड्यंत्र रचकर लाेडिंग ऑटाे में अवैध रूप से 80 ग्राम अफीम रखने के आराेप में गिरफ्तार किया। आराेपियाें का श्रीनाथजी मंदिर मंडल में टाेकरियाें का ठेका था। ठेका छुटने पर नए ठेकेदार काे जेल भिजवाने के लिए षड़यंत्र रचा।

नाथद्वारा पुलिस काे 26 फरवरी दाेपहर करीब 3 बजे देवेंद्र उर्फ पप्पू माली ने मोबाइल पर सूचना दी कि लोडिंग ऑटाे जिस पर रामदेव मोर्ट्स लिखा है। उसमें काले रंग की वस्तु प्लास्टिक की थैली में पीछे की तरफ रखी हुई है, जो बांस की छबड़ियों के नीचे है।

षड़यंत्र का ऐसे पता चला

कांस्टेबल संदीप ने ऑटाे से छबड़ियां मंदिर में खाली करवाकर थाने के पास ऑटाे चालक हेमेंद्र साहू व कमलकुमार को साथ लेकर आया। ऑटाे की हेड काॅस्टेबल व तीन सिपाही ने तलाशी ली। तलाशी में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। सबकी माैजूदगी में पुन: मुखबिर से पूछा ताे उसने ऑटाे के पीछे नंबर प्लेट के पीछे छुपाना बताया। वापस ऑटो की तलाशी ली ताे प्लास्टिक की थैली में अफीम मिली। दोनों व्यक्तियों को पुनः पूछा कि प्लास्टिक की थैली में काले रंग का पदार्थ क्या है। इस बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं होना बताया। पुलिस काे शंका हुई कि मुखबिर ने कैसे सही जगह बताई। शंका के आधार पर माेबाइल काॅल डिटेल निकाली ताे षड्यंत्र का खुलासा हुआ।

यह है मामला

उदयपुर के धानमंडी तीज का चाैक निवासी कमल कुमार पुत्र उदयलाल गाच्छा करीब 20-25 वर्ष से बांस की टाेकरी बनाकर प्रति नंग 12 रुपए में आराेपी विजयसिंह को बेचता था। आराेपी विजयसिंह उसी टाेकरी काे प्रति नग 27 रुपए में नाथद्वारा मंदिर मंडल में बेचता था, जिससे विजयसिंह को प्रतिमाह अच्छी आमदनी हो जाती थी। कमल कुमार इस बात से अनजान हाेकर टाेकरियां देता आ रहा था। जब कमल कुमार को पता चला कि विजय सिंह 12 रुपए में एक टोकरी खरीद मंदिर मंडल को 27 रु. में बेचता है। कमल कुमार ने मंदिर मंडल से करीब एक माह पूर्व संपर्क कर कम रुपए में टोकरियां देना तय किया। जिस पर मंदिर मंडल ने 3 फरवरी को कमल कुमार को टोकरियां मंदिर में देने का ठेका दे दिया। इस पर कमल कुमार ने 7 फरवरी को 35 हजार रु. मंदिर मंडल में एडवांस जमा करा दिए।