पिछले दो सालोंं में कोरोना महामारी के चलते सभी पयर्टन स्थल बंद थे। अब कोरोना के कम हुआ तो फिर से कुंभलगढ़ दुर्ग पर पर्यटकों की आवक बढ़ी है। लेकिन यहां पर लाइट एंड सांउड शो बंद है। हालांकि दो साल पहले आरटीडीसी ने लाइट व साउंड सिस्टम एलईडी लाइट, प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम आदि को बदलने के लिए 5 करोड का बजट जारी किया। लेकिन इसका काम शुरू नहीं हो पाया।
पिछले 10 साल से कुंभलगढ़ आने वाले पर्यटकों के लिए लाइट व साउंड शाे से कुंभलगढ़ का इतिहास दिखाया जाता है। दो साल पहले आरटीडीसी ने लाइट व साउंड सिस्टम एलईडी लाइट, प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम (Light & Sound System LED Light, Projector, Sound System) आदि को बदलने के लिए 5 करोड का बजट जारी किया। लेकिन कोरोना से यह काम शुरू नहीं हो पाया। कोरोना के बाद आरटीडीसी ने काम शुरू किया। आधा काम होने के बाद एएसआई (Archaeological Survey of India) ने काम पर रोक लगा दी। ऐसे में पुराना लाइट व साउंड सिस्टम भी बंद हो गया। आरटीडीसी व एएसआई के बीच आपसी विवाद के चलते काम रूका पड़ा है।
जयपुर आरटीडीसी के अधिशासी अभियंता जितेंद्र जोशी ने बताया कि 5 कराेड़ की लागत से कुंभलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarg Fort) में पर्यटकों के लिए लाइट व साउंड सिस्टम बदलने का काम शुरू कर दिया। लेकिन एएसआई ने बीच में ही काम को रुकवा दिया है। आरटीडीसी के एक्सईएन जोशी ने बताया कि 2009 में कुंभलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarg Fort) में पर्यटकों के लिए लाइट व साउंड सिस्टम शाे को शुरू किया।
इसमें पर्यटक कुंभलगढ़ दुर्ग (Kumbhalgarg Fort) के इतिहास काे जानते थे। यह लाइट व साउंड सिस्टम 10 साल पुराना होने से आरटीडीसी ने इसको नए रूप में एलईडी लाइट, नए म्यूजिक सिस्टम के साथ लगाने की योजना बनाई। इसके लिए पांच करोड़ का बजट जारी किया। इसमें नई एलईडी लाइटिंग, नए साउंड सिस्टम व तीन नए प्रोजेक्टर से नए रूप में कुंभलगढ़ का इतिहास बताया जाएगा। कोविड के कारण यह काम रुका था। कोविड के बाद इस कार्य को शुरू किया, लेकिन आरटीडीसी के अधिकारियों ने बताया कि आधा काम होने के बाद भारतीय पुरातत्व विभाग ने रोक लगा दी। ऐसे में पुराना लाइट व साउंड सिस्टम भी बंद पड़ा है। ऐसे में अनलॉक के बाद कुंभलगढ़ दुर्ग में पर्यटकों का बूम सा आया हुआ है। लेकिन लाइट व साउंड सिस्टम नहीं चलने से पर्यटक मायूस लौट रहे हैं।
एएसआई के वरिष्ठ संरक्षण सहायक सिद्धार्थ वर्मा ने बताया कि आरटीडीसी की डीपीआर अप्रुवल नहीं हुई। आरटीडीसी ने अभी तक किसी प्रकार की लाइटिंग लगाई जाएगी, किस प्रकार की लाइट, साउंड, प्रोजेक्टर आदि की गुणवत्ता के बारे में जानकारी नहीं दी। आरटीडीसी की तरफ से अभी तक किसी प्रकार का काम शुरू नहीं किया है। केवल खुले तारों को हटवाया गया है। ताकि कोई हादसा नहीं हो जाए। आरटीडीसी नए प्रोजेक्ट की दिल्ली पुरातत्व विभाग से अप्रुवल करवाकर काम शुरू कर सकता है। इनके पास अभी तक अप्रुवल नहीं होने से काम नहीं करने दिया जाएगा।