01 79 https://jaivardhannews.com/traumatic-death-of-8-year-old-innocent-who-went-to-bathe-in-the-pond-mourning-in-the-village/

तालाब में नहाने गए एक आठ वषी्रय बच्चे की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण पोखर किनारे पहुंचे। घंटों मशक्कत के बाद युवक के शव को बाहर निकाला। हादसे के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

करोली जिले के लांगरा थानांतर्गत गांव श्यामपुर की ढाणी झोंपड़ी की पोखर में नहाते वक्त एक आठ साल के मासूम की डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण बडी संख्या में पोखर की तरफ दौड पड़े और घंटों की मशक्कत के बाद मृतक सोनू गुर्जर (8) का शव बाहर निकाला जा सका। इस हादसे से पीड़ित मां-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया और पूरे गांव में दिनभर मातम पसरा रहा। वहीं गमगीन माहौल में मंगलवार देर सायं बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया।ग्रामीणों के अनुसार मंगलवार को गांव के पास ही पोखर में कुछ बच्चों के साथ महीपत गुर्जर का 8 वर्षीय बेटा सोनू भी नहाने चला गया था, जहां उसकी पोखर के बीच में करीब 10-15 फीट गहरे पानी में डूबकर मौत हो गई।

मासूम सोनू की दर्दनाक मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। महज, 14 दिन पहले ही नन्हे पुत्र को जन्म देने वाली मृतक सोनू की मां शिमला तो सदमे से कई बार बेसुध हो गई और पिता महीपत की आंखों से आंसू नहीं थम सके।हालांकि, परिवार के अन्य सदस्य, रिश्तेदार व ग्रामीणों ने ढांढ़स भी बंधाया, मगर पहाड़ से भी ज्यादा बड़े असहनीय दर्द के आगे सब बेबस नजर आए। शोक में घरों तक चूल्हे तक नहीं जले। खास यह है कि इस हादसे की पीडित परिवार व ग्रामीणों ने न तो पुलिस को सूचना दी और ना ही उसे हॉस्पिटल ले गए। लिहाजा, बिना पोस्टमार्टम के ही मृतक सोनू की अंत्येष्टि कर दी गई। परिजनों के अनुसार घर में सबसे बड़ी मूक-बधिर बहिन से मृतक सोनू गुर्जर दूसरे नंबर का छोटा बेटा था।

महीपत गुर्जर की सबसे बडी दस वर्षीय पुत्री पोरंती मूक बधिर है और मृतक सोनू के बाद तीसरा बेटा मोनू है,मगर वह भी आंखों के रोग से पीड़ित है। वहीं घर में सबसे नन्हे शिशु के रूप में 14 दिन पूर्व ही पुत्र ने जन्म लिया है। घर में पुत्र जन्म की खुशियां महज 14 दिन बाद ही बेटे सोनू की मौत से गम में तब्दील हो गई। अपने बड़े बेटे सोनू गुर्जर की पोखर में डूबकर मृत्यु हो जाने से मां-पिता दोनों पर ही गमों का पहाड़ टूट पड़ा। दरअसल, 14 दिन पहले ही प्रसव पीडा झेलने वाली मां की शिमला की आंखों का तारा चंद घंटे में ही ओझल होकर दुनियां से अलविदा कह गया। पुत्र की मौत के विलाप में बिलखती मां बार-बार सोनू-सोनू पुकारते हुए कई बार अचेत हो गई और सदमें को सहन नहीं कर पाने से बेसुध होकर घर के आंगन में गिर पड़ी।

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  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com