राजसमंद में बुधवार सुबह मानवता को शर्मसार करने वाली व रोंगटे खड़े करने वाली खबर आई। केलवा थाना क्षेत्र के मियारी बस स्टैंड के पास शौचालय में बिलखते मिले दो जुड़वा नवजात को तत्काल आरके जिला चिकित्सालय के नर्सरी वार्ड में भर्ती कराया है, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। दो बालिका है। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं शिशु विशेषज्ञ डॉ. ललित पुरोहित ने बताया कि प्रथम दृष्टया बच्चों का जन्म करीब चार से पांच घंटे पहले ही हुआ है, जिन्हें नर्सरी के आईसीयू में भर्ती कर लिया है। फिलहाल बच्चों की हालत नाजुक लग रही है। उपचार शुरू कर दिया है और हालत में सुधार नहीं होने पर उदयपुर रेफर किया जाएगा। पीएमओ डॉ. ललित पुरोहित ने बताया कि दोनो नवजात के डीएनए जांच के बाद ही पुष्टि होगी कि दोनों जुड़वा है या नहीं।
चिकित्सा टीम जुटी उपचार में
नवजात बच्चियों का उपचार पीएमओ डॉ. ललित पुरोहित व डॉ. साराशं के नेतृत्व में नानालाल कुमावत व अन्य नर्सेज की टीम द्वारा किया जा रहा है। एक बच्ची का वजन 800 ग्राम और दूसरी का 1 किलो के आस पास है। घटना के बाद अस्पताल परिसर में कई लोग एकत्रित हो गए और चिंता जताई।
रोंगटे खड़े करने वाली घटना
केलवा थाना क्षेत्र के मियारी बस स्टैंड पर स्थित शौचालय में मासूम नवजात बिलखते हुए मिले। क्षेत्र में ही किसी ने बच्चों को जन्म देने के बाद शौचालय में फेंक दिया, जिससे मानवता शर्मसार हो गई। इस घटना के बाद आस पास के क्षेत्र लोगों में सनसनी फैल गई और हर कोई मासूम बच्चों को फेंकने वाले के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया देता हुआ नजर आया।
चिकित्सा विभाग करेगा अब जांच
दो जुड़वा नवजात मिलने के बाद अब केलवा थाना पुलिस के साथ चिकित्सा विभाग द्वारा जांच की जाएगी। क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्र व चिकित्सा विभाग में सूचीबद्ध गर्भवती महिलाओं की सूची के आधार पता किया जाएगा। फिर उसी आधार पर पुलिस व प्रशासन द्वारा अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पालना गृह की जानकारी का अभाव
शहर- देहात में अगर कोई महिला अनचाहे बच्चे को जन्म दे देती है और उसे नहीं रखना चाहती है, तो पालना गृह में रखा जा सकता है। इसके लिए बाल विकास विभाग एवं चिकित्सा विभाग द्वारा आरके जिला चिकित्सालय व गोवर्धन चिकित्सालय नाथद्वारा में दो पालना गृह बना रखें हैं, जिससे तत्काल उनका उपचार कराया जाता है और किसी को दोषी भी नहीं माना जाता है, लेकिन अगर पालना गृह के अलावा मासूम बच्चों को बाहर फेंका या छोड़ा जाता है, तो यह गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
क्या बोले चिकित्साधिकारी
नवजात बच्चियों का जन्म अभी कुछ घंटों पहले ही हुआ है, जो पांच से छह घंटे हो सकता है। दोनों का वजन बहुत कम होने से हालत चिंताजनक है। दोनों बच्चियों का उपचार किया जा रहा है और रेफर करने की स्थिति में भी नहीं है। इसलिए फिलहाल उपचार जारी है। फिर भी हालत में सुधार नहीं होने पर रेफर करेंगे। डॉ. ललित पुरोहित, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आरके जिला चिकित्सालय राजसमंद