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Virender Sehwag : अपनी तूफानी बल्लेबाजी से टेस्ट क्रिकेट की तस्वीर बदलने वाले टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग व उसकी पत्नी के बीच अनबन और तलाक की खबरे आ रही है। वीरेंद्र सहवाग, जिन्हें क्रिकेट की दुनिया में “नजफगढ़ का नवाब” के नाम से जाना जाता है, भारतीय क्रिकेट के सबसे आक्रामक और सफल बल्लेबाजों में से एक हैं। टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक जड़ने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी है। साल 2004 में वीरेंद्र सहवाग ने आरती से लव मैरिज की, जो अरेंज में बदल गई और दो दशक तक सफल वैवाहिक जीवन के बाद अब अचानक अनबन की खबरें आई हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार सहवाग और आरती ने इन्स्टाग्राम पर एक-दूसरे को अनफॉलो कर दिया है। हाल ही में उनके व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी खबरें चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उनकी शादीशुदा जिंदगी, तलाक की अफवाहें और उनका परिवार लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया है। इस कदम ने उनके रिश्ते में तनाव की अटकलों को हवा दी है। हालांकि, सहवाग या आरती की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

virender sehwag or Aarti Ahlawat Devorce : सहवाग ने क्रिकेट में अपने आक्रामक खेल से इतिहास रचा। लेकिन क्रिकेट के व्यस्त शेड्यूल के बावजूद वह अपने परिवार के लिए समय निकालते रहे। संन्यास के बाद उन्होंने अपने परिवार और बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना शुरू किया। सहवाग का कहना है कि उनकी सफलता के पीछे उनकी पत्नी Aarti Ahlawat का बड़ा योगदान है। आरती ने हमेशा उन्हें क्रिकेट पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया और परिवार की जिम्मेदारियां संभालीं। दोनों के इंस्टाग्राम पर अनफॉलो के कदम ने उनके रिश्ते में तनाव की अटकलों को हवा दी है। हालांकि, सहवाग या आरती की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। इससे पहले तक, सहवाग और आरती का रिश्ता बहुत मजबूत माना जाता था। दो दशक तक दोनों ने अपने रिश्ते को बेहद सफल तरीके से निभाया। उनकी शादी भारतीय क्रिकेटरों की खुशहाल शादियों में गिनी जाती थी। ऐसे में यह खबर उनके फैंस के लिए चौंकाने वाली है।

sehwag divorce news : वीरेंद्र सहवाग भारतीय क्रिकेट के एक महान खिलाड़ी होने के साथ-साथ एक समर्पित पति और पिता भी रहे हैं। हालांकि, उनकी शादीशुदा जिंदगी में हालिया तनाव की खबरें उनके प्रशंसकों को निराश कर सकती हैं। जब तक इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं होती, तब तक इसे सिर्फ अफवाह माना जा सकता है। सहवाग का पारिवारिक जीवन हमेशा से उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा रहा है। उनकी उपलब्धियां और परिवार के प्रति उनका प्यार उन्हें एक बेहतरीन इंसान बनाता है। चाहे क्रिकेट का मैदान हो या पारिवारिक जिम्मेदारियां, सहवाग ने हर भूमिका को शानदार तरीके से निभाया है।

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virender sehwag wife : वीरेंद्र सहवाग का करियर भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास रहा है। उन्होंने अपने आक्रामक खेल से क्रिकेट फैंस को अनगिनत यादगार पल दिए। उनके रिकॉर्ड, शैली और क्रिकेट के प्रति समर्पण ने उन्हें महान खिलाड़ियों की सूची में शामिल किया है। चाहे उनकी बल्लेबाजी हो, कप्तानों के साथ संबंध हों या निजी जिंदगी, सहवाग हमेशा चर्चा में रहते हैं। उनके योगदान को भारतीय क्रिकेट हमेशा याद रखेगा।

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जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि

virender sehwag age : वीरेंद्र सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1978 को हरियाणा के नजफगढ़ में हुआ था। वह एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता का नाम कृष्ण सहवाग और माता का नाम कृष्णा सहवाग है। वीरेंद्र अपने चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। उनके परिवार का पेशा कृषि और अनाज व्यवसाय था। बचपन से ही सहवाग का क्रिकेट के प्रति गहरा लगाव था, और उनके माता-पिता ने उनकी इस रुचि का पूरा समर्थन किया। अभी उनके दो बेटे है।

Virendr Sehwag Family : शादी और निजी जीवन

Virendr Sehwag Family : वीरेंद्र सहवाग ने 22 अप्रैल 2004 को आरती अहलावत से शादी की। यह शादी भारतीय क्रिकेट इतिहास की चर्चित शादियों में से एक रही। आरती और वीरेंद्र की मुलाकात तब हुई थी, जब वह महज 7 साल के थे। यह मुलाकात उनके परिवारों के आपसी संबंधों के कारण हुई थी। धीरे-धीरे इन दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती गई, और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। सहवाग और आरती ने अपने परिवारों को मनाकर इस रिश्ते को शादी में बदला। सहवाग और आरती के दो बेटे हैं – आर्यवीर सहवाग और वेधांत सहवाग। दोनों बच्चे पढ़ाई में रुचि रखते हैं और सहवाग के दिल्ली स्थित इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ते हैं, जिसे उन्होंने खुद स्थापित किया है।

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Virendra Sehwag की नेटवर्थ, महंगे खिलाड़ी

Virender Sehwag की नेटवर्थ की बात करें तो उनके पास अनुमानित 370 करोड़ से ज्यादा की प्रोपर्टी है। सहवाग ने आईपीएल से भी काफी पैसा कमाया है। वह पंजाब किंग्स के साथ मेंटर के तौर पर जुड़े थे। उनके पास सैमसंग, रीबॉक, एडिडास जैसे ब्रांड्स के साथ काम करके भी सहवाग ने धन अर्जित किया। दिल्ली में सहवाग का एक बड़ा घर भी है। उनके कार कलेक्शन की बात करें, तो बीएमडब्ल्यू 5 के अलावा रेंज रोवर, बेंटले कॉन्टिनेंटल फ़्लाइंग भी हैं। सहवाग ने कमेंट्री की दुनिया में भी कदम रखा था लेकिन ऐसा माना जाता है कि उनकी फीस काफी ज्यादा है। इसी वजह से वह टीवी विशेषज्ञ के तौर पर ज्यादा नहीं दिखते क्योंकि वह काफी पैसे चार्ज करते हैं। वीरेंद्र सहवाग दिल्ली के एक शानदार बंगले में रहते हैं। यह बंगला आधुनिक सुविधाओं से लैस है और इसके साथ एक बड़ा गार्डन भी है। सहवाग का परिवार उनके इसी बंगले में रहता है। इसके अलावा, सहवाग के पास हरियाणा में भी कुछ संपत्तियां हैं।

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Career of Virender Sehwag : सहवाग की बल्लेबाजी शैली

Career of Virender Sehwag : वीरेंद्र सहवाग की बल्लेबाजी शैली आक्रामक थी। वह पहली ही गेंद से गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे। चाहे वह टेस्ट हो, वनडे या टी20, उनकी स्ट्राइक रेट हमेशा प्रभावशाली रही। सहवाग के खेल का यह अंदाज क्रिकेट के पारंपरिक ढांचे से बिल्कुल अलग था। वह टेस्ट क्रिकेट में भी वनडे की तरह बल्लेबाजी करते थे। सहवाग ने अपने करियर के दौरान कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए, जो उन्हें क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में शामिल करते हैं। वह टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं। इसके अलावा, सहवाग ने 2010 में आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल किया।

राष्ट्रीय टीम से ड्रॉप होने का दर्द

हाल ही में वीरेंद्र सहवाग ने अपने करियर के बारे में एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें भारतीय टीम से ड्रॉप नहीं किया जाता, तो वह टेस्ट क्रिकेट में 10,000 से ज्यादा रन बना सकते थे। 2006-07 में खराब फॉर्म के कारण सहवाग को राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम से बाहर कर दिया गया था। उस समय सहवाग ने संन्यास लेने का भी विचार किया था, लेकिन सचिन तेंदुलकर के कहने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया।

2007-08 में अनिल कुंबले की कप्तानी में सहवाग की टेस्ट टीम में वापसी हुई। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड ओवल में 151 रनों की पारी खेली, जो उनकी वापसी का प्रतीक बन गई। इसके बाद सहवाग ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में 319 रनों की पारी खेली, जो उनके करियर की एक और ऐतिहासिक पारी रही।

कप्तानों का भरोसा

वीरेंद्र सहवाग ने सौरव गांगुली और अनिल कुंबले की कप्तानी को अपने करियर के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इन दोनों कप्तानों ने उन पर भरोसा दिखाया, जो किसी भी खिलाड़ी के आत्मविश्वास के लिए जरूरी होता है। गांगुली की कप्तानी में उन्हें करियर की शुरुआत में मौके मिले, जबकि कुंबले ने टीम में उनकी वापसी सुनिश्चित की।

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Virender Sehwag and wife Aarti Ahlawat : अफवाह या सच

Virender Sehwag and wife Aarti Ahlawat : वीरेंद्र सहवाग ने 2004 में आरती अहलावत से शादी की थी। यह एक लव मैरिज थी, जो बाद में परिवारों की सहमति से अरेंज मैरिज में बदल गई। सहवाग और आरती के दो बेटे हैं। हालांकि, हाल ही में उनके निजी जीवन में अनबन की खबरें सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर अनफॉलो कर दिया है। हालांकि अभी तक सहवाग या उनकी पत्नी की तरफ से कोई अधिकारिक बात, बयान सामने नहीं आया है। इस तरह तलाक की खबरों को सिर्फ अफवाह ही माना जा सकता है।

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सहवाग की संपत्ति और ब्रांड वैल्यू

वीरेंद्र सहवाग भारतीय क्रिकेटरों में सबसे अमीर खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 370 करोड़ रुपये है। उन्होंने आईपीएल और ब्रांड एंडोर्समेंट से भी काफी धन अर्जित किया है। सहवाग ने सैमसंग, रीबॉक और एडिडास जैसे ब्रांड्स के साथ काम किया है। उनके पास बीएमडब्ल्यू 5 और बेंटले कॉन्टिनेंटल फ्लाइंग जैसी लग्जरी कारें हैं। दिल्ली में उनका एक बड़ा घर भी है।

सहवाग ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कमेंट्री और कोचिंग में भी कदम रखा। हालांकि, यह माना जाता है कि उनकी फीस काफी ज्यादा है, इसलिए वह टीवी पर कम ही नजर आते हैं। वह पंजाब किंग्स के मेंटर भी रह चुके हैं। इसके अलावा, दिल्ली में सहवाग का एक इंटरनेशनल स्कूल भी है, जो शिक्षा के क्षेत्र में उनकी दिलचस्पी को दर्शाता है।

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सहवाग का क्रिकेट के प्रति योगदान

वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकेट को नया आयाम दिया। उनकी बल्लेबाजी ने न केवल भारतीय क्रिकेट को बदल दिया, बल्कि विश्व क्रिकेट पर भी गहरा प्रभाव डाला। वह ऐसे खिलाड़ी थे, जिन्होंने गेंदबाजों को हमेशा दबाव में रखा। सहवाग का करियर नई पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए प्रेरणादायक है।

सहवाग का संन्यास

सहवाग ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया। संन्यास के बाद भी वह विभिन्न प्लेटफॉर्म पर क्रिकेट से जुड़े रहे। वह वेटरन क्रिकेटरों की लीग में भी खेले और युवा क्रिकेटरों को प्रेरित करने का काम किया।

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वीरेंद्र सहवाग का क्रिकेट करियर

वीरेंद्र सहवाग ने भारत के लिए कुल 104 टेस्ट, 251 वनडे और 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने लगभग 50 के औसत और 82 के स्ट्राइक रेट से 8586 रन बनाए। उनके नाम दो तिहरे शतक दर्ज हैं, जो उन्हें अन्य भारतीय बल्लेबाजों से अलग बनाते हैं। उन्होंने 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में 309 रनों की पारी खेली थी, जिसे क्रिकेट इतिहास में “मुल्तान का सुल्तान” के नाम से जाना जाता है। दूसरा तिहरा शतक उन्होंने 2008 में चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। वनडे क्रिकेट में उनके नाम 8273 रन दर्ज हैं, जिसमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। यह कारनामा उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ इंदौर में किया था। सहवाग टी20 क्रिकेट में भी टीम इंडिया के लिए खेले, जहां उन्होंने 145 के स्ट्राइक रेट से 394 रन बनाए। उनके अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 38 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं।

अमेरिकी फैसले का भारत पर कितना पड़ सकता है प्रभाव

अगर अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित जन्मजात नागरिकता (Birthright Citizenship) पर प्रतिबंध लागू हो जाता है, तो इसका भारत पर कई तरह से प्रभाव पड़ सकता है। यह प्रभाव प्रवासियों, भारतीय मूल के लोगों और भारत-अमेरिका संबंधों के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकता है। अगर अमेरिका में जन्मजात नागरिकता पर रोक लगती है, तो इसका प्रभाव भारतीय प्रवासियों और भारत-अमेरिका संबंधों पर स्पष्ट रूप से महसूस किया जाएगा। यह न केवल भारतीय मूल के लोगों की स्थिति को कमजोर कर सकता है, बल्कि भारत को भी इस नई परिस्थिति के अनुरूप अपनी विदेश नीति और प्रवासी हित संरक्षण योजनाओं को मजबूत करना होगा।

1. भारतीय प्रवासियों पर प्रभाव

अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं। इनमें से कई भारतीय परिवार अमेरिका में स्थायी निवास के लिए वीजा पर रहते हैं या ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में हैं। वर्तमान में, अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी बच्चे को नागरिकता दी जाती है, भले ही उनके माता-पिता की नागरिकता या वीजा स्थिति कुछ भी हो।

अगर यह प्रावधान समाप्त हो जाता है, तो उन भारतीय परिवारों के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी, जो अस्थायी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं। उनके बच्चों को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिल सकेगी, जिससे उनकी शिक्षा, रोजगार, और कानूनी स्थिति पर असर पड़ सकता है। इससे प्रवासी भारतीयों का अमेरिका में रहने और काम करने का आकर्षण भी कम हो सकता है।

2. भारतीय छात्रों पर असर

अमेरिका भारतीय छात्रों के लिए शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। यदि जन्मजात नागरिकता पर रोक लगती है, तो इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव भारतीय छात्रों पर भी पड़ सकता है। जो छात्र वहां पढ़ाई के बाद नौकरी करना चाहते हैं और लंबे समय तक अमेरिका में रहना चाहते हैं, उनके लिए भविष्य की योजनाएं जटिल हो सकती हैं।

इस फैसले के कारण अमेरिका में एक ऐसा माहौल बन सकता है, जो प्रवासियों और उनके परिवारों के लिए कम अनुकूल हो। इससे भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए अन्य देशों, जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया या यूरोप की ओर रुख करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।

3. भारतीय-अमेरिकी संबंधों पर प्रभाव

भारत और अमेरिका के बीच मजबूत आर्थिक और रणनीतिक संबंध हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक इन संबंधों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर जन्मजात नागरिकता पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो भारतीय समुदाय पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो अमेरिका में भारतीय हितों को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

4. रिवर्स माइग्रेशन का बढ़ना

अगर जन्मजात नागरिकता का अधिकार सीमित हो जाता है, तो कई भारतीय परिवार अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अमेरिका छोड़कर भारत लौट सकते हैं। इससे भारत में टैलेंट और स्किल्स की वापसी हो सकती है, लेकिन यह भारत की रोजगार और संसाधन प्रबंधन की चुनौतियों को बढ़ा सकता है।

5. वैश्विक दृष्टिकोण और भारत की रणनीति

अमेरिका का यह कदम प्रवासी नीतियों को लेकर एक नया वैश्विक रुझान पैदा कर सकता है। अन्य देश भी प्रवासियों और उनकी नागरिकता के अधिकारों पर सख्त नीतियां अपना सकते हैं। ऐसे में भारत को अपने प्रवासियों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा के लिए नई रणनीतियां बनानी होंगी।

Author

  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com