नगरपरिषद राजसमंद की बजट बैठक रविवार को हंगामेदार रही। बजट पर चर्चा शुरू होते ही गत बैठक के प्रतिवेदन के सवाल को लेकर और भाजपा के पार्षद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे और हंगामे के बीच 170 करोड़ का बजट पारित कर दिया गया। पानी की बोतल लहराते हुए फेंकी और बजट बैठक के दस्तावेज भी फाड़कर फेंके। हालात इतने बेकाबू हो गए कि कई पार्षद मैज पर चढ़ गए और वेल में आकर दोनों दलों के पार्षदों में हाथापाई हो गई। विवाद बढने के बाद राजनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश करते हुए पार्षदों को इधर उधर किया। उसके बाद भी शाम तक भाजपा व कांग्रेस पार्षदों में तनावपूर्ण हालात बने रहे। दोनों पक्षों के द्वारा एक दूजे के खिलाफ राजनगर थाने में रिपोर्ट दी गई।
नगरपरिषद राजसमंद के सभागार में ठीक 11.30 बजे बोर्ड बैठक शुरू हो गई, जिसके प्रारंभ में तीन नगरपरिषद सभापति अशोक टांक प्रतिवेदन पड़ने लगे। भाजपा पार्षद चंपालाल कुमावत ने सवाल खड़े करते हुए पूर्व बजट बैठक की प्रोसेडिंग मांग ली। इस पर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष के भाजपा पार्षदों में तीखी बहस शुरु हो गई। तीखी तकरार के बाद पार्षद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लग गए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे नगरपरिषद सभापति और विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने पार्षदों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन पार्षद खड़े हो गए और नारेबाजी करने लग गए। फिर हंगामा इतना बढ़ गया कि पार्षद एक दूसरे पर सामान फैंकने लगे। हालात इतने बेकाबू हो गए कि राजनगर थाने में सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दोनों ही पक्षों में बीच बचाव किया। साथ ही शांतिभंग करने वालों के खिलाफ शिकायत देने की बात कही। इसके बाद भाजपा के पार्षद विधायक के साथ हंगामा और अभद्रता करने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। विधायक ने सभापति व उप सभापति के साथ सभी पार्षदों को जिम्मेदार ठहराते हुए रिपोर्ट दी।
बैठक की मर्यादा तार-तार, टेबल चढे़ पार्षद
नगरपरिषद की बजट बैठक में अनुशासन की मर्यादाएं तार तार हो गई, जिसमें खुलेआम पार्षदों ने पानी की बोतलें फेंकी, पानी उछाला, बजट बैठक के दस्तावेज फाड़कर फेंके। पानी की बोतल सभापति व विधायक पर जाकर गिरी। इस पर विधायक, सभापति के साथ आयुक्त जनार्दन शर्मा भी खड़े होकर शांति बनाए रखने व समझाइश के प्रयास करते रहे, लेकिन भाजपा व कांग्रेस दोनों ही दलों के पार्षद धक्कामुक्की पर उतारू हो गए। नारेबाजी का ऐसा हंगामा हुआ कि पार्षदों की चीख के चलते कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। इस तरह नगर निकाय बैठक के सारे कायदे धरे रह गए।
नगरपरिषद में कांग्रेस पार्षद की बैठक
बजट बैठक में हंगामा होने के बाद कांग्रेस पार्षद एकत्रित होकर नगरपरिषद कार्यालय पहुंच गए, जहां सभापति अशोक टांक के सभी पार्षदों ने भाजपा पर नैतिकता की हदें पार करने का आरोप लगाते हुए निंदा की। सभापति व उप सभापति चुन्नीलाल पंचोली ने पार्षद सूर्यप्रकाश जांगीड़ पर शराब पीकर बैठक में शामिल होने का आरोप लगाया। साथ ही महिला पार्षदों से भी अभद्रता का करने का आरोप लगाया।
गैर सदस्य भी बैठक में शामिल
बजट बैठक में पार्षद राजकुमारी पालीवाल पति शारीरिक शिक्षक दाउ पालीवाल सहित कुछ महिला पार्षदों पति के भी शामिल हुए। बैठक जब हंगामा हुआ, तो कई गैर सदस्य भी बैठक में आ गए। विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने नगरपरिषद कार्मिक रेणु शर्मा पर वीडियो बनाने व पार्षद दीपक से अभद्रता से पेश आने का आरोप लगाया। विधायक ने कहा दोनों सरकारी कार्मिकों को हटाने के लिए विधानसभा में मुद्दा उठाएगी।
विधायक के साथ भाजपा पार्षद एसपी से मिले
बजट बैठक में हंगामे के बाद भाजपा के सभी पार्षद विधायक दीप्ति माहेश्वरी के साथ विधायक कार्यालय पर पहुंचे, जहां एकत्रित हुए और कांग्रेस पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए आक्रोश जताया। फिर सभी भाजपा पार्षद एसपी सुधीर चौधरी से मिले और उचित कार्रवाई की मांग की। एसपी ने राजनगर थाने में रिपोर्ट देने की बात की, तो सभी पार्षद राजनगर थाने में पहुंचे, जहां सीआई हनवंतसिंह ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
विधायक बोली- कांग्रेस के प्री प्लान से हुआ हंगामा
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने भाजपा कार्यालय पर प्रेसवार्ता में कहा कि नगरपरिषद बजट बैठक पहले तो राज्य बजट के बाद सिर्फ फॉर्मलिटी के लिए रखी थी। बजट की प्रति ही एक दिन मिली। बैठक शुरू होने पर पार्षद चंपालाल ने सवाल किया, तो बेवजह कांग्रेस पार्षद हंगामा करने लग गए। पानी की बोतलें फेंकी, मगर सभापति मौन रहे। मतलब स्पष्ट है कि प्री प्लान के तहत यह हंगामा हुआ, जो निंदनीय है।
महिला पार्षदों ने भी की धक्कामुक्की
बजट बैठक में भाजपा व कांग्रेस पार्षदों में तीखी तकरार व धक्कामुक्की के दौरान महिला पार्षद भी आमने सामने हो गई। महिला पार्षद भी हाथापाई करते हुए और कुछ लोग बीच बचाव करते रहे। हंगामे के बीच विधायक भी धक्कामुक्की की शिकार हो गई।