World’s Tallest Shiv Statue : दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा को लेकर पहले राजस्थान विधानसभा में विधायक विश्वराजसिंह मेवाड़ और फिर संसद में सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ द्वारा सवाल उठाने के बाद मिराज समूह के सीएमडी मदन पालीवाल ने प्रेसवार्ता के माध्यम से अपने मन की बात रखी। साथ ही पालीवाल बोले कि जिनको विश्वास स्वरूपम बोलना नहीं आता, वो इस प्रतिमा को लेकर कमेंट कर रहे हैं। पालीवाल ने कहा कि मैं स्थानीय लोगों को क्लीयर कर देना चाहता हूं कि वे भ्रमित न हो। फिर बोले कि यह धर्म परिसर नहीं है, आस्था का परिसर है। यह विश्वास, आस्था की बात है। विश्वास हो तो कंकर भी शंकर बन जाता है और विश्वास न हो तो शंकर भी कंकर संभव है। पत्रकारों के सवालों पर पालीवाल ने कहा कि मैं इसे ताला भी लगा दूंगा, कोई विशेष बात नहीं है, मगर जरा सोच कर देखिए, प्रतिदिन कितने लोगों का घर यहां से चल रहा है।
पत्रकारों ने पूछा कि क्या संसद व विधानसभा में उठे सवालों का जवाब है, तो मिराज समूह सीएमडी पालीवाल बोले कि मैं जनप्रतिनिधियों के लिए कुछ नहीं बोलता हूं, पर यह स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि जिनको विश्वास स्वरूपम बोलना नहीं आता, वे कमेंट कर रहे हैं। इससे ज्यादा मैं और क्या कहूं। पालीवाल ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, मगर पराजित नहीं। जिनको विश्वास स्वरूपम बोलना नहीं आता, वो इस पर कुछ अपने भाव व्यक्त कर रहे। इसलिए मैंने सभी मीडियाकर्मियों को निमंत्रण दिया, ताकि आप स्टार्टिंग यानि प्रवेश से लेकर जलाभिषेक तक आप खुद देखो और फिर जो अनुभव करों, वैसा अपने अपने ढंग से साझा कर देना जो सच हो, वो प्रचारित करना, असत्य हो उसका खंडन करना। जो कुछ है, वह आप अपनी आंखों से देखें, क्योंकि झूठी बात बार बार बोलने से कई बार लोग उसे सच मानने लग जाते हैं, इसलिए मुझे स्थानीय लोगों को स्पष्ट करना है कि कोई भ्रमित न हो। वास्तविकता आप खुद आकर देख सकते हो कि आखिर यहां क्या है और सच्चाई क्या है और कुछ लोगों द्वारा सवाल क्या उठाए जा रहे हैं।
Miraj Group CMD : यह दर्शनीय स्वरूप है, पूजनीय नहीं है
Miraj Group CMD पालीवाल ने कहा कि दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का स्थल धर्म परिसर नहीं है। यह एक आस्था का परिसर है, एक विश्वास का परिसर है। यह दर्शनीय स्वरूप है, पूजनीय नहीं है। हालांकि यह अपने अपने श्रद्धा भाव की बात भी है। लोग जूते चप्पल की बात तो दूर, मोजे पहनकर भी शिव प्रतिमा के ऊपर नहीं जा रहे हैं। ऊपर भी विधि विधान से प्रतिमा पर लोग जलाभिषेक कर रहे हैं। अगर मन में श्रद्धा भाव है, तो कंकड़ भी शंकर हो जाता है और श्रद्धा न तो शंकर भी…। श्रद्धा रहित आओगे तो शिव प्रतिमा पाओगे। श्रद्धा व विशवास से ही यह स्वरूप खड़ा हुआ है।
ज्यादा कमाई लग रही है, तो एक साल ठेके पर चला लीजिए
मदन पालीवाल बोले कि नाथद्वारा में विश्वास स्वरूपम देखने 15 लाख लोग आ चुके हैं। इससे लोग गणित लगा रहे हैं कि करोड़ों रुपए कमा लिए। जिन्हें भी यह गलतफहमी है, तो एक साल के लिए ठेके पर चला कर देख लीजिए। यहां सनातन संस्कृति के बारे में बताया जा रहा है। यह व्यवसाय या व्यापार नहीं है। इसे मेंटेन करने के लिए कितना खर्च हो रहा है, वह देख लीजिए। यहां नन्दी पाल रहे हैं, गायों को पाला जा रहा है, पक्षियों के लिए दाना डाल रहे हैं। शिव प्रतिमा देखें और उसके बाद लाइट एंड साउंड शो भी देखकर जाना, ताकि वास्तविकता पता चले। आज विश्व व भारत में धर्म के नाम पर क्या हो रहा है, उसे भी देख लीजिए और समझ लीजिए। क्योंकि मैंने खुद लिखा और बोला है, जिसे फिल्माया गया है। लाइट एंड साउंड के माध्यम से सातों दिन अलग अलग फिल्मांकन हो रहा है।
दर्शन और प्रदर्शन के अंतर को समझना होगा
पालीवाल बोले कि लोग किसी भी जगह जाए, वहां अगर सच्चे मन व आस्था से जाएगा, तो वहां पर उसे वैसा ही महसूस होगा। चाहे एकलिंगनाथ के मंदिर ही चले जाए और अगर आस्था नहीं है, तो वहां पर भी शांति या सुकून नहीं मिलेगा। हर व्यक्ति को कहीं पर भी जाने से पहले यह सब सोच विचार करना होगा। यह विश्वास की बात है। पालीवाल ने मीराबाई का उदाहरण देते हुए कहा कि विष भी अमृत बन गया। भक्त प्रहलाद के विश्वास की वजह से ही नृसिंह अवतार हुआ। इसलिए यह तो विश्वास की बात है। किसी भी जगह दर्शन के लिए जाए तो वह तो लोगों की अपनी अपनी श्रद्धा की बात है।
नाथद्वारा का व्यवसाय और रोजगार बढ़ा है
मिराज समूह सीएमडी बोले कि विश्वास स्वरूपम की स्थापना के बाद नाथद्वारा क्षेत्र का व्यवसाय बढ़ा है, कई लोगों को रोजगार भी मिला है। लोग पहले भी आते थे, मगर चले जाते हैं। जब लोगों का नाथद्वारा में ही टाइम पास हो रहा है। विश्वास स्वरूप देखने के बाद लाइट एंड साउंड देखते देखते रात 10 बज जाती है, तो लोग होटल में ठहरने लगे हैं। इससे ऑटो रिक्शा चालकों का बिजनेस भी बढ़ा है। शहर का विस्तार व विकास होने से कई परिवारों का घर चलने लगा है। त्रि नेत्र सर्कल बनाया, तो आज वहां कितनी चहल पहल है, कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है। नगरपालिका ने भी श्री कृष्ण सर्कल बनाया, आज वहां भी लोगों को रोजगार मिल रहा है। नाथद्वारा में आने वाले लोग ठहरेंगे, रूकेंगे, तभी लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
15 साल पहले आईसीयू बनाया, हार्ट का डॉक्टर तो लगवा दो
मदन पालीवाल ने कहा कि पालीवाल बोले कि मेरे से गलती यह हो गई कि सरकारी जमीन को लेकर इसको बना दिया। मैंने 15 साल पहले सुविधा के लिए आईसीयू बनवा दिया, वहां आज भी सुविधाओं का अभाव है। एक हार्ट का डॉक्टर तो लगवा दीजिए। अनर्गल बातें करने की बजाय यदि कुछ करना ही है तो अस्पताल के बारे में सोचे और यहां व्यवस्थाएं सुधारे।
जूते पहन प्रतिमा पर जाने की बात सत्य नहीं
पालीवाल ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि जो बातें की जा रही है कि जूते पहनकर जा रहे हैं, डांस हो रहे हैं। ऐसे में कोई यदि बिना देखे अनुमान से बोलते हैं तो वह सत्य नहीं है। जबकि यहां पर शाम को सात प्रकार के लाइट एंड साउंड शो होते हैं, जो भावी पीढ़ी के लिए राह प्रशस्त व प्रेरणास्पद है।
Lord Shiva Tallest Statue : 20 किलोमीटर दूर से शिव दर्शन
- 250 साल तक सुरक्षित रखने के लिहाज से डिजाइन आईआईटी रूड़की के सीनियर प्रोफेसर से पास करवाई है।
- प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट, ऊंचाई पर हवा के प्रभाव का टेस्ट आस्ट्रेलिया में हुआ है।
- 250 किमी की रफ्तार से चलने वाली हवा भी प्रतिमा पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- बरसात-धूप से बचाव के लिए कांक्रीट पर जिंक की कोटिंग व कॉपर कलर।
- शिव प्रतिमा का सिर 70 फीट लंबा है।
- 20 किमी दूर से भी दिखती है प्रतिमा।
- प्रतिमा अंदर से एयरकंडीशन्ड है।
- प्रतिमा के अंदर 4 लिफ्ट लगी हैं।
- दो लिफ्ट 110 फीट ऊंचाई तक एक बार में 30 श्रद्धालुओं को ले जाएगी
- 2 अन्य लिफ्ट 110 से 351 फीट ऊंचाई तक जाएगी। 13 लोग एक साथ जा सकेंगे।
- दो मंजिला पार्किंग, जहां पर 250 कारें, 200 दुपहिया की क्षमता
- 13 हजार स्क्वायर फीट का अराइवल प्लेटफाॅर्म है। पर्यटक सेल्फी ले सकेंगे।
- 17 हजार 500 स्क्वायर फीट में लेजर फाउंटेन। 500 पर्यटक लुत्फ ले सकेंगे।
Shiva mandir : एक नजर विश्वास स्वरूपं पर
statue of belief : विश्व की सबसे ऊंची शिव मूर्ति की अपनी एक अलग ही विशेषता है, 369 फ़ीट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली प्रतिमा होगी जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है। प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं। प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है। प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है। 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी। इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है। बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया, प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है।
Shiva Statue : 8 चीजें बनाती शिव प्रतिमा काे भव्य
- 110 फीट ऊंचा है शिव प्रतिमा का आधार
- 2.5 lakh क्यूबिक मीटर सीमेंट-कंक्रीट लगी
- प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं
- प्रतिमा के निर्माण में 10 साल का समय
- 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल
- प्रतिमा का निर्माण 250 साल की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है
- 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी
- इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है
- प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधाओं ओर मनोरंजन के लिये बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है
- यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी, जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आएंगे. साथ ही फुटकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग, एडवेंचर पार्क और जंगल कैफे का निर्माण भी किया गया है।
- 30 हजार टन है प्रतिमा का कुल वजन
- 400 लोग बैठ सकेंगे फूड कोर्ट में
- 2601 टन लोहा निर्माण में लगा है।
- 52380 फीट में हैं बने हैं तीन हर्बल गार्डन
- 16 एकड़ में फैला है प्रतिमा स्थल