01 110 https://jaivardhannews.com/youth-had-to-celebrate-cricket-victory-heavy-case-filed-for-sending-abusive-messages-court-rejected-bail-plea/

T20 वर्ल्ड कप क्रिकेट प्रतियोगिता (world cup cricket tournament) में भारत पर पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने वाले आरोपी की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी। आरोपी ने पाक की जीत पर पर सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर कोर्ट ने इसे बहुत ही गंभीर मानते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।

राजस्थान के जोधपुर जिले के पीपाड़ में टी-20 वर्ल्ड कप मैच के दौरान भारत की हार व पाकिस्तान की जीत पर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए खुशी मनाई। ग्रामीणों ने इस पर रोष जताते हुए पुलिस में रिपोर्ट दी है। पुलिस ने दो युवकों के खिलाफ देश के खिलाफ अपमानजनक मैसेज भेजने का मामला दर्ज कर अब्दुल रशीद पुत्र गफार खान निवासी ईसाकखों की ढाणी को गिरफ्तार किया था। कोर्ट से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।

आज अब्दुल रशीद की तरफ से अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अलका जोशी के समक्ष जमानत याचिका पेश की गई। आरोपी की तरफ से कहा गया कि वह निर्दोष, है और इस मामले में उसे झूठा फंसाया गया है। कोर्ट ने कहा कि पत्रावलियों को देखने से स्पष्ट है कि आरोपी ने देश विरोधी असौहार्द की भावनाएं भड़काने का प्रयास किया। साथ ही परिवादी महेन्द्र टाक को धमकी भी दी। ऐसे में उसे जमानत प्रदान नहीं की जा सकती है।

सजा का ये है प्रावधान

पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 15 क व 153 ख के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में कहा गया है कि बोले गए या लिखे गए शब्दों या संकेतों या दृश्यरूपणों द्वारा या अन्यथा विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय या भाषायी या प्रादेशिक समूहों, जातियों या समुदायों के बीच असौहार्द्र अथवा शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर संप्रवर्तित करेगा या संप्रवर्तित करने का प्रयत्न करेगा। वहीं 153 ख के अनुसार कोई ऐसा कार्य करेगा, जो विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच सौहार्द्र बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है और जो लोक-शान्ति में विघ्न डालता है या जिससे उसमें विघ्न पड़ना सम्भाव्य हो। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। इसके तहत तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है।

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  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com