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India’s GDP growth : भारत की आर्थिक विकास दर को लेकर ताजे आंकड़े सामने आए हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि वित्त वर्ष 2024-25 में GDP की वृद्धि दर 6.4% तक रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा एक साल पहले यानी, 2023-24 में 8.2% के स्तर पर था। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा 7 जनवरी, 2025 को जारी किए गए इन आंकड़ों के अनुसार, भारत की विकास दर पिछले चार वर्षों में पहली बार 7% से नीचे जा सकती है।
GDP of India : आर्थिक वृद्धि में धीमी गति
GDP of India : पिछले कुछ वर्षों से भारत की GDP में लगातार अच्छा उछाल देखा गया था, जिसमें वित्त वर्ष 2022 में 9.7%, 2023 में 7%, और 2024 में 8.2% की वृद्धि दर्ज की गई थी। हालांकि, अब विशेषज्ञों का कहना है कि अगले वित्त वर्ष में यह वृद्धि धीमी पड़ सकती है, लेकिन फिर भी भारत दुनिया के प्रमुख देशों की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 के पहले हाफ (H1) में आर्थिक गतिविधियों में कुछ सुस्ती आ सकती है, लेकिन मंत्रालय को उम्मीद है कि कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि के साथ-साथ ग्रामीण मांग में सुधार होने से दूसरी छमाही में जीडीपी की वृद्धि फिर से बेहतर हो सकती है।
भारत की स्थिर विकास दर: एक सकारात्मक संकेत
भारत की आर्थिक मंदी के बावजूद, यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि भारत प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इस वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ केवल 4.6% रही, जबकि जापान की अर्थव्यवस्था 0.9% की मामूली दर से बढ़ी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अभी भी वैश्विक मंदी के बावजूद अपनी आर्थिक स्थिति को संभालने में सक्षम है।
GDP Definition Economics : GDP: अर्थव्यवस्था की सेहत का मापदंड
GDP Definition Economics : GDP या सकल घरेलू उत्पाद किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का सबसे महत्वपूर्ण सूचकांक है। यह किसी देश के भीतर एक विशेष समयावधि में उत्पादित सभी सामान और सेवाओं की कुल मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है। GDP में उस देश के भीतर कार्यरत विदेशी कंपनियों द्वारा उत्पादित वस्तुएं और सेवाएं भी शामिल होती हैं। यह एक तरह से देश की समग्र आर्थिक गतिविधियों की तस्वीर पेश करता है।
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Economy of india : GDP के दो प्रमुख प्रकार
Economy of india : GDP दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जाता है: रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में वस्तुओं और सेवाओं की कुल मूल्य का आंकलन एक स्थिर मूल्य पर किया जाता है, जबकि नॉमिनल GDP का आंकलन वर्तमान बाजार दरों पर किया जाता है। वर्तमान में, भारत की GDP की गणना के लिए 2011-12 को बेस ईयर के रूप में लिया गया है। रियल GDP का उपयोग अधिक सटीक और दीर्घकालिक विकास दर को समझने के लिए किया जाता है।
GDP formula : GDP की गणना का तरीका
GDP की गणना के लिए एक साधारण फार्मूला होता है:
GDP = C + G + I + NX
यहां पर:
- C (Private Consumption) का मतलब है व्यक्तिगत खपत, यानि उपभोक्ताओं द्वारा खर्च किए गए पैसे।
- G (Government Spending) का मतलब है सरकारी खर्च, यानी सरकार द्वारा किए गए खर्चे।
- I (Investment) का मतलब है निवेश, यानी कंपनियों और अन्य संस्थाओं द्वारा किए गए निवेश।
- NX (Net Exports) का मतलब है निर्यात और आयात का अंतर। यदि निर्यात ज्यादा है, तो यह GDP में सकारात्मक योगदान करता है, जबकि यदि आयात ज्यादा है, तो इसका असर नकारात्मक हो सकता है।
GDP वृद्धि को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक
GDP की वृद्धि या गिरावट के लिए मुख्य रूप से चार कारक जिम्मेदार होते हैं:
- उपभोक्ता खर्च (Private Consumption): जब आप और हम व्यक्तिगत रूप से खर्च करते हैं, तो वह हमारी अर्थव्यवस्था में योगदान करता है। बढ़ती मांग से उत्पादन में वृद्धि होती है, जो GDP को बढ़ाता है।
- व्यवसायों की वृद्धि (Business Growth): प्राइवेट सेक्टर में कंपनियों और व्यापारों का विकास भी GDP में अहम योगदान करता है। व्यवसायों के निवेश और विस्तार से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती है।
- सरकारी खर्च (Government Spending): सरकार का खर्च भी GDP वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और अन्य सरकारी योजनाओं पर खर्च करने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
- निर्यात और आयात (Net Exports): भारत में आयात निर्यात से ज्यादा होता है, जिसका असर GDP पर नकारात्मक पड़ता है। जब देश अधिक आयात करता है, तो यह GDP वृद्धि को प्रभावित करता है।
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अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत
हालांकि, भारत की GDP वृद्धि में थोड़ी धीमी गति देखने को मिल सकती है, फिर भी देश की स्थिर आर्थिक स्थिति और सुधार की दिशा में उम्मीद बनी हुई है। कृषि और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार और ग्रामीण इलाकों में बढ़ती मांग से आगामी तिमाहियों में विकास दर में सुधार की उम्मीद है। भारत की स्थिति इस समय बहुत बेहतर है, और यह आगामी वर्षों में अपने आर्थिक विकास को तेज कर सकता है। भारत की GDP वृद्धि दर 6.4% पर रहने का अनुमान है, जो कुछ आर्थिक मंदी के संकेत हैं, लेकिन फिर भी भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। यह दर्शाता है कि हमारे देश के आर्थिक ढांचे में मजबूती और स्थिरता है, जो भविष्य में भारत को और भी उच्च विकास दर की ओर ले जा सकता है।