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Cyber crime : ऑनलाइन स्कैम के मामलों में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है, और इससे जुड़ी एक बड़ी चिंता यह है कि स्कैमर्स को आपकी व्यक्तिगत जानकारी कैसे मिल जाती है? क्या आपने कभी सोचा है कि आपका नाम, मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल्स स्कैमर्स तक कैसे पहुँच जाते हैं? यह एक गंभीर सवाल है, और आज हम आपको इसकी पूरी कहानी बताने जा रहे हैं, ताकि आप समझ सकें कि ये अपराधी आपके डेटा तक कैसे पहुंचते हैं और आप इनसे बचने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं।

Online Scam Update : स्कैमर्स के पास कैसे पहुँचती है आपकी जानकारी?

Online Scam Update : ऑनलाइन ठगी करने वाले स्कैमर्स के पास आपकी बहुत सारी जानकारी आसानी से पहुँच जाती है। यह कोई असाधारण या अनहोनी घटना नहीं है, बल्कि एक संगठित और प्रोफेशनल नेटवर्क का हिस्सा है। शुरुआती दिनों में, स्कैमर्स सिर्फ रैंडम नंबरों को कॉल करते थे या चुराए गए डेटाबेस का इस्तेमाल करते थे। लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। अब वे आसानी से पब्लिक डाटाबेस से नाम, नंबर और अन्य व्यक्तिगत जानकारी खरीद सकते हैं।

आजकल, स्कैमर्स इन जानकारियों के लिए मामूली भुगतान करते हैं और इनमें से कुछ जानकारी की लिस्ट को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है। इतना ही नहीं, वे अब सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी लोगों का डेटा निकालने में माहिर हो गए हैं। इस प्रकार, सोशल मीडिया पर जितने अधिक लोग हैं, उतनी ही आसानी से स्कैमर्स को उनकी जानकारी मिल जाती है। इस डिजिटल युग में, जानकारी इतनी आसानी से उपलब्ध हो जाती है कि हम सभी को इससे बचने के उपायों के बारे में सोचना जरूरी हो गया है।

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Social Media Scam : सोशल मीडिया से जुड़ी सुरक्षा समस्याएँ

Social Media Scam : आजकल हम सब सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, आदि। इन प्लेटफार्म्स के माध्यम से हम अपनी निजी जानकारी जैसे नाम, पते, फोटो, फोन नंबर, और ईमेल शेयर करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि इन प्लेटफार्म्स पर क्या होता है जब आप “मैं सहमत हूं” पर क्लिक करते हैं? यही वह बिंदु है जहां से आपकी जानकारी स्कैमर्स तक पहुँचने का रास्ता बनता है। सोशल मीडिया कंपनियां आपकी जानकारी को एकत्र करती हैं और उसे तीसरे पक्ष के साथ बेच देती हैं।

इन जानकारियों का उपयोग स्कैमर्स करते हैं और आपको ऐसे फोन कॉल्स, टेक्स्ट्स और ईमेल भेजते हैं, जो पहले तो सामान्य लगते हैं लेकिन असल में वे धोखाधड़ी की योजना का हिस्सा होते हैं। उदाहरण के तौर पर, आपको कोई कॉल करता है और बताता है कि आपका बैंक खाता संदिग्ध गतिविधि में शामिल है, और वह आपकी जानकारी सत्यापित करने के लिए आपसे कुछ व्यक्तिगत जानकारी मांगता है। जब आप इस पर विश्वास करके जवाब देते हैं, तो आप जाल में फंस जाते हैं।

How does a scam happen? : आपका डेटा कितना सुरक्षित है?

How does a scam happen? : हमारे द्वारा सोशल मीडिया और इंटरनेट पर साझा की गई जानकारी का उपयोग स्कैमर्स द्वारा आसानी से किया जाता है। कई ऐप्स और वेबसाइट्स आपके फोन के नंबर, ईमेल, लोकेशन, और अन्य महत्वपूर्ण डाटा तक पहुंच रखते हैं। जब आप इन ऐप्स को इंस्टॉल करते हैं, तो आप सहमति देते हैं कि वे आपकी जानकारी को एक्सेस कर सकते हैं। इसी कारण से, इन ऐप्स के माध्यम से आपकी जानकारी आसानी से दूसरों तक पहुंचती है और उसका व्यावसायिक उपयोग किया जाता है।

इसका मतलब यह है कि आपकी व्यक्तिगत जानकारी अब केवल आपके पास नहीं रहती, बल्कि इसे अन्य कंपनियां और तीसरे पक्ष भी एक्सेस कर सकते हैं, जो बाद में इसे बेच सकते हैं। और यही जानकारी स्कैमर्स तक पहुंच जाती है।

Online scamming research : स्कैमर्स के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नई तकनीक

Online scamming research : आजकल स्कैमर्स केवल पुराने तरीकों से ही नहीं, बल्कि नई तकनीकों का भी उपयोग कर रहे हैं। विशेष रूप से, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से स्कैमर्स को फायदा हो रहा है। इसके अलावा, वे अंडरग्राउंड ऑनलाइन बाजारों का उपयोग कर रहे हैं, जहाँ से वे सस्ती कीमतों पर लोगों की व्यक्तिगत जानकारी खरीद सकते हैं। इस प्रकार, स्कैमर्स अब एक प्रोफेशनल इंडस्ट्री की तरह काम करने लगे हैं और उनका नेटवर्क पूरी दुनिया में फैल चुका है।

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How to avoid scams : स्कैम से बचने के उपाय

How to avoid scams : अब सवाल यह है कि इन स्कैमर्स से कैसे बचा जाए? कुछ आसान उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं:

  1. सोशल मीडिया का सावधानी से उपयोग करें: जितना संभव हो, अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कम से कम निजी जानकारी साझा करें। अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत रखें और अनजाने लोगों से दोस्ती से बचें।
  2. फोन नंबर को गोपनीय रखें: अपना फोन नंबर केवल विश्वसनीय लोगों से ही साझा करें। नया नंबर लेने पर, इसे किसी सोशल मीडिया अकाउंट से लिंक न करें।
  3. संदिग्ध कॉल्स और मैसेज से सावधान रहें: अगर आपको किसी कॉल या मैसेज में संदेह हो, तो उसे न उठाएं और न ही उस पर प्रतिक्रिया दें। बैंकों या सरकारी विभागों से संबंधित कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमेशा आधिकारिक चैनल का इस्तेमाल करें।
  4. डेटा सुरक्षा में सुधार करें: अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) का उपयोग करें और अपनी पासवर्ड्स को नियमित रूप से बदलें।
  5. अपना नाम और नंबर गूगल पर सर्च करें: गूगल में अपना नाम और फोन नंबर सर्च करके देखिए कि क्या वह किसी वेबसाइट या सोशल मीडिया पर लीक हुआ है। अगर ऐसा होता है, तो उसे तुरंत हटवाने की कोशिश करें।

डिजिटल दुनिया में जानकारी का बहुत अधिक आदान-प्रदान होता है, और इसका फायदा उठाने वाले स्कैमर्स का नेटवर्क भी हर दिन और मजबूत हो रहा है। लेकिन अगर हम अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं और सतर्क रहें, तो हम इन धोखेबाजों से बच सकते हैं। अपने डेटा की सुरक्षा के लिए हमें जागरूक रहना बहुत जरूरी है।

Author

  • Parmeshwar Singh Chundawat

    परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Parmeshwar Singh Chundawat

परमेश्वरसिंह चुडावत युवा व उत्साही पत्रकार है। 2 साल में न सिर्फ पत्रकारिता को समझा, बल्कि आहत, पीड़ित की आवाज भी बने। पढ़ने- लिखने के शौकीन परमेश्वर वेब पोर्टल पर SEO Based खबरें बनाने की तकनीकी समझ भी रखते हैं। घटना, दुर्घटना, राजनीतिक हो या कोई नवाचार, हर मुद्दे पर बेहतर डिजिटल कंटेंट यानि रोचक खबर बनाने में माहिर है। jaivardhanpatrika@gmail.com