01 40 https://jaivardhannews.com/electricity-will-be-more-expensive-due-to-shortage-of-coal-in-rajasthan-preparing-to-buy-private-electricity/

राजस्थान में कोयले की किल्लत के चलते अब सरकार प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीदेगी। कोयले की किल्लत से बिजली फिर महंगी होगी। छत्तीसगढ़ से राजस्थान सरकार की कोयला खानों पर माइनिंग शुरू करने की अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। प्रदेश में कुल 7580 मेगावट के थर्मल पावर प्लांट्स में से 4340 मेगावाट के प्लांट्स में बिजली का प्रोडक्शन प्रभावित होने की आशंका है। इस संबंध में शुक्रवार को हुई बैठक में प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीदने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जल्दी ही शॉर्ट टेंडर किया जाएगा। इससे साफ है कि बिजली महंगी हो जाएगी। इसकी भरपाई भी सरकार आम उपभोक्ताओं से करेगी।

महंगा कोयला खरीदने, महंगी बिजली खरीदने या ट्रांसपोर्टेशन का ज्यादा खर्च होने पर इसका सीधा भार आम उपभोक्ताओं पर डालने की बिजली कम्पनियों की परम्परा चली आ रही है। केन्द्र सरकार और केन्द्रीय कोयला मंत्रालय के नवम्बर 2021 में ही कह देने के बावजूद कोयले का स्टॉक रोड कम रेल मोड से राजस्थान में लाकर मेंटेन नहीं किया गया।

राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और एनर्जी डिपार्टमेंट की टॉप ब्यूरोक्रेसी सर्दियों में आंखें मूंदे बैठी रही। इसका खामियाजा राजस्थान की जनता को फ्यूल सरचार्ज के नाम पर महंगे बिजली बिल के तौर पर भुगतना पड़ सकता है। अबकी बार फ्यूल सरचार्ज भी बढ़कर आ सकता है। जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम्स ने नवम्बर 2021 में प्रति यूनिट 33 पैसे फ्यूल सरचार्ज 1 करोड़ 52 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर लगाया गया था। इससे एक साल पहले भी 30 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूला गया था।

300 से 900 रुपए तक होगी बिजली उपभोक्ताओं पर एक्स्ट्रा मार मिडिल क्लास घर का उदाहरण लें तो महीने में 350 यूनिट बिजली यूज होने पर उपभोक्ता को करीब 347 रुपए तीन महीने के बिल पर चुकाने होंगे। ज्यादा बिजली कन्ज्यूम होने पर उसी रेश्यो में यह अमाउंट बढ़ता जाएगा। अनुमान के मुताबिक, अकेला जयपुर डिस्कॉम ही 250 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली करता है। तीनों डिस्कॉम्स 550 से 650 करोड़ रुपए तक वसूलते हैं। उधर, एक दिन पहले पीक आवर्स में 3296 यूनिट बिजली कम पड़ गई तो एक्सचेंज से 114.25 लाख यूनिट बिजली की खरीद करनी पड़ी। बिजली विभाग के एसीएस डॉ सुबोध अग्रवाल ने कहा, छत्तीसगढ़ में खनन स्वीकृति जारी होने और माइनिंग शुरू होने तक ऑप्शनल बंदोबस्त करने में विभाग जुट गया है। दूसरी माइंस से कोयला सप्लाई कराने, विदेशों से प्राथमिकता से प्रदेश में कोयला मंगवाने और अन्य राज्यों से बिजली खरीद के कॉन्ट्रैक्ट सहित सभी विकल्पों पर एक साथ काम शुरू कर दिया गया है।

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  • Laxman Singh Rathor in jaivardhan News

    लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com

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By Laxman Singh Rathor

लक्ष्मणसिंह राठौड़ अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया जगत में 2 दशक से ज़्यादा का अनुभव है। 2005 में Dainik Bhaskar से अपना कॅरियर शुरू किया। फिर Rajasthan Patrika, Patrika TV, Zee News में कौशल निखारा। वर्तमान में ETV Bharat के District Reporter है। साथ ही Jaivardhan News वेब पोर्टल में Chief Editor और Jaivardhan Multimedia CMD है। jaivardhanpatrika@gmail.com