
Fake ghee caught : त्योहारी सीजन से पहले पुलिस और डीएसटी (DST) टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। इस फैक्ट्री में सरस, अमूल, नोवा जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों की हूबहू पैकिंग कर नकली घी बाजार में बेचा जा रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए फूड सेफ्टी टीम को सूचना दी गई, जिसके बाद इन कंपनियों के अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया। जांच में पाया गया कि फैक्ट्री में मिलावटी घी तैयार किया जा रहा था, जिसके चलते 1500 किलो घी जब्त किया गया और दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया।
Udaipur news today : 11 किलोमीटर दूर चल रही थी मिलावटी घी की फैक्ट्री
यह मामला शनिवार को उदयपुर शहर से करीब 11 किलोमीटर दूर उमरड़ा रोड स्थित कलड़वास रीको एरिया में सामने आया। डीएसपी (DSP) छगन पुरोहित ने बताया कि इस फैक्ट्री का संचालन सलूंबर निवासी लोकेश जैन द्वारा किया जा रहा था। लंबे समय से इस इलाके में नकली घी बनाने की सूचना मिल रही थी। कार्रवाई के दौरान मौके से दो लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनसे पूछताछ जारी है।
डीएसटी टीम प्रभारी श्याम सिंह रत्नू को एक दिन पहले गुप्त सूचना मिली थी कि इस क्षेत्र में नकली घी तैयार किया जा रहा है। पुलिस ने जब इस सूचना की पड़ताल की, तो सामने आया कि त्योहारी सीजन को देखते हुए भारी मात्रा में नकली घी का उत्पादन हो रहा था। इसके बाद तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री पर छापा मारा गया।

Nakli Ghee cought in Udaipur : फैक्ट्री में कैसे तैयार किया जा रहा था नकली घी?
इस फैक्ट्री में बिना लेबल लगे टिन रखे गए थे, जिनमें मिलावटी घी भरा जाता था। पुलिस ने मौके से ऐसी मशीनें और भट्टियां भी बरामद की हैं, जिनका उपयोग नकली घी बनाने के लिए किया जा रहा था।
फूड सेफ्टी अधिकारी अशोक गुप्ता ने बताया कि फैक्ट्री का मालिक थोड़ी मात्रा में असली घी खरीदता था और उसमें सोयाबीन, डालडा और एसेंस (फ्लेवर) मिलाकर पैकेजिंग करता था। इस तरह तैयार किए गए घी को सरस, नोवा, कृष्णा और अमूल ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जा रहा था।
सरस, अमूल और नोवा ब्रांड्स के अधिकारियों ने किया घी की गुणवत्ता का खुलासा
जांच के दौरान पुलिस ने सरस डेयरी, नोवा और कृष्णा ब्रांड्स के अधिकारियों को मौके पर बुलाया। सरस डेयरी की टीम ने पैकेजिंग की जांच कर स्पष्ट किया कि जब्त किया गया घी उनका प्रोडक्ट नहीं है। इसी तरह, नोवा और कृष्णा ब्रांड्स के प्रतिनिधियों को भी तस्वीरें भेजी गईं, जिनसे पुष्टि हुई कि यह नकली प्रोडक्ट है।
4200 रुपये प्रति टिन में बिक रहा था नकली घी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे 15-15 किलो और 1-1 किलो के टिन पैक कर नकली घी बाजार में 4200 रुपये प्रति टिन की दर से बेच रहे थे। यह घी मुख्य रूप से गांवों में सप्लाई किया जाता था। साथ ही, शादियों और त्योहारी सीजन में इसकी मांग और भी बढ़ जाती थी।
फैक्ट्री में तैयार हो रहा था 150 किलो नकली घी रोजाना
पूछताछ में पता चला कि फैक्ट्री से रोजाना 150 किलो नकली घी बाजार में खपाया जा रहा था। त्योहारों और शादियों के सीजन में यह उत्पादन और बढ़ जाता था। पुलिस ने मौके से 1500 किलो नकली घी जब्त किया है। इसके अलावा, फैक्ट्री में मौजूद अन्य कच्चे माल की भी जांच की जा रही है। फूड सेफ्टी टीम ने जब्त किए गए नकली घी के सैंपल को जांच के लिए लैब में भेज दिया है। इसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
घी असली है या नकली, पहचान करने के 3 आसान और प्रभावी तरीके
घी भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है, जिसे न सिर्फ स्वाद और सुगंध के लिए बल्कि स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण भी पसंद किया जाता है। लेकिन आजकल बाजार में मिलावटी घी भी बड़ी मात्रा में बेचा जा रहा है, जो न केवल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि असली घी का स्वाद और पोषण भी नहीं देता। ऐसे में, असली और नकली घी की पहचान करना बेहद जरूरी हो जाता है।
अगर आप भी सोच रहे हैं कि घर में उपयोग होने वाला घी शुद्ध है या नहीं, तो आपको इसे पहचानने के कुछ आसान और प्रभावी तरीकों को अपनाना चाहिए। यहां हम आपको तीन ऐसे सरल और प्रभावी तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपका घी असली है या उसमें मिलावट की गई है।
पहला तरीका: हथेली पर घी रगड़कर खुशबू से करें पहचान
यह एक बेहद आसान और प्राचीन तरीका है, जिससे आप अपने घी की शुद्धता जांच सकते हैं।
क्या करना होगा?
- अपनी हथेली पर थोड़ा सा घी लें।
- इसे अच्छी तरह रगड़ें और कुछ देर के लिए छोड़ दें।
- करीब 7-8 मिनट के बाद घी को सूंघें।
कैसे पता चलेगा?
✅ अगर घी असली होगा, तो इसकी खुशबू लंबे समय तक बनी रहेगी। शुद्ध देशी घी में एक प्राकृतिक सुगंध होती है, जो इसे बाकी अन्य खाद्य तेलों से अलग बनाती है।
❌ अगर घी नकली होगा या उसमें कोई मिलावट होगी, तो कुछ देर बाद उसकी खुशबू खत्म हो जाएगी या उसमें अजीब तरह की गंध आने लगेगी।
यह तरीका बेहद आसान और प्रभावी है, क्योंकि असली घी की खुशबू लंबे समय तक बनी रहती है, जबकि नकली या मिलावटी घी की महक जल्दी उड़ जाती है।
दूसरा तरीका: घी को गर्म करके उसकी बनावट से करें जांच
असली घी की पहचान करने के लिए यह तरीका भी बहुत उपयोगी है। घी को गर्म करने से उसकी गुणवत्ता का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
क्या करना होगा?
- तीन से चार चम्मच घी लें और उसे धीमी आंच पर गर्म करें।
- जब घी पूरी तरह पिघल जाए और हल्का उबाल आ जाए, तो गैस बंद कर दें।
- इस घी को 24 घंटे के लिए ठंडा करके अलग रख दें।
कैसे पता चलेगा?
✅ अगर 24 घंटे बाद भी घी की खुशबू बनी रहती है और वह दानेदार (granular texture) दिखाई देता है, तो इसका मतलब यह शुद्ध है। असली घी ठंडा होने पर छोटे-छोटे दानों में बदल जाता है।
❌ अगर घी एकदम चिकना और गाढ़ा जम जाता है, बिना किसी दानेदार बनावट के, तो यह मिलावटी हो सकता है। कई बार नकली घी में डालडा या वनस्पति घी मिला दिया जाता है, जिससे उसकी बनावट असली घी जैसी नहीं रहती।
यह तरीका उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है, जो बार-बार घी खरीदते हैं और उसकी शुद्धता को लेकर आश्वस्त नहीं होते।
तीसरा तरीका: पानी में डालकर घी की शुद्धता जांचें
घी की असलियत जानने के लिए पानी में घी मिलाकर भी इसकी पहचान की जा सकती है।
क्या करना होगा?
- एक गिलास पानी लें।
- उसमें एक चम्मच घी डालें।
- अब ध्यान से देखें कि घी पानी में कैसा व्यवहार करता है।
कैसे पता चलेगा?
✅ अगर घी पानी की सतह पर तैरने लगे, तो यह असली घी है। शुद्ध घी पानी में पूरी तरह से नहीं घुलता और हल्का होने के कारण ऊपर तैरता रहता है।
❌ अगर घी नीचे बैठ जाए या पानी में पूरी तरह घुल जाए, तो समझ लीजिए कि इसमें मिलावट की गई है। मिलावटी घी में भारी तेल या वनस्पति घी मिला होता है, जो पानी में घुलने या नीचे बैठने लगता है।
यह तरीका बहुत ही आसान और जल्दी परिणाम देने वाला है। इसे आप घर पर कभी भी आजमा सकते हैं।

नकली घी खाने से होने वाले नुकसान
मिलावटी घी का सेवन करने से सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार हैं—
❌ पाचन संबंधी समस्याएं: नकली घी खाने से पेट खराब हो सकता है, गैस, अपच और कब्ज की समस्या हो सकती है।
❌ हृदय संबंधी बीमारियां: नकली घी में हानिकारक ट्रांस फैट और मिलावटी तेल होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।
❌ लीवर पर असर: मिलावटी घी का लंबे समय तक सेवन करने से लीवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।
❌ इम्यूनिटी कमजोर होना: असली घी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जबकि नकली घी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है।