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Fire broke out again in Maha Kumbh : उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में एक बार फिर आग ने तबाही मचा दी। शुक्रवार को सेक्टर-18 स्थित शंकराचार्य मार्ग पर अचानक आग लगने से कई पंडाल जलकर राख हो गए। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। चश्मदीदों के मुताबिक, आग लगते ही सिलेंडर फटने जैसी तेज़ आवाज़ें गूंजी, जिससे भगदड़ मच गई।
Prayagraj Fire : सूचना मिलते ही दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं और 40 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। प्रशासन ने एहतियातन भीड़ को हटाकर बैरिकेडिंग कर दी। राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि, आग लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, और इसकी जांच जारी है।
Fire in Mahakumbh Mela : शंकराचार्य मार्ग पर मचा हड़कंप
Fire in Mahakumbh Mela : गुरुवार, 7 फरवरी को महाकुंभ में आग लगने की एक और घटना सामने आई। यह हादसा सेक्टर-18 के शंकराचार्य मार्ग पर हुआ, जहां अचानक भड़की आग ने एक पंडाल को अपनी चपेट में ले लिया।
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग हरकत में आया और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। राहत की बात यह रही कि शिविर में मौजूद सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।फिलहाल आग लगने के कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है और प्रशासन इसकी जांच कर रहा है।
20 दिन में तीसरी बार धधका महाकुंभ!
यह घटना बीते 20 दिनों में महाकुंभ मेले में आग लगने की तीसरी घटना है। इससे पहले, 30 जनवरी को सेक्टर-22 और 19 जनवरी को सेक्टर-19 में भयंकर आग लग चुकी है।
- 30 जनवरी: सेक्टर-22 में आग लगी, कई पंडाल जल गए। दमकल टीम ने 20 मिनट में काबू पाया।
- 19 जनवरी: सेक्टर-19 में गीता प्रेस कैंप में आग लगी। रसोई में गैस रिसाव के कारण 180 कॉटेज जलकर राख हो गए थे।
फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम, फिर भी आग पर क्यों नहीं लग रही लगाम?
महाकुंभ को फायर-फ्री बनाने के लिए उन्नत सुरक्षा उपकरण और दमकल दल तैनात हैं:
✅ 4 आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर (AWT) – जो 35 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने में सक्षम हैं।
✅ 350+ दमकल गाड़ियां, 2000 ट्रेंड मैनपावर – मेले की सुरक्षा के लिए मुस्तैद।
✅ 50 अग्निशमन केंद्र, 20 फायर पोस्ट – आग से बचाव के लिए बनाए गए हैं।
इसके बावजूद बार-बार आग लगने की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। सवाल उठता है कि इतनी सख्त तैयारियों के बावजूद आग कैसे लग रही है? प्रशासन इसकी गहन जांच कर रहा है, लेकिन तब तक श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की जरूरत है।
महाकुंभ में 4 किमी लंबा जाम, अखाड़ों ने शुरू की पैकिंग
महाकुंभ का आज 26वां दिन है, और श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को संगम पर भक्तों का तांता लगा रहा, जबकि शनिवार और रविवार को भीड़ और ज्यादा बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है और निगरानी तेज कर दी गई है।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू किया गया है। संगम क्षेत्र में स्नान के बाद श्रद्धालुओं को अधिक देर तक रुकने नहीं दिया जा रहा है ताकि वहां भीड़ न जमा हो। प्रयागराज शहर में वाहनों की एंट्री जारी है, लेकिन स्थिति के अनुसार यातायात व्यवस्था में बदलाव किए जा रहे हैं।
अखाड़ों ने शुरू की पैकिंग, अब श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगी एंट्री
महाकुंभ में शामिल ज्यादातर अखाड़ों ने अपने शिविरों की पैकिंग शुरू कर दी है। इसी वजह से श्रद्धालुओं को अब अखाड़ों के अंदर जाने से रोका जा रहा है। प्रशासन के मुताबिक, 13 जनवरी से अब तक 40 करोड़ श्रद्धालु गंगा-स्नान कर चुके हैं, और मेला अभी 19 दिन और चलेगा।
बिहार के राज्यपाल भी पहुंचे महाकुंभ में, देखिए
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा-हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि भारत की संस्कृति का सनातन आदर्श एक आत्मता है। यहां सारे भेदभाव खत्म हो जाते हैं। हमारी संस्कृति कहती है कि किसी भी व्यक्ति को उसके दिव्य रूप में देखों। मानव ही माधव का रूप है और यहां ये सब नजर आता है।
महाकुंभ में दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान
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महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक विशाल जिम्मेदारी है। 4000 हेक्टेयर में फैले इस अस्थायी नगर में हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में स्वच्छता बनाए रखना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए सरकार और नगर प्रशासन ने दुनिया का सबसे बड़ा सफाई अभियान चलाया है, जिसमें 1.50 लाख टॉयलेट, 4 लाख से अधिक डस्टबिन और सफाई कर्मचारियों की 800 टीमें कार्यरत हैं।
स्वच्छता के लिए सुव्यवस्थित योजना
महाकुंभ में रोजाना 600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जिसे समुचित रूप से निस्तारित करने के लिए प्रशासन ने बेहतरीन योजनाएं बनाई हैं। सफाई प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए पूरे मेले को 25 सेक्टरों में बांटा गया है। प्रत्येक सेक्टर में सर्कल इंचार्ज नियुक्त किए गए हैं, जो सफाई की निगरानी कर रहे हैं।
रातभर चलती है सफाई व्यवस्था
- सफाई कर्मचारियों की 800 टीमों का गठन किया गया है।
- प्रत्येक टीम में 12 लोग होते हैं, जिनमें एक मेट और एक महिला मेट शामिल होते हैं।
- रात में भीड़ कम होने पर सफाई कार्य को बढ़ाया गया है।
- नाइट शिफ्ट रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक चलती है।
संगम क्षेत्र में विशेष सफाई अभियान
संगम, ऐरावत, नाग वासुकी और अरैल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारी भीड़ के कारण सफाई एक चुनौती बन जाती है। प्रशासन ने यहां विशेष टीमें तैनात की हैं जो रात में व्यापक सफाई अभियान चलाती हैं। स्ट्रीट स्वीपिंग और लाइनर बैग्स बदलने का काम मुख्य रूप से रात में किया जाता है ताकि दिन के समय श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण मिल सके।
स्वच्छता की देखरेख के लिए विशेष अधिकारी
- नगर निगम से 100-150 सफाईकर्मियों को अतिरिक्त रूप से तैनात किया गया है।
- नगर विकास विभाग से 6 एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (EO) संगम नोज पर तैनात किए गए हैं।
- इन अधिकारियों का काम सफाई कर्मचारियों की मॉनिटरिंग करना और तेजी से सफाई व्यवस्था को लागू करना है।
कूड़ा निस्तारण और अपशिष्ट प्रबंधन
- सफाई के लिए 120 टिपर और 40 कॉम्पैक्टर मशीनें लगाई गई हैं।
- कूड़े को लाइनर बैग्स में भरकर टिपर में डाला जाता है और फिर कॉम्पैक्टर में स्थानांतरित किया जाता है।
- इसके बाद इस कचरे को नैनी के बसवार स्थित सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में भेजा जाता है।
- इस्तेमाल किए गए लाइनर बैग्स पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल हैं।
श्रद्धालुओं के छोड़े गए कपड़ों और सामग्री की सफाई
संगम नोज पर श्रद्धालु स्नान के बाद अपने पुराने कपड़े और अन्य सामग्री दान के रूप में छोड़ देते हैं। इस क्षेत्र की सफाई सुनिश्चित करने के लिए नगर विकास विभाग ने 6 सुपरवाइजरों को तैनात किया है।
- घाटों की सफाई के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) बनाई गई है।
- ट्राई स्किमर और नावों के माध्यम से पानी की सफाई की जा रही है।
सफाई कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधाएं
सफाईकर्मियों के लिए प्रशासन ने अनेक सुविधाओं की व्यवस्था की है, जिसमें रहने के लिए आवास, चिकित्सा सुविधाएं और बच्चों के लिए आंगनबाड़ी स्कूल शामिल हैं।
- प्रत्येक सफाईकर्मी को एक सेफ्टी किट दी गई है जिसमें कपड़े, जूते, टोपी और सफाई उपकरण शामिल हैं।
- सभी कर्मचारियों को बीमा कवर भी प्रदान किया गया है।
टॉयलेट्स की हाई-टेक मॉनिटरिंग
इस बार महाकुंभ में टॉयलेट्स की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- आईसीटी बेस्ड मॉनिटरिंग के तहत गंगा सेवा दूत सुबह और शाम टॉयलेट्स की स्थिति की जांच करते हैं।
- 1500 गंगा सेवा दूत इस कार्य में लगे हुए हैं।
- 65 सक्शन वाहन हायर किए गए हैं जो टॉयलेट्स की सफाई सुनिश्चित कर रहे हैं।
सफाई की नई मिसाल
महाकुंभ 2025 दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होने के साथ-साथ सबसे बड़ा सफाई अभियान भी है। हर दिन हजारों सफाईकर्मी और मशीनें मिलकर इसे स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दे रही हैं। प्रशासन की हाई-टेक रणनीति और संगठित सफाई व्यवस्था से यह आयोजन पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन रहा है।