
Gold silver prices : भारतीय सर्राफा बाजार में कीमती धातुओं की चमक इन दिनों अपने चरम पर है। आज, 12 दिसंबर 2025 को चांदी ने लगातार तीसरे दिन अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया ऑलटाइम हाई बनाया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चांदी की कीमत में जबरदस्त उछाल देखने को मिला और यह ₹4,500 की मजबूत बढ़त के साथ ₹1,92,781 प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई। यह तेजी निवेशकों और खरीदारों दोनों के लिए चौंकाने वाली है, क्योंकि इससे पहले गुरुवार को चांदी ₹1,88,281 प्रति किलोग्राम और बुधवार को ₹1,86,350 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर थी। इस तरह सिर्फ तीन दिनों में चांदी ने करीब 13,888 रुपए की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की है, जो बाजार में चल रही तेजड़िया की भावना को साफ दर्शाती है।
वहीं, सोने की चमक भी कम नहीं हुई। 24 कैरेट शुद्ध सोने की कीमत में ₹1,973 की अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई और यह ₹1,30,569 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई। गौरतलब है कि 17 अक्टूबर को सोने ने ₹1,30,874 का अपना अब तक का सर्वोच्च स्तर छुआ था, और अब यह फिर से उस ऊंचाई के करीब पहुंचकर निवेशकों का ध्यान खींच रहा है। कीमती धातुओं में यह लगातार तेजी वैश्विक अनिश्चितताओं, औद्योगिक मांग और सुरक्षित निवेश की बढ़ती प्रवृत्ति का नतीजा मानी जा रही है।
अलग-अलग शहरों में सोने-चांदी के दाम अलग क्यों दिखते हैं? विस्तार से समझिए
India bullion silver gold rates IBJA : IBJA द्वारा जारी की जाने वाली कीमतें बेहद महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन ये शुद्ध धातु की कीमतें होती हैं, जिनमें 3% GST, मेकिंग चार्ज, ज्वेलर्स का मार्जिन या अन्य लोकल टैक्स शामिल नहीं होते। यही वजह है कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता जैसे विभिन्न शहरों में सोने-चांदी के रेट्स में अंतर देखने को मिलता है। उदाहरण के लिए, बड़े शहरों में ट्रांसपोर्टेशन लागत, लोकल डिमांड और ज्वेलर्स की नीतियां प्रभाव डालती हैं। IBJA के ये रेट्स रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा सोवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत तय करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। साथ ही, कई बड़े बैंक गोल्ड लोन की ब्याज दरें और वैल्यूएशन तय करने में इन्हीं रेट्स को आधार बनाते हैं। इसलिए, अगर आप निवेश या खरीदारी की योजना बना रहे हैं, तो IBJA रेट्स को बेंचमार्क मानकर लोकल ज्वेलर्स से तुलना जरूर करें।

इस साल की शानदार तेजी: सोना ₹54,407 और चांदी ₹1,06,764 महंगी हो चुकी
Silver price all-time high India : 2025 का साल कीमती धातुओं के लिए यादगार साबित हो रहा है। साल की शुरुआत यानी 31 दिसंबर 2024 को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत मात्र ₹76,162 थी, जो अब बढ़कर ₹1,30,569 हो गई है। मतलब, पूरे साल में सोने ने ₹54,407 की प्रभावशाली बढ़ोतरी की है, जो निवेशकों को करीब 71% का रिटर्न दे चुकी है। चांदी का प्रदर्शन तो और भी ज्यादा आकर्षक रहा है। साल Aakhir में एक किलोग्राम चांदी ₹86,017 की थी, जो अब ₹1,92,781 पर ट्रेड कर रही है – यानी ₹1,06,764 की भारी बढ़त, जो लगभग 124% का रिटर्न है। यह तेजी चांदी को सोने से आगे निकालकर ‘सिल्वर रश’ का नया प्रतीक बना रही है। वैश्विक स्तर पर औद्योगिक उपयोग, सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में चांदी की बढ़ती खपत इसकी मुख्य ड्राइवर है।
चांदी में इस जबरदस्त तेजी के पीछे के तीन प्रमुख कारण क्या हैं?
Why silver prices surging : चांदी की कीमतों में आई यह उछाल कोई संयोग नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसके पीछे कई ठोस कारण काम कर रहे हैं:
- औद्योगिक मांग का बोलबाला: सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कॉस्मॉस मरिनाकिस का कहना है कि चांदी अब सिर्फ एक निवेश विकल्प नहीं रही, बल्कि एक अनिवार्य भौतिक संसाधन बन चुकी है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, खासकर सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, डेटा सेंटर्स और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है। कंपनियां उत्पादन बाधित न हो, इसलिए पहले से स्टॉक जमा कर रही हैं, जिससे ग्लोबल सप्लाई पर दबाव पड़ रहा है।
- ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी का डर: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी और उनकी प्रस्तावित ट्रेड नीतियों ने बाजार में हलचल मचा रखी है। चांदी पर संभावित टैरिफ लगने की आशंका से अमेरिकी कंपनियां बड़े पैमाने पर स्टॉकपाइलिंग कर रही हैं। इससे विश्व के अन्य हिस्सों में चांदी की कमी हो रही है, जो कीमतों को ऊपर धकेल रही है। यह स्टॉक जमा करने की होड़ वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन को प्रभावित कर रही है।
- ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स की होड़: दुनियाभर की कंपनियां अपनी प्रोडक्शन को सुरक्षित रखने के लिए चांज की सप्लाई लॉक करने में जुटी हैं। नतीजतन, ग्लोबल मार्केट में डिमांड-सप्लाई का असंतुलन बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में चांदी की ऊंची कीमतें बरकरार रहेंगी, क्योंकि सप्लाई डेफिसिट और इंडस्ट्रियल डिमांड का ट्रेंड मजबूत है।
चांदी 2 लाख के पार जा सकती है: विशेषज्ञों की भविष्यवाणी
Silver hits record : केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया के अनुसार, वैश्विक जियोपॉलिटिकल टेंशन और अनिश्चितताएं बरकरार हैं, जो गोल्ड और सिल्वर दोनों को मजबूत सपोर्ट दे रही हैं। इन हालातों में इस साल के अंत तक सोना ₹1,35,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। लेकिन चांदी का परफॉर्मेंस और भी रोमांचक हो सकता है – यह आसानी से ₹2 लाख प्रति किलोग्राम के पार जा सकती है। निवेशकों के लिए यह एक बड़ा अवसर है, लेकिन उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सावधानी बरतनी चाहिए।
सोना खरीदते समय रखें इन दो महत्वपूर्ण बातों का ख्याल
सोने की खरीदारी एक बड़ा फैसला होता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है:
- केवल सर्टिफाइड गोल्ड ही चुनें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) का हॉलमार्क वाला सोना खरीदें। हॉलमार्क नंबर अल्फान्यूमेरिक फॉर्मेट में होता है, जैसे AZ4524। इससे सोने की शुद्धता (कैरेट) की गारंटी मिलती है और धोखाधड़ी से बचाव होता है।
- कीमतों की क्रॉस-चेकिंग जरूरी: खरीदारी के दिन सोने का सही वजन और बाजार भाव कई विश्वसनीय स्रोतों से जांचें, जैसे IBJA की वेबसाइट। ध्यान दें कि 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने के भाव अलग-अलग होते हैं। इससे आप ओवरपेमेंट से बच सकते हैं।
शहरों में सोने के दाम अलग होने की चार मुख्य वजहें
सोना एक भौतिक संपत्ति है, इसलिए इसके दाम लोकल फैक्टर्स से काफी प्रभावित होते हैं। यहां चार प्रमुख कारण हैं:
- ट्रांसपोर्टेशन खर्च: सोना ज्यादातर आयात होता है और हवाई जहाज से आता है। फिर इसे दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचाने में फ्यूल, सिक्योरिटी, वाहन और स्टाफ का खर्च जुड़ता है।
- खरीदारी की मात्रा और डिमांड: दक्षिण भारत में सोने की खपत देश की कुल डिमांड का करीब 40% है। यहां बल्क खरीदारी से दाम कम रहते हैं, जबकि टियर-2 शहरों में डिमांड कम होने से रेट्स ऊंचे हो जाते हैं।
- लोकल ज्वेलरी एसोसिएशन की भूमिका: तमिलनाडु जैसे राज्यों में लोकल एसोसिएशन रेट्स तय करती हैं। देशभर में कई ऐसी एसोसिएशंस हैं जो मार्केट को रेगुलेट करती हैं।
- खरीद मूल्य का प्रभाव: ज्वेलर्स जो स्टॉक सस्ते में खरीदते हैं, वे कम मार्जिन रखकर बेच सकते हैं। पुराना स्टॉक सस्ता होने से उनके रेट्स कम रहते हैं।
कीमती धातुओं का यह रुझान निवेशकों के लिए आकर्षक है, लेकिन बाजार की अस्थिरता को देखते हुए विशेषज्ञ सलाह लें। अगर आप शादी-त्योहार या निवेश के लिए सोना-चांदी खरीदने की सोच रहे हैं, तो ताजा रेट्स चेक करना न भूलें!
