
Home Loan EMI : रेपो रेट घटा… फिर भी आपकी होम लोन EMI क्यों नहीं घटी? जानिए असली वजह और शिकायत का पूरा तरीका ,भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने दिसंबर की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है। इसके साथ ही साल 2025 में अब तक रेपो रेट में कुल 1.25% की कमी हो चुकी है। आमतौर पर रेपो रेट (Repo Rate) कम होते ही बैंक इस बदलाव को अपने ग्राहकों तक तुरंत पहुंचाते हैं और होम लोन (Home Loan), ऑटो लोन (Auto Loan) जैसी लोन EMI घट जाती है।
लेकिन इस बार कई होम लोन ग्राहकों को उम्मीद के बावजूद EMI में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला। कई मामलों में तो कोई राहत ही नहीं मिली, जबकि रेपो रेट घट चुका था। सवाल यही है—
👉 राहत मिलने में देरी क्यों?
👉 EMI में बदलाव नहीं हुआ तो वजह क्या?
👉 बैंक जानबूझकर फायदा नहीं दे रहा तो शिकायत कहां और कैसे करें?
🔍 EMI नहीं घटी? इसके पीछे छुपे हैं कई कारण
(Interest Rate Change, Floating Rate Loan, MCLR Loan)
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपकी EMI किस आधार पर तय होती है। सभी होम लोन एक जैसे नहीं होते। EMI में बदलाव इस बात पर निर्भर करता है कि आपका लोन किस बेंचमार्क (Benchmark Lending Rate) से लिंक्ड है।

✔ 1. रेपो रेट-लिंक्ड लोन (RLLR Loan)
RBI Ombudsman : अक्टूबर 2019 के बाद लिए गए ज्यादातर फ्लोटिंग रेट लोन (Floating Rate Loan) RBI रेपो रेट से जुड़े होते हैं।
➡ यानी रेपो रेट कम होगा तो EMI भी कम होनी चाहिए।
✔ 2. MCLR से जुड़े पुराने लोन
कई पुराने होम लोन आज भी MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) या बेस रेट सिस्टम पर चलते हैं।
➡ इन पर रेपो रेट का प्रभाव सीधे नहीं पड़ता।
➡ बैंक चाहे तो बदलाव कर सकता है, पर यह अनिवार्य नहीं है।
✔ 3. फिक्स्ड रेट लोन (Fixed Rate Home Loan)
फिक्स्ड ब्याज दर पर लोन लिया है?
➡ फिर रेपो रेट घटने का फायदा आपको नहीं मिलेगा।
🏦 बैंक क्यों नहीं दे पाते तुरंत फायदा?
Interest Rate Cut : अक्सर लोन की ब्याज दर सिर्फ रेपो रेट पर निर्भर नहीं रहती। बैंक अपनी ओर से क्रेडिट रिस्क प्रीमियम (Credit Risk Premium), ऑपरेशनल कॉस्ट और फंड की लागत भी जोड़ते हैं।
➡ इसलिए कई बार ब्याज दर में बदलाव होने में समय लगता है
➡ या फिर बदलाव बहुत कम हो जाता है।
इसलिए सबसे पहले यह जरूर चेक करें कि—
✔ आपका लोन किस प्रकार का है
✔ किस बेंचमार्क से लिंक्ड है
✔ बैंक ने ब्याज दर अपडेट की है या नहीं
⚠ रेपो लिंक्ड लोन में भी राहत नहीं मिली? क्या करें?
(Bank Complaint, RBI Ombudsman)
अगर आपका लोन रेपो रेट-लिंक्ड है फिर भी बैंक EMI कम नहीं कर रहा, तो आप इस तरह समाधान पा सकते हैं—
👉 1. सबसे पहले बैंक को लिखित शिकायत करें
✔ अपने लोन अकाउंट नंबर के साथ बैंक को ईमेल/लेटर लिखें
✔ ब्रांच मैनेजर से मिलकर भी बात कर सकते हैं
✔ बैंक को जवाब देने के लिए 30 दिन का समय दें
👉 2. 30 दिन में जवाब नहीं मिले तो बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करें
आप शिकायत कर सकते हैं—
➡ बैंक के ग्रेविएंस रिड्रेसल ऑफिसर
➡ या RBI Banking Ombudsman के पास
👉 3. RBI CMS प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें
Online Banking Complaint : RBI ने जून 2019 में Complaint Management System (CMS) शुरू किया था।
यहां आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं—
✔ किसी भी कमर्शियल बैंक
✔ शहरी सहकारी बैंक
✔ NBFC
✔ या किसी भी Regulated Entity के खिलाफ
CMS पोर्टल को मोबाइल और कंप्यूटर दोनों पर एक्सेस किया जा सकता है।
🔁 पुराने सिस्टम से परेशान हैं? रेपो-लिंक्ड लोन में शिफ्ट हो सकते हैं
Balance Transfer Loan : यदि आपका लोन MCLR या बेस रेट पर चल रहा है, तो आप बैंक से कनवर्ज़न रिक्वेस्ट डालकर इसे रेपो-लिंक्ड लोन में शिफ्ट कर सकते हैं।
➡ इसके लिए बैंक मामूली शुल्क लेता है।
अगर दूसरे बैंक में ब्याज दर काफी कम है, तो आप
👉 बैलेंस ट्रांसफर (Balance Transfer)
का विकल्प भी चुन सकते हैं।
यह खासतौर पर तब फायदेमंद है जब—
✔ आपका क्रेडिट स्कोर पहले से बेहतर हो
✔ EMI में भारी अंतर आ सकता हो
