01 21 https://jaivardhannews.com/in-rajsamand-the-laborer-died-due-to-being-crushed-under-the-stone-on-the-marble-gangsa-the-dead-body-was-lying-for-the-whole-day-and-late-night-a-settlement-in-11-lakhs/

मार्बल गैंगसा फैक्ट्री में के्रन से पत्थर लोडिंग करते वक्त अचानक मार्बल पत्थर (ब्लॉक) तले दबने से एक श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई। फिर परिजन 15 लाख रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर फैक्ट्री में धरने पर बैठकर अड़ गए और देर रात तक 11 लाख रुपए के मुआवजे पर सहमति बन पाई। शव आरके जिला अस्पताल के मोर्चरी के डी फ्रीज में रखा है, जिसका शनिवार सुबह पोस्टमार्टम होगा।

राजनगर थाना प्रभारी हनुवंतसिंह राजपुरोहित ने बताया कि मोरचना में खारी फीडर के पास स्थित मनोज मार्बल प्राइवेट लिमिटेड गैंगसा फैक्ट्री में शुक्रवार सुबह 10 बजे 6 टन वजनी मार्बल ब्लॉक गिरने से श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में अम्बामाता, केलवा निवासी 27 वर्षीय जीतू पुत्र धन्नाराम भील की मौत हो गई। पुलिस ने शव को आरके जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया, जबकि फैक्ट्री परिसर में बड़ी तादाद में परिजन, ग्रामीण व मजदूर एकत्रित हो गए और फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 15 लाख रुपए का मुआवजा परिवार को देने की मांग करने लगे। सभी श्रमिक, ग्रामीण व परिजन फैक्ट्री परिसर में ही धरने पर बैठ गए। सूचना पर राजनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची, मगर विवाद शांत नहीं हो पाया। बाद में राजसमंद प्रधान अरविंदसिंह राठौड़ के साथ कई जनप्रतिनिधि भी फैक्ट्री पहुंचे, जहां मार्बल गैंगसा एसोसिएशन अध्यक्ष रवि शर्मा सहित कई मार्बल कारोबारी पहुंचे और मृतक मजदूर जीतू भील के परिजनों, ग्रामीणों व मजदूरों के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता की गई। इस पर फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा 8 लाख रुपए देने को तैयार हुआ, जबकि ग्रामीण अंतिम रूप से 12 लाख रुपए के मुआवजे पर अड़ गए। इसके चलते शव दिनभर जिला अस्पताल के मोर्चरी में पड़ा रहा, जबकि ग्रामीण, मजदूर व परिजन फैक्ट्री परिसर में ही धरने पर बैठे रहे।

बाद में युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव मुकेश भार्गव और पर्यावरण विकास संस्थान अध्यक्ष रामनारायण पालीवाल मौके पहुंचे, जहां मार्बल गैंगसा एसोसिएशन अध्यक्ष रवि शर्मा से वार्ता की गई। फिर मुआवजे पर सहमति बन पाई।

फैक्ट्री में दाह संस्कार की तैयारी
दिनभर धरने पर बैठने के बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन व मार्बल गैंगसा एसोसिएशन से कोई सकारात्मक निर्णय नहीं होने पर मजदूर, ग्रामीण व परिजन उग्र हो गए। इस पर फैक्ट्री परिसर में ही मृतक जीतू भील का अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर ली। इसके लिए फैक्ट्री में एक सूखी लकड़ी से भरा ट्रेक्टर भी मंगवा लिया। विवाद बढऩे की आशंका पर राजनगर थाने से विशेष पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया।

देर रात को बनी सहमति
प्रधान अरविंदसिंह राठौड़ के साथ कई सरपंचों, श्रम संगठनों व ग्रामीणों की मौजूदगी में फैक्ट्री प्रबंधन आखिर में 11 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमत हुआ। इस पर प्रधान राठौड़ ने व्यक्तिगत तौर पर 1 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की। इस तरह 12 लाख रुपए पर परिजन, ग्रामीण व मजदूर सहमत हो गए। इसके तहत अब शनिवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

ग्रेंटी मशीन का ऑपरेटर था जीतू
मार्बल फैक्ट्री में 6 टन वजनी मार्बल ब्लॉक के नीचे दबने से जीतू भील की मौत हो गई। जीतू मूलत: केलवा के अंबामाता का रहने वाला था, जो फैक्ट्री में गे्रंटी मशीन का ऑपरेटर का कार्य करता था।

पत्नी व बच्चे हो गए बेसहारा
जीतू भील की मौत होने के बाद पत्नी व दो बच्चे बेसहारा हो गए। बताया कि जीतू भील के एक 6 वर्ष का बेटा है, जबकि दूसरा 14 वर्ष का है। मनोज मार्बल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री का संचालन हेमाराम बुरडक चौधरी संचालित करते है। अब पत्नी व बच्चों के घर गुजारे पर बड़ा संकट खड़ा हो गया।