Increased prices of food items : भारतीय बाजार में फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) प्रोडक्ट्स जैसे खाने का तेल, साबुन, चाय, कॉफी, चॉकलेट और बिस्किट की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हो रही है। बीते छह महीनों में इन प्रोडक्ट्स की कीमतें 20% तक बढ़ चुकी हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच इनके दाम 30% तक और बढ़ सकते हैं। खाने का तेल, चाय और साबुन जैसे रोजमर्रा के जरूरी सामानों की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि उपभोक्ताओं के बजट पर भारी पड़ रही है। कंपनियों के लिए चुनौती यह है कि वे लागत को कैसे नियंत्रित करें और उपभोक्ता मांग को बनाए रखें। आने वाले महीनों में महंगाई का यह दबाव और बढ़ सकता है, इसलिए उपभोक्ताओं को सतर्कता से खरीदारी करनी होगी।
Food price inflation India : कच्चे माल की कीमतों में उछाल
Food price inflation India : पाम ऑयल, नारियल, चाय, कोकोआ और कॉफी जैसे कच्चे माल की कीमतें अप्रैल 2024 से अब तक 35% से 175% तक बढ़ी हैं। इसकी वजह से FMCG कंपनियों की लागत में भारी इजाफा हुआ है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, कई कंपनियां जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में अपने उत्पादों के दाम फिर बढ़ा सकती हैं। बीते तीन महीनों में घरों में इस्तेमाल होने वाले जरूरी सामानों के दाम में 10% तक की वृद्धि हुई है।
Why are food prices rising in India? : मार्जिन पर बढ़ा दबाव
Why are food prices rising in India? : नुवामा की रिपोर्ट में कहा गया है कि साबुन, स्नैक्स और चाय जैसी कैटेगरी में कंपनियों के लिए मार्जिन बनाए रखना बड़ी चुनौती बन गया है। पाम ऑयल और चाय जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम सालाना 30% तक बढ़ चुके हैं। लेकिन कीमतों में और बढ़ोतरी करने से उपभोक्ता मांग घटने का खतरा है, जो हाल ही में शहरी बाजारों में कुछ सुधार के संकेत दे रही है।
Fmcg price increase : बिक्री में वृद्धि नहीं, केवल दाम बढ़ने से ग्रोथ
Fmcg price increase : जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में FMCG कंपनियों की आय में केवल 5% की बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह वृद्धि प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने के कारण होगी, न कि बिक्री में किसी विशेष उछाल के कारण।
Fmcg pricing strategy : खाद्य तेल की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
Fmcg pricing strategy : जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा के अनुसार, सितंबर 2024 तक छह महीनों के दौरान भारत में सफोला ब्रांड के खाद्य तेल की कीमतें 20% तक बढ़ीं। इसी दौरान मेरिको ने पैराशूट कोकोनट ऑयल के दाम 10% तक बढ़ाए। नोमुरा का अनुमान है कि अक्टूबर-दिसंबर 2024 के बीच कंपनियों ने अपने उत्पादों की कीमतों में औसतन 7.3% की बढ़ोतरी की है।
What Are Fmcg : चाय के दाम में सबसे ज्यादा इजाफा
What Are Fmcg : चाय की कीमतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं। नीलामी में चाय के थोक दाम में 33% तक वृद्धि देखी गई है। नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के बीच चाय के दाम 25-30% तक बढ़ा सकती है। इसमें से आधे से ज्यादा बढ़ोतरी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ही हो चुकी है।
अन्य उत्पादों में भी महंगाई
नेस्ले ने अक्टूबर-दिसंबर 2024 में चॉकलेट जैसे प्रोडक्ट्स के दाम 4.9% तक बढ़ाए हैं। वहीं स्नैक्स कंपनी बीकाजी ने इसी अवधि में अपने उत्पादों की कीमतों में करीब 2% की बढ़ोतरी की।
HUL और गोदरेज ने धीरे-धीरे बढ़ाई कीमतें
FMCG क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने भी अपने उत्पादों के दाम धीरे-धीरे बढ़ाए हैं। नुवामा रिसर्च के मुताबिक, 2024 में HUL और गोदरेज ने औसतन 10% कीमतें बढ़ाईं। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में HUL ने औसतन 2% और गोदरेज कंज्यूमर ने 4% तक दाम बढ़ाए।
उपभोक्ताओं पर असर
लगातार बढ़ती कीमतों का असर उपभोक्ताओं की खरीदारी पर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दाम और बढ़ाए गए, तो शहरी बाजारों में मांग घट सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही कमजोर मांग के चलते कंपनियों को सतर्क रहना होगा।FMCG कंपनियां अब लागत में कमी लाने और उत्पादों की पैकेजिंग को ऑप्टिमाइज करने पर जोर दे रही हैं। इसके अलावा, कंपनियां छोटे पैक और कम कीमत वाले विकल्पों को लॉन्च कर रही हैं ताकि ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके।