
International Hindu Parishad Devgarh : देवगढ़ (राजसमंद)। शौर्य दिवस के पावन अवसर पर शनिवार को समूचा देवगढ़ भगवा रंग में रंग गया। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (IHP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगड़िया के नगर आगमन पर ऐसा उत्साह उमड़ा कि महाराणा प्रताप सर्किल से लेकर मुख्य मार्ग तक केवल “वंदे मातरम”, “जय श्री राम” और “हिंदुस्तान जिंदाबाद” के नारे गूंजते रहे। सैकड़ों कार्यकर्ता, युवा, महिलाएं और बच्चे हाथों में भगवा झंडे, फूलमालाएं और ढोल-नगाड़ों के साथ सड़क पर खड़े थे। जैसे ही डॉ. तोगड़िया का वाहन नजर आया, पूरा वातावरण जयघोष से काँप उठा। फूलों की वर्षा, आरती और तिलक के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया।
आगमन के बाद सबसे पहले डॉ. तोगड़िया अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के वरिष्ठ कारसेवक एवं अपने पुराने साथी स्व. दिनेश शर्मा के निवास पहुंचे। वहां परिवारजन से मिलकर उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि दिनेश शर्मा जैसे असंख्य कारसेवकों का बलिदान ही आज अयोध्या में भव्य रामलला के भव्य मंदिर के रूप में साकार हुआ है। इस दौरान पुराने साथियों के साथ बैठकर उन्होंने 1990 और 1992 के उन ऐतिहासिक पलों को याद किया, जब लाखों कारसेवक जान की परवाह किए बिना अयोध्या पहुंचे थे।

राम मंदिर – आस्था, त्याग और अटूट संकल्प की अमर गाथा
Ram Mandir Karsevaks Tribute Togadia : सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए डॉ. प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि अयोध्या का भव्य राम मंदिर केवल ईंट-पत्थर की इमारत नहीं है, बल्कि यह पांच सौ वर्षों के संघर्ष, करोड़ों हिंदुओं की आस्था, अनगिनत कारसेवकों के बलिदान और अटूट संकल्प की जीत का प्रतीक है। उन्होंने याद दिलाया कि जब आंदोलन शुरू हुआ था, तब स्पष्ट कहा गया था – “जहां रामलला विराजमान हैं, वहीं भव्य मंदिर बनेगा, एक ईंट इधर-उधर नहीं हटेगी।” आज वही संकल्प साकार हुआ है।
उन्होंने राजस्थान की विशेष भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि राजस्थान के गांव-गांव से तराशे हुए गुलाबी पत्थर अयोध्या पहुंचे थे। सैकड़ों ट्रक। ग्रामीण महिलाएं, किसान, मजदूर – सभी ने श्रमदान किया, दान दिया। यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक निरंतरता और आध्यात्मिक चेतना का जीवंत स्वरूप है। आने वाली पीढ़ियां जब इस मंदिर को देखेंगी, तो उन्हें गर्व होगा कि उनके पूर्वजों ने सदियों की गुलामी के बाद भी अपनी सभ्यता को जीवित रखा।

हिंदू समाज की तभी मजबूत जब संख्या के साथ संगठन और जागरूकता हो
Pravin Togadia Shaurya Diwas Speech : डॉ. तोगड़िया ने स्पष्ट शब्दों में कहा – “किसी भी समुदाय की असली ताकत उसकी संख्या, संगठन और जागरूकता में होती है।” आज हिंदू समाज को तीनों मोर्चों पर मजबूत होना होगा। उन्होंने चिंता जताई कि यदि हम अपनी परंपराएं, अपने संस्कार, अपनी भाषा और अपने त्योहार भूल गए, तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी।
इसी कड़ी में उन्होंने अपने महत्वाकांक्षी संकल्प की घोषणा दोहराई – देशभर में एक लाख हनुमान चालीसा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। जहां हर मंगलवार और शनिवार को सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ होगा। उन्होंने कहा, “हनुमान चालीसा केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, यह सामूहिक मनोबल बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। जब सैकड़ों लोग एक साथ चालीसा पढ़ते हैं, तो समाज में अनुशासन, एकजुटता और मानसिक दृढ़ता अपने आप आती है।”

धर्म, शिक्षा और स्वास्थ्य – समाज निर्माण के तीन अटूट स्तंभ
Shaurya Diwas 2025 Devgarh Rajasthan : डॉ. तोगड़िया ने कहा कि आज के दौर में किसी भी समाज का विकास करना है तो तीन स्तंभों को मजबूत करना होगा – धर्म, शिक्षा और स्वास्थ्य। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि घर में संस्कारों का वातावरण बनाएं, बच्चों को रामायण-महाभारत की कथाएं सुनाएं, हनुमान चालीसा पढ़ने की आदत डालें। स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा और सांस्कृतिक जागरूकता भी जरूरी है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद द्वारा संचालित अस्पतालों और मेडिकल कैंपों का जिक्र किया और कहा कि गरीब से गरीब हिंदू को भी उत्तम चिकित्सा मिलनी चाहिए।

अंत में संकल्प – हम अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे
VHP Leader Togadia Devgarh Rally : सभा के अंत में डॉ. तोगड़िया ने हाथ उठवाकर सभी से संकल्प कराया – “हम अपनी संस्कृति, अपनी परंपराएं, अपने त्योहार और अपने आराध्य को कभी नहीं भूलेंगे। हम संगठित रहेंगे, जागृत रहेंगे और हर चुनौती का डटकर मुकाबला करेंगे।”
देवगढ़ में यह आयोजन न केवल शौर्य दिवस की स्मृति में हुआ, बल्कि यह हिंदू समाज के लिए एक नई ऊर्जा और दिशा का संदेश बनकर उभरा। पुलिस प्रशासन ने पूरे कार्यक्रम के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी और सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
