
Manrega work timing : राजस्थान में तेजी से बढ़ती गर्मी और लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। राजसमंद जिले के कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत चल रहे कार्यों के समय में बदलाव किया है। अब मजदूरों को चिलचिलाती दोपहर में नहीं, बल्कि सुबह के ठंडे समय में काम मिलेगा।
अब तक मनरेगा के अंतर्गत कार्य का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित था, जिसमें 1 घंटे का विश्राम (Break Time) भी शामिल रहता था। लेकिन राज्य सरकार के हालिया निर्देशों की पालना करते हुए इसे परिवर्तित कर दिया गया है। नई समय-सारणी के अनुसार, अब मनरेगा श्रमिकों का काम सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक बिना किसी विश्राम के किया जाएगा। यह बदलाव खासतौर पर इसीलिए किया गया है ताकि मज़दूरों को अत्यधिक तापमान और लू जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिल सके।
⏱️MGNREGA Summer Timings ; जल्दी कार्य पूरा करने पर क्या मिलेगा विकल्प?
MGNREGA Summer Timings : प्रशासन द्वारा यह भी तय किया गया है कि यदि कोई श्रमिक समूह अपने तय किए गए Task या निर्धारित कार्य को समय से पहले पूरा कर लेता है, तो उन्हें समय से पहले कार्य स्थल छोड़ने की अनुमति दी जाएगी।
- 10:30 बजे के बाद यदि कोई समूह अपना कार्य पूरा कर लेता है, तो वह:
- पहले अपने कार्य की माप (Measurement) करवाएगा।
- फिर समूह मुखिया (Group Leader) से हस्ताक्षर करवाएगा।
- इसके बाद संबंधित Mobile App में निर्धारित प्रक्रिया के तहत दूसरी पारी की उपस्थिति दर्ज कर सकेगा।
- यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद श्रमिक कार्यस्थल को छोड़ सकता है।
Narega news rajsamand : कब तक लागू रहेगा यह नया टाइमटेबल?
Narega news rajsamand : यह नई समय-सारणी 15 जुलाई 2025 तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद मौसम की स्थिति के अनुसार समय में फिर से संशोधन किया जा सकता है। इस निर्णय का मूल उद्देश्य मजदूरों को लू और गर्मी की मार से बचाना है। चूंकि अप्रैल से जून-जुलाई के बीच राजस्थान में पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है, ऐसे में Heat Stroke जैसी समस्याओं से बचाव हेतु यह निर्णय अत्यंत आवश्यक माना गया है।
🔆 गर्मी में श्रमिकों के लिए जरूरी बचाव के उपाय
🧴 1. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना
- दिन भर काम करते समय हर 30 से 45 मिनट पर पानी पीना चाहिए।
- पानी में ग्लूकोज़ या नमक-शक्कर (ORS) घोल मिलाकर लेना ज्यादा फायदेमंद होता है।
- काम की जगह पर स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
👒 2. सिर और शरीर को ढककर रखें
- श्रमिकों को सिर पर गमछा, टोपी या कपड़ा बांधकर रखना चाहिए ताकि धूप सीधा सिर पर न लगे।
- शरीर को ढकने के लिए हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनने चाहिए जो पसीना जल्दी सोखें।
🕶 3. धूप में सीधा संपर्क कम करें
- जब धूप सबसे तीव्र होती है (दोपहर 11 से 3 बजे तक), उस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- जरूरत हो तो इस समय में छांव में आराम करने का प्रावधान होना चाहिए।
🧊 4. ठंडी चीजों का सेवन करें
- मौसमी फल जैसे खीरा, तरबूज, ककड़ी आदि का सेवन करें।
- ये शरीर में पानी की कमी को दूर करते हैं और ठंडक पहुंचाते हैं।

🧘♂️ 5. जरूरत पड़ने पर तुरंत विश्राम करें
- थकान, चक्कर, ज्यादा पसीना या उलझन महसूस होने पर तुरंत काम रोक दें और छांव या ठंडी जगह में बैठकर पानी पिएं।
🧑⚕️ 6. प्राथमिक चिकित्सा किट (First Aid)
- कार्य स्थल पर प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए ताकि कोई भी आपात स्थिति तुरंत संभाली जा सके।
🔊 7. गर्मी के लक्षण पहचानें
- अगर किसी श्रमिक को तेज़ बुखार, सिर दर्द, चक्कर, उल्टी, त्वचा लाल होना या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। यह हीट स्ट्रोक के संकेत हो सकते हैं।
🕶 8. शेड या अस्थायी छावं की व्यवस्था
- जहां पर संभव हो, वहां श्रमिकों के लिए आराम करने के लिए अस्थायी शेड (Shade) लगाया जाए।
- यह व्यवस्था MGNREGA गाइडलाइंस में भी शामिल है।
Parmeshwar Singh Chundwat ने डिजिटल मीडिया में कॅरियर की शुरुआत Jaivardhan News के कुशल कंटेंट राइटर के रूप में की है। फोटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में उनकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता है। चाहे वह घटना, दुर्घटना, राजनीतिक, सामाजिक या अपराध से जुड़ी खबरें हों, वे SEO आधारित प्रभावी न्यूज लिखने में माहिर हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, थ्रेड्स और यूट्यूब के लिए छोटे व बड़े वीडियो कंटेंट तैयार करने में निपुण हैं।