अब गांवों की तर्ज पर शहर में भी बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। इसके लिए जिले की चारों नगर पालिकाओं में रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। अब तक चारों नगर पालिका में 4 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवया है। नगर निकायों में रोजगार पाने के लिए ई-मित्र से रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना (Indira Gandhi Sheri Rojgar Guarantee Yojana) 9 सितम्बर से शुरू होगी।
नगर निकायों में रोजगार पाने के लिए अब तक 4000 हजार से अधिक लोगों ने जॉब कार्ड बनवाए है। राजसमंद नगर परिषद सहित जिले की आमेट, नाथद्वारा व देवगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में काम पाने के लिए ई-मित्र से एप्लाई करना होगा।राजसमंद नगर परिषद में अब तक सर्वाधिक 1228 आवेदन राजसमंद शहर में आए हैं। काम की मांग करने वालों को 100 दिन का रोजगार मिलेगा।
नगर परिषद आयुक्त जनार्दन शर्मा ने बताया कि इस योजना से जुड़ने के लिए जॉब कार्ड (job card) व काम की मांग के आवेदन दोनों ही कार्य ई-मित्र के जरिए पूरे किए जाएंगे। संबंधित वार्ड में काम उपलब्ध कराया जाएगा। जॉब कार्ड धारकों को वृक्षारोपण, फुटपाथ, डिवाइडर व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे पौधों को पानी देने, नर्सरी में पौधे तैयार करने, श्मशान व कब्रिस्तान में सफाई सहित कार्य कराए जाएंगे।
रोजगार के लिए यह है पात्रता
शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले 18 से 60 वर्ष की उम्र के व्यक्ति ई-मित्र से आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत परिवार के पंजीयन के लिए जन आधार कार्ड आवश्यक होगा। जिसको एक यूनिट माना जाएंगा। राजसमंद जिले की चारों निकाय के लिए इस योजना के अन्तर्गत कुल 12 करोड़ रूपए स्वीकृत हुए है। जिसमें सर्वाधिक बजट राजसमंद नगर परिषद के लिए 6 करोड रुपए जबकि शेष आमेट, नाथद्वारा व देवगढ़ नगर पालिका के लिए 2-2 करोड रुपए स्वीकृत हुए हैं।
इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार गारंटी योजना
राजस्थान सरकार द्वारा इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत अपने राज्य के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए की गई है। इस योजना के द्वारा शहरी क्षेत्र में मनरेगा की तर्ज पर मांगे जाने वाले काम पर पात्र बेरोजगार नागरिकों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। सरकार द्वारा इस योजना का सुचारू रूप से संचालन करने के लिए 800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पहले प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना को संचालित किया जा रहा था वहां पर इसके सफलतापूर्वक संचालन को देखते हुए सरकार ने बाद में प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए इस योजना को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है।
अब शहरी क्षेत्रों के नागरिकों को भी उनके निवास क्षेत्र के पास ही रोजगार मुहैया करवाया जाएगा ताकि शहरी परिवारों को संभल प्रदान हो सके। इस योजना के द्वारा राज्य के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को रोजगार की प्राप्ति होगी और साथ ही उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ेगा