
Pakistan Cricket Board criticism : नई दिल्ली। भारत ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली, लेकिन इस ऐतिहासिक मौके पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) का रवैया बेहद शर्मनाक रहा। टूर्नामेंट का आयोजन पाकिस्तान की मेजबानी में हुआ, लेकिन जब भारत ने ट्रॉफी जीत ली, तो पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी समापन समारोह से नदारद रहे। उन्होंने न सिर्फ फाइनल मैच में शिरकत करने से इंकार किया, बल्कि पुरस्कार वितरण समारोह में भी नहीं दिखे। पाकिस्तान की टीम के पहले ही दौर में बाहर होने के बाद पीसीबी की बेरुखी साफ दिखी।
ICC Champions Trophy 2025 : आईसीसी ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान को सौंपी थी, लेकिन पाकिस्तान सिर्फ अपनी टीम की हार-जीत तक सीमित रहा। बतौर मेजबान बोर्ड, पीसीबी को पूरे टूर्नामेंट की जिम्मेदारी निभानी थी, लेकिन जब भारतीय टीम ने ट्रॉफी अपने नाम की, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पूरी तरह से पीछे हट गया।
Shoaib Akhtar on PCB : सूत्रों के मुताबिक, पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी, जो पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री भी हैं, ने इस ऐतिहासिक फाइनल से खुद को दूर रखा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ओर से सफाई दी गई कि नकवी “पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों” की वजह से दुबई नहीं जा सके। हालांकि, सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान की टीम फाइनल में पहुंचती, तो क्या तब भी पीसीबी चीफ इस तरह की लापरवाही दिखाते?
क्या भारत की जीत से परेशान था पाकिस्तान?
Mohsin Naqvi PCB news : टूर्नामेंट की शुरुआत से ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भारत को अपने यहां बुलाने की जिद पकड़ रखी थी। बीसीसीआई ने पहले ही साफ कर दिया था कि सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी। अंत में, आईसीसी को हाईब्रिड मॉडल अपनाना पड़ा, जिसमें भारत के सभी मुकाबले दुबई में कराए गए।
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसकी टीम चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करेगी, लेकिन वह पहले ही दौर से बाहर हो गई। जब भारत ने फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर खिताब जीता, तो पीसीबी के बड़े अधिकारी तक नदारद रहे। पाकिस्तान का यह रवैया उसकी बौखलाहट को साफ दर्शाता है।
शोएब अख्तर ने की पीसीबी की आलोचना
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर कहा, “ये बेहद शर्मनाक है कि पाकिस्तान की ओर से कोई भी फाइनल देखने और ट्रॉफी देने नहीं पहुंचा। जब आप एक टूर्नामेंट को होस्ट कर रहे हैं, तो आपकी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम समापन समारोह में मौजूद रहें। यह वर्ल्ड स्टेज है, और आपको यहां होना चाहिए था।”
अख्तर की इस टिप्पणी के बाद पाकिस्तान में भी पीसीबी की आलोचना शुरू हो गई है। क्रिकेट फैंस का मानना है कि अगर फाइनल में पाकिस्तान खेलता, तो पीसीबी चीफ किसी भी कीमत पर वहां मौजूद रहते।
फिर पाकिस्तान ने दिखाया असली चेहरा
भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी के इस फाइनल में शानदार खेल दिखाया और न्यूजीलैंड को हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली। इस जीत से पूरे भारत में जश्न का माहौल था, लेकिन पाकिस्तान की बेरुखी ने उसकी मानसिकता को उजागर कर दिया।
अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड एक जिम्मेदार मेजबान के रूप में सफल रहा? क्या पीसीबी की यह हरकत खेल भावना के खिलाफ नहीं थी?
फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों की राय में, पाकिस्तान ने सिर्फ अपनी हार की वजह से यह कदम उठाया। लेकिन इससे उसकी छवि और खराब हो गई।
जब-जब पाकिस्तान ने भारत के साथ की बेतुकी हरकतें
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि जुनून और भावनाओं से भरा मुकाबला होता है। हालांकि, कई बार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) और पाकिस्तान की सरकार ने ऐसी बेतुकी हरकतें की हैं, जो खेल भावना के बिल्कुल खिलाफ जाती हैं। पाकिस्तान का यह रवैया सिर्फ हाल ही में नहीं, बल्कि कई बार दोहराया जा चुका है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और वहां के खिलाड़ी बार-बार यह साबित कर चुके हैं कि वे खेल भावना से ज्यादा राजनीति में रुचि रखते हैं। चाहे वह वर्ल्ड कप हो, एशिया कप हो या फिर कोई द्विपक्षीय सीरीज, पाकिस्तान हमेशा कोई न कोई बेतुकी हरकत करके विवाद खड़ा करने की कोशिश करता है। लेकिन भारत हमेशा अपने क्रिकेट कौशल और परिपक्वता से इन विवादों का जवाब देता आया है और आगे भी देता रहेगा।
1. 2019 वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा
2019 के वर्ल्ड कप में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए हाई-वोल्टेज मुकाबले से पहले पाकिस्तान में एक राजनीतिक प्रोपेगेंडा फैलाया गया। पाकिस्तान के कई पूर्व क्रिकेटरों और वहां के मीडिया ने भारत के खिलाफ बेवजह की बयानबाजी की। मैच से पहले पाकिस्तान के कुछ फैंस ने भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान की तस्वीरों वाले मास्क तक पहने, जिससे यह मामला और ज्यादा विवादित हो गया। हालांकि, भारत ने इस मैच में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी।
2. 2021 टी20 वर्ल्ड कप के बाद पाकिस्तानी मंत्री का बेतुका बयान
2021 के टी20 वर्ल्ड कप में जब पाकिस्तान ने भारत को हराया, तो पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री शेख रशीद ने इसे “इस्लाम की जीत” करार दिया। खेल को धर्म से जोड़ना पाकिस्तान के लिए कोई नई बात नहीं थी, लेकिन इस बार इसे आधिकारिक रूप से समर्थन मिला। इस तरह की बयानबाजी से पाकिस्तान ने साबित कर दिया कि वे क्रिकेट को केवल एक खेल के रूप में नहीं देखते, बल्कि इसे राजनीतिक और धार्मिक रंग देने की कोशिश करते हैं।
3. 2023 एशिया कप में हाईब्रिड मॉडल का ड्रामा
एशिया कप 2023 के आयोजन को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने खूब ड्रामा किया। भारत ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान में खेलने से मना कर दिया था, लेकिन पीसीबी ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया। आखिरकार, टूर्नामेंट को हाईब्रिड मॉडल में आयोजित करना पड़ा, जहां भारत के सभी मैच श्रीलंका में कराए गए। पाकिस्तान ने इसे लेकर कई बार अजीबोगरीब बयान दिए, लेकिन अंततः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का रुख मजबूत रहा।
4. 2009 में मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान का गैरजिम्मेदाराना रवैया
2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध तोड़ दिए थे। लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा कि टीम इंडिया को उनके साथ क्रिकेट खेलना चाहिए। बावजूद इसके कि पाकिस्तान से आतंकियों का समर्थन जगजाहिर था, पीसीबी और पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत को ही विलेन बनाने की कोशिश करते रहे।
5. 1999 चेन्नई टेस्ट में पाकिस्तानी टीम की बेहूदा हरकत
1999 में जब पाकिस्तान की टीम चेन्नई टेस्ट जीतने के बाद मैदान का चक्कर लगा रही थी, तब उसने भारतीय दर्शकों को उकसाने वाले इशारे किए। इसके बावजूद भारतीय दर्शकों ने खेल भावना दिखाते हुए पाकिस्तानी टीम को स्टैंडिंग ओवेशन दिया। यह दिखाता है कि भारत और पाकिस्तान के खेल दृष्टिकोण में कितना बड़ा अंतर है।