
Petrol Pump Scams : हर दिन लाखों लोग पेट्रोल पंप पर अपनी गाड़ियों में डीजल या पेट्रोल भरवाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस दौरान आपके साथ धोखाधड़ी भी हो सकती है? कई पेट्रोल पंप कर्मचारी ऐसे स्कैम्स में शामिल होते हैं जिनकी भनक तक ग्राहकों को नहीं लगती। अगर आप भी अपने वाहन में ईंधन भरवा रहे हैं, तो आपको इन 5 तरह के पेट्रोल पंप स्कैम्स के बारे में जरूर जानना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं इन स्कैम्स के बारे में और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
1. चिप स्कैम (Chip Scam)
चिप स्कैम पेट्रोल पंप पर होने वाला एक धोखाधड़ी भरा तरीका है, जिसमें फ्यूल मशीन में हिडन चिप लगाई जाती है। इस चिप के जरिए मशीन की रीडिंग को हेरफेर कर दिया जाता है, जिससे ग्राहक को कम पेट्रोल मिलता है, लेकिन मीटर पर पूरी मात्रा दिखती है। उदाहरण के लिए, 1 लीटर पेट्रोल के पैसे देने के बाद भी आपको सिर्फ 850-900 मिलीलीटर ही मिल सकता है।
इसके अलावा, कई बार अटेंडेंट बिना आपकी अनुमति के पावर पेट्रोल या प्रीमियम फ्यूल डाल देते हैं, जिसकी कीमत ज्यादा होती है। इससे आपकी जेब पर सीधा असर पड़ता है।
कैसे बचें?
- मीटर चेक करें: फ्यूल भरवाने से पहले मीटर को 0 पर सेट जरूर देखें।
- डेंसिटी जांचें: पेट्रोल की डेंसिटी 730-800 kg/m³ के बीच होनी चाहिए।
- कैश मेमो लें: भुगतान के बाद रसीद जरूर लें।
- अनुमति लें: पावर पेट्रोल या अन्य महंगे फ्यूल के लिए अटेंडेंट को मना करें, जब तक कि आपको उसकी जरूरत न हो।
यदि आपको किसी भी तरह की धोखाधड़ी का संदेह हो, तो कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सतर्क रहें और अपने पैसे की सुरक्षा करें!
2. Fuel Fraud at Petrol Pumps : मीटर मिसमैच (Meter Mismatch)
Fuel Fraud at Petrol Pumps : कुछ पेट्रोल पंप कर्मचारी मीटर मिसमैच स्कैम का सहारा लेते हैं, जिसमें फ्यूल मशीन के मीटर को 0 पर सेट किए बिना ही पेट्रोल या डीजल भरना शुरू कर दिया जाता है। इससे ग्राहक को कम ईंधन मिलता है, लेकिन भुगतान पूरी मात्रा के लिए करना पड़ता है। यह एक बेहद आम लेकिन नजरअंदाज किया जाने वाला स्कैम है।
कैसे पहचानें और बचाव करें?
- मीटर चेक करें: पेट्रोल भरवाने से पहले हमेशा यह सुनिश्चित करें कि मीटर 0 पर सेट हो।
- डेंसिटी पर ध्यान दें: पेट्रोल या डीजल की डेंसिटी 730-800 kg/m³ के बीच होनी चाहिए। यदि डेंसिटी इससे कम है, तो इसमें मिलावट की आशंका हो सकती है।
- संकेतों को समझें: अगर पेट्रोल भरने के बाद भी आपका वाहन उम्मीद के मुताबिक माइलेज नहीं दे रहा है, तो यह कम मात्रा में पेट्रोल भरने का संकेत हो सकता है।
- रसीद लें: पेमेंट करने के बाद कैश मेमो या रसीद जरूर लें, जिससे जरूरत पड़ने पर शिकायत दर्ज की जा सके।
हर बार पेट्रोल पंप पर सतर्क रहना ही इस स्कैम से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। अपने अधिकारों की जानकारी रखें और किसी भी संदेहजनक स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारी या कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कराएं।
3. Hidden Chip Scam in Fuel Stations : फ्यूल फ्रॉड : पेट्रोल में मिलावट से कैसे बचें?
Hidden Chip Scam in Fuel Stations : फ्यूल फ्रॉड एक आम स्कैम है, जिसमें पेट्रोल या डीजल की डेंसिटी (Density) को कम करने के लिए उसमें अन्य सस्ते पदार्थ मिला दिए जाते हैं। इस मिलावट के कारण वाहन की परफॉर्मेंस पर बुरा असर पड़ता है, माइलेज कम हो जाता है, और इंजन को नुकसान पहुंच सकता है।
कैसे पहचानें फ्यूल फ्रॉड?
- डेंसिटी चेक करें: पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 kg/m³ के बीच होनी चाहिए। अगर यह सीमा से बाहर है, तो मिलावट की संभावना है।
- इंजन की परफॉर्मेंस: मिलावटी पेट्रोल इंजन में झटके, पिकअप में कमी और ज्यादा धुंआ जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
- स्मेल और कलर: असली पेट्रोल में हल्की सी गंध होती है और यह पारदर्शी होता है, जबकि मिलावटी पेट्रोल का रंग और गंध अलग हो सकती है।
क्या करें अगर मिलावट का शक हो?
- कर्मचारी से पूछताछ करें: फ्यूल की गुणवत्ता पर संदेह हो तो तुरंत पंप कर्मचारी से क्वालिटी चेक की मांग करें।
- शिकायत दर्ज करें: यदि समस्या का समाधान न हो तो कंज्यूमर फोरम या संबंधित विभाग में शिकायत दर्ज करें।
- नियमों का सहारा लें: भारत में हर नागरिक को पेट्रोल पंप पर शुद्धता जांच करने का अधिकार है। पंप पर मौजूद डेंसिटी मीटर से इसकी जांच की जा सकती है।

4. Fake Fuel Density Scam : कार्ड स्किमिंग : पेट्रोल पंप पर कैसे होता है फ्रॉड?
Fake Fuel Density Scam : कार्ड स्किमिंग एक खतरनाक धोखाधड़ी है, जो पेट्रोल पंप पर आम होती जा रही है। इस स्कैम में अपराधी कार्ड मशीन में एक छुपा हुआ डिवाइस (Skimmer) जोड़ देते हैं, जो आपकी क्रेडिट या डेबिट कार्ड डिटेल्स चोरी कर लेता है। जैसे ही आप पेट्रोल भरवाने के बाद पेमेंट के लिए अपना कार्ड स्वाइप करते हैं, यह डिवाइस आपके बैंकिंग डेटा को रिकॉर्ड कर लेता है।
कैसे काम करता है स्किमिंग डिवाइस?
- छुपा हुआ स्किमर: कार्ड मशीन में लगाकर यह कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप में मौजूद सभी जानकारी को कॉपी कर लेता है।
- पिन पैड क्लोनिंग: कुछ मामलों में, कीपैड क्लोनिंग डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपके पिन कोड की जानकारी भी हैकर्स तक पहुंच जाती है।
- डेटा मिसयूज: स्किमर द्वारा प्राप्त जानकारी का उपयोग कर अपराधी आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं या डुप्लीकेट कार्ड बना सकते हैं।
कैसे बचें कार्ड स्किमिंग से?
- क्यूआर कोड या यूपीआई पेमेंट का उपयोग करें: डिजिटल पेमेंट सुरक्षित हो सकता है।
- चिप कार्ड का उपयोग करें: मैग्नेटिक स्ट्रिप की तुलना में चिप कार्ड अधिक सुरक्षित होते हैं।
- कन्फर्म करें: कार्ड स्वाइप करने से पहले मशीन को ध्यान से चेक करें और किसी भी अतिरिक्त डिवाइस को पहचानने की कोशिश करें।
- संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें: अगर कोई भी संदेहजनक गतिविधि दिखे तो पेट्रोल पंप मैनेजर या पुलिस को सूचित करें।
5. Petrol Pump Fraud Detection : मिरर ब्लॉक : पेट्रोल पंप पर कैसे हो सकता है स्कैम?
Petrol Pump Fraud Detection : मिरर ब्लॉक स्कैम एक चालाकी भरा तरीका है, जिसमें पेट्रोल पंप कर्मचारी गाड़ी के साइड मिरर को ब्लॉक कर देते हैं। ऐसा करने से ड्राइवर को यह साफ-साफ नहीं दिखता कि पेट्रोल भरने की प्रक्रिया सही तरीके से हो रही है या नहीं। इस स्थिति का फायदा उठाकर कर्मचारी कम मात्रा में पेट्रोल डाल सकते हैं या मीटर में हेरफेर कर सकते हैं।
कैसे होता है मिरर ब्लॉक स्कैम?
- साइड मिरर को बाधित करना: गाड़ी के साइड मिरर को कपड़ा, पेपर या किसी अन्य वस्तु से ब्लॉक कर दिया जाता है।
- ड्राइवर का ध्यान भटकाना: कर्मचारी अक्सर किसी सवाल-जवाब या बातचीत में उलझाकर ड्राइवर को पेट्रोल भरने की प्रक्रिया से दूर रखते हैं।
- कम फ्यूल डालना: इस दौरान मीटर में दिख रही रीडिंग के मुकाबले कम ईंधन भरा जा सकता है।
कैसे बचें मिरर ब्लॉक स्कैम से?
- सावधान रहें: पेट्रोल भरवाते समय हमेशा मीटर पर नजर रखें।
- गाड़ी के मिरर को चेक करें: पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही सुनिश्चित करें कि साइड मिरर साफ और खुला है।
- ज़रूरी सवाल पूछें: फ्यूल भरने से पहले कर्मचारी से मीटर जीरो पर सेट करने की पुष्टि करें।
- भुगतान से पहले रसीद लें: रसीद मांगकर उसकी जांच करें और फ्यूल की मात्रा को क्रॉस-चेक करें।
अपनी सतर्कता और जागरूकता से आप मिरर ब्लॉक स्कैम का शिकार होने से बच सकते हैं।
क्या करें अगर स्कैम का शिकार हो जाएं?
- तुरंत पेट्रोल पंप मैनेजर से शिकायत करें।
- यदि समस्या का समाधान न मिले तो कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करें।
- पेट्रोल पंप के डिस्प्ले बोर्ड पर मौजूद टोल फ्री नंबर पर कॉल करें।
- पेट्रोल की डेंसिटी टेस्ट करवाने की मांग करें, यह आपका अधिकार है।
पेट्रोल पंप पर होने वाले इन स्कैम्स से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। हमेशा मीटर की रीडिंग चेक करें, सही फ्यूल की मांग करें और डिजिटल पेमेंट में सावधानी बरतें। इन टिप्स को अपनाकर आप अपने पैसे और वाहन दोनों को सुरक्षित रख सकते हैं।