प्रधान और बीडीओ में पिछले दो माह से चल रहे विवाद पर बुधवार को बीडीओ चैंबर में दोनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर गले मिले। बीडीओ ने प्रधान के खिलाफ मानहानि और प्रधान ने बीडीओ पर ब्यावर थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवा रखा है। बीडीओ प्रधान मिले लेकिन केस उठाने पर किसी ने सहमति नहीं जताई।
राजसमंद जिले के भीम पंचायत सिमित प्रधान व बीडीओ के बीच दो माह से चल रहे विवाद में बुधवार बीडीओं चैंबर में दाेनाें ने एक-दूसरे काे मिठाई खिलाई और गले मिले। बीडीओ ने प्रधान के खिलाफ भीम थाने में मानहानि और प्रधान ने बीडीओ पर ब्यावर थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवा रखा है। दाेनाें ने केस उठाने पर सहमति नहीं जताई है। भीम प्रधान वीरमसिंह ने दो माह पहले भीम के पूर्व विधायक हरिसिंह रावत पर 27 लाख रुपए लेकर प्रधान बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद 6 जुलाई को प्रधान वीरम सिंह ने यू टर्न ले लिया और कहा कि बीडीओ डाॅ. रमेश मीणा ने उनका अपहरण किया था। विवाद इतना बढ़ गया कि प्रधान वीरम सिंह ने ब्यावर थाने में अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। वहीं बीडीओ डाॅ. रमेश मीणा ने प्रधान के बेबुनियाद आरोपों के लिए वीरम सिंह के खिलाफ भीम थाने में मानहानि का दावा किया। इसके बाद दोनों के बीच ठनी हुई है।
टेंडर का लिफाफा फाड़ने के विरोध में बुधवार काे भाजपा के पूर्व विधायक हरिसिंह रावत, प्रधान बीरम सिंह आदि पंचायत समिति में प्रदर्शन करने एकत्र हुए। डीएसपी हेमंत नोगिया ने आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर भाजपा का धरना-प्रदर्शन समाप्त करवा दिया। इसके बाद भाजपा पदाधिकारियों ने बीडीओ डाॅ. रमेश मीणा को हटाने व एपीओ करने की मांग करने लग गए। शाम तीन बजे भाजपा पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल भीम बीडीओ के चैंबर में गया। जहां पर पहले से ही एसडीएम उम्मेद सिंह, डीएसपी हेमंत नोगिया बैठे थे। भीम प्रधान बीरमसिंह ने कहा कि मेरी पंचायत समिति में मेरे बिना पूछे व बिना बताए सब कार्य हो रहे हैं। पूर्व विधायक हरिसिंह रावत ने बीडीओ से पूछा कि जो टेंडर प्रक्रिया पंचायत समिति की ओर से की गई। इसके बारे में प्रधान को जानकारी दी या नहीं। इस पर बीडीओ ने सभी को जानकारी भेजने की बात कही थी। इस बीच एसडीएम उम्मेद सिंह व डीएसपी हेमंत नोगिया ने विवाद को समाप्त करने की बात कही। बीडीओ व प्रधान ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर गले लगा लिया। लेकिन जब दोनों से थाने में दर्ज मामले उठाने के बारे में पूछा गया ताे दाेनाें ने कहा कि वे अभी केस नहीं उठाएंगे।
इधर प्रधान वीरसिंह का कहना है कि बीडीओ ने नौ माह में एक भी बार किसी भी कार्य के लिए बताना उचित नहीं समझा। नौ माह से मुझे वाहन तक नहीं दिया। हाल ही में टेंडर प्रक्रिया के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। ऐसे में आज विरोध-प्रदर्शन के दौरान एसडीएम ने उनको प्रधान की बिना सहमति कार्य नहीं करने के बात कही। बीडीओ ने गलती मानते हुए आगे पूछकर कार्य करने की बात कही है। इस बात के लिए मिठाई खिलाई और गले मिले। जबकि ब्यावर थाने पर नशीला पदार्थ खिलाना व अपहरण का मामला दर्ज है, उसको नहीं वापस नहीं लूंगा। कानून अपना काम करेगा।
बीडीओ डॉ. रमेशचंद्र मीणा का कहना है कि अभी तक प्रधान से मिलकर कार्य कर रहे थे। उन्होंने झूठे आरोप लगाए थे, तो मुझे कानून की शरण लेनी पड़ी। जहां तक मानहानि के दावे का मामला है, इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं किया है। आगामी दिनों में निर्णय करुंगा।