
Rajasthan voter list update : राजस्थान में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम के दौरान बड़ी उपलब्धि सामने आई है। राज्य के 97% से अधिक वोटर्स की डिजिटल मैपिंग पूरी हो चुकी है, जिसके कारण अब अधिकांश मतदाताओं को किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ेगी। केवल 3% मतदाताओं को ही अपने कागज़ जमा करवाने होंगे। बीएलओ 11 दिसंबर तक घर-घर पहुंचकर गणना फॉर्म बांट रहे हैं, जिससे इस संख्या में और कमी आने की उम्मीद है।
राजस्थान में इस समय 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 570 पंजीकृत वोटर्स हैं। इनमें से केवल 16 लाख 46 हजार मतदाताओं को ही दस्तावेज जमा करवाने पड़ेंगे। इन लोगों को निर्वाचन विभाग की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा। यदि नोटिस मिलने के बाद भी वे दस्तावेज जमा नहीं करवाते, तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार, अब प्रत्येक बूथ पर औसतन लगभग 30 वोटर्स ही ऐसे होंगे जिन्हें दस्तावेज देने होंगे। 16 दिसंबर को वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित किया जाएगा। उसी दिन से 15 जनवरी तक दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। इसके साथ ही नोटिस जारी कर सुनवाई और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू होगी और सभी दावों पर अंतिम फैसला किया जाएगा।

SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) क्या है?
SIR special intensive revision : स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिससे पूरे देश में वोटर लिस्ट को अपडेट और सुधार किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान 18 साल पूरे कर चुके नए मतदाताओं को वोटर सूची में जोड़ा जाता है, वहीं जिन लोगों का निधन हो चुका है या जो शिफ्ट हो गए हैं, उनके नाम सूची से हटाए जाते हैं। इसके साथ ही वोटर लिस्ट में नाम, पते या अन्य विवरणों में हुई गलतियों को भी ठीक किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में BLO घर-घर जाकर फॉर्म भरवाते हैं ताकि हर योग्य मतदाता का नाम सूची में शामिल रहे और कोई भी अनधिकृत व्यक्ति वोटर लिस्ट में न रहे। इसका उद्देश्य वोटर सूची को पूरी तरह सही, अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है।
राजस्थान ने बनाया रिकॉर्ड
Rajasthan voter list digitalization नवीन महाजन ने बताया कि SIR कार्यक्रम के तहत राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है जिसने वोटर लिस्ट का 100% डिजिटलाइजेशन पूरा कर लिया है। मतदाता सूची की मैपिंग में भी राजस्थान पूरे देश में सबसे आगे है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति का नाम बिना सुनवाई के वोटर लिस्ट से नहीं हटाया जाएगा। ड्राफ्ट लिस्ट में उन लोगों के नाम नहीं दिखेंगे जिनके घर पर बीएलओ को जानकारी नहीं मिली। ऐसे मतदाताओं को नोटिस भेजा जाएगा और अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा। जिनका नाम पिछली SIR में शामिल था, वे संबंधित प्रमाण दिखाकर नाम वापस जुड़वा सकते हैं।
दस्तावेज़ नहीं देने पर ही हटेगा नाम
Digital voter list India जिन मतदाताओं का नाम पिछली SIR में नहीं था, उन्हें अपने माता-पिता के नाम का प्रमाण और खुद का एक पहचान पत्र देना होगा। यदि नोटिस मिलने और सुनवाई का अवसर दिए जाने के बावजूद कोई दस्तावेज नहीं देता, तभी उसका नाम लिस्ट से हटाया जाएगा। निर्वाचन विभाग का दावा है कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ होगी। Voter list document verification
