
Saksham Sakhi Project : जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में जिला प्रशासन तथा राजीविका द्वारा 1 अक्टूबर 2024 को राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए ’प्रोजेक्ट सक्षम सखी’ की शुरुआत की गई थी। जब यह मुहिम आरंभ हुई तब प्रशासन को भी अंदाजा नहीं था कि इसके इतने दूरगामी परिणाम दिखाई देंगे लेकिन सामूहिक प्रयासों से चंद महीनों में ही गत वर्षों की तुलना में कई गुना बेहतर परिणाम देखने को मिले।
असावा के निर्देशन में प्रोजेक्ट सक्षम सखी के तहत क्रेडिट लिंकेज, मार्केट लिंकेज, ट्रेड फेयर, उत्पाद ब्रांडिंग, व्यापक प्रचार-प्रसार एवं बिक्री के माध्यम से एसएचजी की महिलाओं को अधिकतम सहयोग प्रदान किया गया। इस मिशन मोड कार्य प्रणाली ने जिलेभर के 8000 से अधिक एसएचजी एवं 1 लाख से अधिक परिवारों को सीधे तौर पर लाभान्वित किया। बुधवार सायं जिला कलक्टर ने प्रेस वार्ता कर प्रोजेक्ट सक्षम सखी की उपलब्धियों को सभी से साझा किया। इस अवसर पर एडीएम नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ बृजमोहन बैरवा, राजीविका डीपीएम एवं एसीईओ डॉ. सुमन अजमेरा सहित विभिन्न एसएचजी की महिलाएं उपस्थित रहीं। प्रोजेक्ट सक्षम सखी की उपलब्धियों पर आधारित फिल्म दिखाई गई तथा प्रेजेंटेशन दिया गया।
Rajeevika SHG women empowerment : बिक्री पहुंची 1.73 करोड़ तो वहीं 117 करोड़ के ऋण हुए स्वीकृत
Rajeevika SHG women empowerment असावा ने बताया कि प्रोजेक्ट सक्षम सखी व्यापक तौर पर उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में सफल रहा। जहां वर्ष 2023-24 में जिले के एसएचजी समूहों के 22 लाख रुपए के उत्पादों की बिक्री हुई थी, वहीं प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2024-25 में यह बिक्री 1.73 करोड़ तक पहुंच गई। ऐसे ही लोन वितरण में भी उपलब्धि मिली। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 90 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत हुए थे, जबकि वर्ष 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 117 करोड़ रुपये हो गया। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप महिलाओं की आय में वृद्धि, वित्तीय स्वतंत्रता में इज़ाफा, सामाजिक स्थिति में सुधार और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई। इसके साथ ही, महिलाओं की कार्यक्षमता बढ़ी और वे प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में अपने एसएचजी समूहों को स्थापित करने में सफल रहीं। अब ये महिलाएं पहले से भी अधिक सशक्त हो चुकी हैं तथा नए उत्पाद तैयार कर रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं। जिला प्रशासन ने अब सफलताओं से उत्साहित होकर वर्ष 2025-26 का एक्शन प्लान भी तैयार किया है जिसके तहत और अधिक क्रेडिट प्रदान करने और उत्पादों की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है।
Rajsamand SHG women project : यूं बढ़ा सक्षम सखी का कारवां

Rajsamand SHG women project मार्केट लिंकेज और ब्रांडिंग के तहत विभिन्न संगठनों, औद्योगिक संस्थानों, एनजीओ, विभागों एवं व्यापार संघों के साथ नियमित बैठकें कर एसएचजी उत्पादों का मजबूत बाजार नेटवर्क तैयार किया गया। महिलाओं को ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं सेल्स का प्रशिक्षण दिया गया। नए उत्पाद लॉन्च किए गए और उनकी ब्रांडिंग की गई। नियमित रूप से राजीविका टीम एवं बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर ऋण स्वीकृत कराए गए। उत्पादों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। सरकारी संस्थानों में एसएचजी उत्पादों की प्राथमिकता दी गई।
राजकीय कार्यालयों, विद्यालयों, छात्रावासों एवं अन्नपूर्णा रसोई में उपयोग की जाने वाली सामग्रियों को राजीविका एसएचजी से खरीदने हेतु निर्देश जारी किए गए। सरकारी संस्थानों में उपयोगी सामग्रियों की आपूर्ति एसएचजी के माध्यम से प्रारंभ कर दी गई है। इन प्रयासों से एसएचजी की बिक्री में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। साथ ही बड़े औद्योगिक संस्थाओं से भी ऑर्डर प्राप्त हो रहे हैं।
Self Help Group Rajasthan Rajeevika : स्थाई आमदनी का नेटवर्क भी हुआ तैयार
Self Help Group Rajasthan Rajeevika : 19 अक्टूबर 2024 एवं 1 मार्च 2025 को विशेष मेगा क्रेडिट कैंप एवं ट्रेड फेयर का आयोजन किया गया, जहां एसएचजी को ऋण एवं बिक्री आदेश (सेल्स ऑर्डर) सौंपे गए। डीएमएफटी फंड से 1 करोड़ रुपये की राशि राजीविका रूरल मार्ट एवं प्रशिक्षण केंद्र के लिए स्वीकृत की गई है। यह केंद्र पुरानी कलेक्ट्रेट, राजसमंद में स्थापित किया जाएगा, जहां वर्षभर महिलाएं अपने उत्पादों का विक्रय कर सकेंगी। सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा निर्मित उत्पादों की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। राजकीय कार्यालयों में वर्षभर उपयोग होने वाली सामग्रियों, जैसे फाइल कवर, फोल्डर, पेन स्टैंड, कैरी बैग और आतिथ्य सत्कार हेतु तुलसी पॉट आदि की खरीद एसएचजी से करने के आदेश दिए गए हैं, जिसके तहत ऑर्डरिंग और आपूर्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
स्वच्छता सामग्री के रूप में चिकित्सालयों, नगर निकायों और ग्राम पंचायतों में सफाई हेतु उपयोगी फिनाइल, साबुन आदि केवल एसएचजी से खरीदने की प्राथमिकता दी गई है। इसी तरह, राजकीय विद्यालयों, छात्रावासों और अन्नपूर्णा रसोई में भोजन निर्माण में प्रयुक्त मसाले, नमकीन, अचार आदि की आपूर्ति भी एसएचजी से करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे इन समूहों को आर्थिक संबल मिलेगा और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।
मजबूती साथ एसएचजी बाजार में हुए स्थापित
प्रोजेक्ट सक्षम सखी ने न केवल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान दिया, बल्कि उन्हें बाजार में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी अग्रसर किया। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को स्थाई आय का साधन उपलब्ध कराया गया, जिससे वे अपने परिवार एवं समाज में एक प्रभावी भूमिका निभा सकें। यह पहल महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ राजस्थान के ग्रामीण विकास मॉडल में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हो रही है और आने वाले समय में इससे महिलाओं की आजीविका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में नए आयाम जुड़ेंगे।
मिशन वृंदा के तहत विशेष हैम्पर लॉन्च
प्रेस वार्ता के पश्चात जिला कलक्टर ने राजीविका द्वारा तैयार विशेष गिफ्ट हैम्पर लॉन्च किया। इसके तहत 220 रुपए की लागत में एक मिट्टी का गमला, ऑर्गेनिक खाद, तुलसी के बीच और निर्देशिका दी जाएगी। आमजन इसे क्रय करके गिफ्ट के रूप में दे सकेंगे। यह प्लास्टिक मुक्त राजसमंद का भी हिस्सा होगा जिसके तहत कलक्टर ने प्लास्टिक के सामान जैसे बुके भेंट में देना बंद करवाया है। जब एसएचजी ने कलक्टर को गिफ्ट हैम्पर दिखाया तो उन्होंने भी मुक्तकंठ से इसकी सराहना की।
Parmeshwar Singh Chundwat ने डिजिटल मीडिया में कॅरियर की शुरुआत Jaivardhan News के कुशल कंटेंट राइटर के रूप में की है। फोटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में उनकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता है। चाहे वह घटना, दुर्घटना, राजनीतिक, सामाजिक या अपराध से जुड़ी खबरें हों, वे SEO आधारित प्रभावी न्यूज लिखने में माहिर हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, थ्रेड्स और यूट्यूब के लिए छोटे व बड़े वीडियो कंटेंट तैयार करने में निपुण हैं।