
Shops seized in Rajsamand : राजसमंद शहर में बिना स्वीकृति के दुकानों का निर्माण करने पर नगरपरिषद की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए श्री द्वारकाधीश बाजार में नवनिर्मित 74 दुकानों व 10 निर्माणाधीन दुकानों को सीज कर दिया। एक दिन पहले नगरपरिषद ने नोटिस जारी कर 24 घंटे का समय दिया, जिसके चलते ज्यादातर दुकानदारों ने सामान खाली कर दिया। एक दिन पहले बाजार में चौतरफा रौनक थी, लेकिन दूसरे दिन सन्नाटा पसर गया। अल सुबह ही नगरपरिषद की टीम मौके पर पहुंच गई और कानून एवं शांति व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा। नगरपरिषद के सीज की कार्रवाई के दौरान महिला दुकानदार फूट-फूटकर रोने लगीं, तो कई दुकानदार सामान बचाने के लिए अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए।

नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय के नेतृत्व में तीन वाहनों में कार्मिक व अधिकारियों की टीम विट्ठलविलास बाग में नवबहार कॉलोनी के पीछे पहुंची, जहां पर द्वारकाधीश बाजार में अनुराग पालीवाल द्वारा 74 दुकानों का निर्माण किया गया, जबकि 10 दुकानें निर्माणाधीन थी। अनुराग पालीवाल ने यह जमीन श्री द्वारकाधीश मंदिर से लीज पर ले रखी है। उक्त जमीन पर दुकानों का निर्माण करते हुए अनुराग पालीवाल व उसके पिता अशोक पालीवाल ने कतिपय दुकानदारों व महिलाओं को विवाद की जानकारी दिए बगैर किराए पर दे दी और सुरक्षा मनी के लिए डेढ़ से दो दो लाख रुपए प्रत्येक दुकानदार से भी लिए गए। अचानक नगरपरिषद द्वारा दुकानें खाली करने के नोटिस जारी करने की कार्रवाई से पूरे बाजार में हाहाकार मच गया। रात से ही कई व्यापारी बाजार में पहुंच गए और अपनी दुकानों को खाली करने में जुट गए। कार्रवाई में पुलिस की सहायता भी ली गई थी। आयुक्त ने बताया कि यह सभी दुकानें द्वारकाधीश मंदिर मंडल प्रन्यास भूमि है, मगर अनुराग पालीवाल ने लीज पर ले रखी है। इस तरह अवैध निर्माण को लेकर दोनों ही जिम्मेदार है, जिन्हें पहले 7 से 8 बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं, मगर अनुराग पालीवाल द्वारा अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा था। इसी वजह से नगरपरिषद की टीम द्वारा अब पूरे मार्केट की सभी दुकानों को सीज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि कई बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन अवैध निर्माण कार्य नहीं रोका गया, जिसके चलते मजबूरन सीज करने की कार्रवाई करनी पड़ी।
Rajsamand News today : तीन दिन से चल रही थी तनातनी
नगर परिषद और दुकानदारों के बीच बीते तीन दिनों से लगातार खींचतान चल रही थी। दुकानदारों को नोटिस देकर 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था कि वे अपना सामान हटा लें, लेकिन जब समयसीमा समाप्त हुई, तो शनिवार सुबह 7 बजे प्रशासनिक दल ने पहुंचकर पूरे बाजार को सीज कर दिया। कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल मौजूद था।
लीज पर ली थी जमीन, दुकानदारों से लिए थे लाखों

मामले की जांच में सामने आया कि यह भूमि द्वारकाधीश मंदिर मंडल प्रन्यास की है, जिसे वर्ष 2022 में अनुराग पालीवाल ने तीन साल के लिए लीज पर लिया था। लीज मिलने के बाद अनुराग पालीवाल ने इस पर टीनशेड मार्केट बनाकर दुकानदारों को किराए पर देना शुरू कर दिया। किराए पर देने के साथ-साथ उसने दुकानदारों से डिपॉजिट के नाम पर 1 लाख से 1.5 लाख रुपये तक वसूले थे। दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने अपनी जमा पूंजी और बैंक लोन लेकर इन दुकानों को लिया था और अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा। एक महिला दुकानदार ने रोते हुए कहा कि हमने अपना सब कुछ लगाकर यह दुकानें शुरू की थीं। अब हम कर्ज चुकाएं या अपने परिवार का पेट भरें।
क्या सीज किया बाजार वापस खुल पाएगा ?

दुकानों के सील होने से करीब 150 से ज्यादा व्यापारी और उनके परिवार प्रभावित हुए हैं। दुकानदारों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि वे बैंक लोन और उधारी कैसे चुकाएंगे। जिन महिलाओं ने अपने दम पर व्यापार शुरू किया था, वे अब बेबस नजर आ रही हैं। नगरपरिषद की यह कार्रवाई राजसमंद में एक मिसाल बन गई है। अब देखना यह होगा कि प्रभावित दुकानदार कानूनी रास्ता अपनाते हैं या किसी अन्य समाधान की तलाश करते हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी और व्यापारी?
मास्टर प्लान के विपरीत भूमि व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई और बिना अनुमति के दुकानों का निर्माण किया गया। जब से दुकानों का निर्माण शुरू हुआ, तब से ही लगातार 7 से 8 बार नोटिस लीज धारक अनुराग पालीवाल को दिए जा चुके हैं। मंदिर मंडल को भी अवगत कराया। अवैध निर्माण बंध नहीं हुआ, तो अब नगरपरिषद की टीम द्वारा पूरे बाजार को सीज कर लिया गया। बिना अनुमति निर्माण करने वालों पर भविष्य में भी इसी तरह कार्रवाई होगी।
ब्रजेश राय, आयुक्त नगरपरिषद, राजसमंद