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मार्बल फैक्ट्री परिसर में विद्युत लाइन के खुले तार की चपेट में आने से एक श्रमिक की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद मृतक के परिजन व ग्रामीण बीस लाख के मुआवजे की मांग करने के साथ फैक्ट्री मालिक को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर देर रात तक अड़े रहे। 5 घंटे तक शव के साथ ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। बाद में शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया, मगर मुआवजे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई।

केलवा थाना प्रभारी लालसिंह शक्तावत ने बताया कि मोखमपुरा निवासी केसरसिंह (35) पुत्र चंदनसिंह राजपूत घर की तरफ जा रहा था, तभी मोखमपुरा पावर हाउस के पीछे रेनबो स्टोन्स एंड मिनरल्स प्लांट परिसर के पास टॉयलेट करने गया। तभी विद्युत लाइन की केबल में कट होने व उस पर केसरसिंह का पांव लगने से करंट का झटका आ गया और करंट से झुलसकर मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। करंट से झुलसने पर चीख की आवाज सुनकर बड़ी तादाद में अन्य श्रमिक मौके पर पहुंचे, और विद्युत आपूर्ति बंद करवाई, तब तक श्रमिक ने दम तोड़ दिया। बाद में परिजन व ग्रामीण पहुंच गए और प्लांट मालिक से मुआवजे की मांग करते हुए शव को मौके पर ही रख दिया और करीब 5 घंटे तक प्लांट प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

हालात बेकाबू होने पर केलवा थाने से पुलिस पहुंच गई और समझाइश शुरू की गई, मगर ग्रामीण शांत नहीं हुए। बाद में कुंभलगढ़ पुलिस उप अधीक्षक नरपतसिंह भी मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए, मगर देर रात तक भी कोई सहमति नहीं हो पाई।

मोर्चरी में रखवाया शव
घटना के बाद काफी देर तक शव फैक्ट्री में ही रखकर ग्रामीण विरोध प्रदर्शन करते रहे और शव को मौके से नहीं उठाने दिया। ग्रामीण प्लांट मालिक को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। बाद में कुंभलगढ़ डीएसपी नरपतसिंह की समझाइश के बाद लोग शांत हुए और शव को केलवा अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।

अब 23 जून को पोस्टमार्टम
मुआवजे को लेकर सहमति नहीं बनने से मंगलवार को शव केलवा अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया। साथ ही फैक्ट्री प्रबंधन व ग्रामीणों के बीच देर रात तक वार्ता का दौर जारी रहा, मगर कोई सहमति नहीं बन पाई। अब बुधवार सुबह ही फैक्ट्री प्रबंधन व उससे जुड़े कारोबारियों से वार्ता के बाद ही कोई हल निकलेगा और उसके बाद ही शव का पोस्टमार्टम हो सकेगा।