Youngman fought with a panther : जंगल में पेड़ की टहनियां लेने गए युवक पर पैंथर ने अचानक हमला कर दिया, मगर युवक ने हिम्मत नहीं हारी और घबराए बगैर वह उससे लड़ गया। कुछ देर आपस में गुत्थमगुत्था की स्थिति बनी और युवक ने तेज झटके से पैंथर को धक्का मारा तो वह जंगल की तरफ भाग गया। इस घटना में हिम्मत, साहस और जीवटता का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला। युवक न सिर्फ पैंथर से भिड़ गया, बल्कि सीधा मुकाबला कर खुद की जान भी बचाई। युवक की इस बहादुरी को लेकर हर कोई कायल है और ग्रामवासी भी चौंक गए। साथ ही यह साबित कर दिया कि विकट परिस्थिति में भी घबराने की बजाय आत्मबल और संघर्ष किया जाए, तो मौत को भी मात दी जा सकती है।
Rajsamand News : हिम्मत, साहस और बहादुरी की यह रियल घटना राजसमंद जिले में नाथद्वारा थाना क्षेत्र में कुंचोली गांव में 28 वर्षीय डूंगाराम गमेती के घटित हुई। वह उसके मित्र जगदीश गमेती के साथ बकरियों के लिए पेड़ की हरी पत्तियां लेने जंगल में गया, जहां पर नीम के पेड़ से टहनियां काटी और मूली बांध रहे थे, तभी झाड़ियों से निकलकर आए पैंथर ने डूंगाराम पर हमला कर दिया। इस पर एकबारगी साथी जगदीश घबरा गया, मगर डूंगाराम घबराने की बजाय खुद उससे लड़ गया। कुछ देर बाद डूंगाराम ने पैंथर को तेज धक्का दिया, तो पैंथर दूर चला गया। तभी सुरेश गमेती जिसके हाथ में कूंट (लोहे का धारदार हथियार) लेकर उसके पास आ गया, तो पैंथर जंगल की तरफ भाग खड़ा हुआ। हमले में डूंगाराम का शरीर लहूलुहान हो गया। उसके चेहरे, पेट, पीठ व हाथों में पैंथर के नाखुन से जख्मी हो गया। इसके बाद सुरेश उसे नाथद्वारा स्थित गोवर्धन राजकीय जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों द्वारा उसका उपचार किया गया।
डूंगाराम ने यूं किया सीधा मुकाबला
Panther attack : डूंगाराम बकरियों के लिए खेत पर नीम के पेड़ की टहनियां लेन गया, तब उसे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि अगले ही पल जीवन और मृत्यु के बीच जूझने वाले हैं। झाड़ियों में छिपे खतरनाक पैंथर ने उस पर झपट्टा मार दिया। पैंथर के हमले ने डूंगाराम को सकते में डाल दिया, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। जान बचाने के लिए वह भागने के बजाय डटकर मुकाबला करने लगा। आमतौर पर ऐसे हमलों में इंसान डरकर या तो भागने की कोशिश करता है या बेहोश हो जाता है, लेकिन डूंगाराम ने अपनी पूरी ताकत और सूझबूझ से इस संकट का सामना किया।
पैंथर को कसकर पकड़ा, फिर धक्का दिया
Brave youth : डूंगाराम ने पैंथर की आंखों में आंखें डालकर उसे अपने हाथों से कसकर पकड़ लिया। पैंथर ने अपने नुकीले नाखूनों से उसे लहूलुहान कर दिया, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारा। संघर्ष के दौरान पूरी ताकत लगाकर पैंथर को धक्का दिया, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ा। इस दौरान डूंगाराम के शरीर पर कई जगह घाव हो गए, लेकिन खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया। घायल अवस्था में भी डूंगाराम ने अपनी सूझबूझ से पैंथर को खुद से दूर रखने की कोशिश जारी रखी। कुछ देर की जद्दोजहद के बाद, आखिरकार पैंथर को एक जोरदार धक्का दिया और खुद को उससे अलग किया। जैसे ही पैंथर को यह अहसास हुआ कि उसका शिकार इतना आसान नहीं है, वह घबराकर भाग निकला।
जगदीश तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचा
डूंगाराम के साथ मौजूद उनके साथी जगदीश गमेती ने यह खौफनाक मंजर अपनी आंखों से देखा। उन्होंने बिना देर किए घायल डूंगाराम को संभाला और नाथद्वारा अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके गाल, पीठ और हाथों पर गहरे घाव हैं, लेकिन उनका साहस और इच्छाशक्ति इतनी मजबूत थी कि वे दर्द को नजरअंदाज कर खुद को जीवित रखने में सफल रहे।
चाैतरफा डूंगाराम की बहादुरी पर चर्चा
Wildlife conflict : गांव में डूंगाराम की इस बहादुरी की चर्चा जोरों पर है। जहां आम इंसान एक जंगली जानवर के सामने घबरा जाता है, वहीं उन्होंने अपनी सूझबूझ और आत्मबल से यह साबित कर दिया कि संकट के समय डरने की बजाय मुकाबला करना ही असली बहादुरी है। वन विभाग को भी इस घटना की सूचना दे दी गई है, और पैंथर की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें बनाई जा रही हैं ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके। डूंगाराम की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो जीवन के संघर्षों में हिम्मत हारने लगते हैं। यह साबित करता है कि सच्ची ताकत बाहरी नहीं, बल्कि हमारे मन के अंदर होती है।
वन विभाग ने ग्रामीणों को किया सतर्क
कुंचोली में डूंगाराम गमेती पर हमले की घटना के बाद वन विभाग द्वारा आमजन को सतर्क व सावधान रहने की नसीहत दी है। वन विभाग द्वारा ग्रामवासियों को अकेले खेत व बीड़ में नहीं जाने की सलाह दी है। ग्रामवासी बोले कि अगर खेत व जंगल में नहीं जाएंगे, तो घर गुजारा ही कैसे चलेगा। बकरियों के टहनियां लानी ही पड़ेगी। ग्रामीणों ने वन विभाग से पैंथर को पकड़ने की मांग उठाई है।
वृद्ध और किशोर भी पैंथर से कर चुके
राजसमंद जिले में पैंथर से सीधे मुकाबले की घटनाएं पहले भी घटित हो चुकी है। वर्ष 2021 में कुंभलगढ़ उपखंड क्षेत्र के मजेरा पंचायत में चित्तौड़ा भील बस्ती में 16 वर्षीय दिनेश गमेती ने भैंस के बछड़े को बचाने के लिए पैंथर से मुकाबला कर लिया। भले आप चौंक रहे होंगे, लेकिन यह रिलय घटना हुई है। उस वक्त कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्रसिंह राठौड़ ने किशोर दिनेश गमेती को उसके घर जाकर बहादुर की प्रशंसा की।
इसी तरह नाथद्वारा उपखंड क्षेत्र में खमनोर के पास पासुनिया गांव में गाय व भैंस को लेकर वृद्ध किसान खेत पर जा रहा था, तभी पैंथर ने हमला कर दिया। इस पर वृद्ध ने मुकाबला किया। उनके साथ एक किशोर था, वह भी घायल हो गया था, लेकिन वृद्ध ने खुद के साथ अपने मवेशियों को भी बचा लिया और पैंथर को उल्टे पांव जंगल में लौटना पड़ा।