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Madan Paliwal Biography : गांव की मिट्टी से निकला सपना, शहरी आकाश को छूने की राह कठिन है, मुकाम दूर है, लेकिन हौसले बुलंद हैं और दृढ़ इच्छा शक्ति है, तो सफलता का पेड़ अपने आप ही फल देने लगता है। तभी तो कहते हैं कि सपने देखने से डरो मत, उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत करो। चाहे शुरुआत कितनी ही छोटी क्यों न हो, मंजिल बड़ी हो सकती है।

Miraj Group : यह पंक्तियां सफल बिजनेसमैन मदन पालीवाल के जीवन पर सटीक साबित होती है। पालीवाल मूलत: राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा तहसील में उपली ओडन गांव के रहने वाले हैं। हालांकि मदन पालीवाल का पैतृक गांव उथनोल है। एलडीसी की नौकरी करते वक्त एक बार वह बस में सफर के दौरान एक यात्री को तंबाकू खाते देखा। उसके हाथ का कालापन देखकर एक विचार आया कि क्यों न एक ऐसी तंबाकू बनाई जाए, जिसे हाथों से रगड़ने यानि मसलने की जरूरत ही न पड़े। इसी विचार से तंबाकू तैयार कर बेचने की शुरुआत कर दी। इसके लिए मदन पालीवाल ने एक शिक्षक से 200 रुपए उधार लेकर 100 रुपए की तंबाकू खरीदी और उसे तैयार किया। उसी समय भारत में लड़ाकू विमान मिराज की एंट्री हुई थी। इस विमान की गति व शक्ति से प्रभावित होकर पालीवाल ने भी अपने उत्पाद का नाम ‘मिराज’ रख दिया। तब मोमबत्ती की रोशनी में तंबाकू की थैली पैक करके 25 पैसे की कीमत पर बाजार में बेचना शुरू किया। लोगों ने इस नए उत्पाद को खूब पसंद किया और धीरे धीरे मिराज नामक तंबाकू का कारोबार बढ़ता चला गया। शुरुआत में मदन पालीवाल को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनके उत्पाद को बाजार में जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन हार नहीं मानी। अपनी मेहनत और लगन से मिराज को एक लोकप्रिय ब्रांड बना दिया। मिराज की सफलता के बाद मदन पालीवाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अपने कारोबार का विस्तार किया और कई नए उत्पाद बाजार में उतारे। आज मिराज ग्रुप एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका कारोबार हजारों करोड़ रुपए का है। मदन पालीवाल के जीवन संघर्ष व मिराज समूह के ब्रांड की कहानी से यही सीख मिलती है कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत व दृढ़ इच्छा शक्ति जरूरी है। प्रयास में असफल होना संभव है, मगर उस कमी को तलाश आगे बढ़ते रहने व प्रयास करते रहने की जरूरत है, तभी सफलता संभव है। तभी, तो जिसका बचपन अभाव व गरीबी में रहा हो, मगर अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति व मेहनत के बल पर मदन पालीवाल ने अपनी किस्मत खुद बदल डाली।

Nathdwara : 200 रुपए से शुरुआत, आज हजारों करोड़ का कारोबार

Nathdwara : मदन पालीवाल ने दो सौ रुपए उधार लेकर तंबाकू बनाने का कार्य शुरू किया। आज होटल, फिल्मी जगत, रियल स्टेट, स्टेशनरी, पाइप सहित कई क्षेत्रों में मिराज समूह ने सफलता के झंडे गाढ़ दिए हैं। एक समय ऐसा भी आया, तब 100 रुपए किस्त का प्रबंध नहीं होने से साइकिल हाथ से चली गई थी, मगर दुनिया की महंगी से महंगी कार उनके घर है, तो घर से हेलीकॉप्टर में उड़ने की कुव्वत भी रखते हैं। पालीवाल ने पहला टैक्स 40 रुपए का चुकाया, जो अब बढ़कर प्रति माह 65 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो गया है। शुरुआती दौर में 2 कार्मिक कार्यरत थे और आज 10 हजार कार्मिक कार्यरत है।

Miraj Foundation Day : देखिए कैसे ही मिराज की शुरुआत

Miraj Foundation Day : एलडीसी की नौकरी के दौरान मदन पालीवाल के तंबाकू कारोबार का ख्याल आया। सन् 1980 में रेडिमेड तंबाकू का आइडिया आया। फिर एक शिक्षक से आर्थिक मदद लेकर तंबाकू खरीदी और उसे तैयार किया। फिर बात आई बांड का नाम रखने की। उस समय भारत में लड़ाकू विमान मिराज की एंट्री हुई। एक पुस्तिका में उसका बड़ा सा फोटो देखा। बस, ऐसे नाम पड़ गया मिराज। मोमबती से थैली पैक की और 25 पैसे कीमत की मिराज दुकानों तक पहुंच गई। टेस्ट पसंद आया और मांग बढ़ी तो कारोबार का कारवां बढ़ता चला गया।

Madan Paliwal Speech : संघर्ष साथ साथ चला

Madan Paliwal Speech : मिराज बनाने का कार्य किराये के मकान में शुरू किया। प्रारंभिक दिन में तो जैसे एक-एक दिन निकालना बड़ा मुश्किल था। शरीर नीला पड़ जाता। दिनभर उल्टियां होती। चक्कर आते। अस्पताल में भर्ती होता तो लोग कहते कि इसे जहर चढ़ गया है। यह जहर पता नहीं कितनी बार पीया, लेकिन संघर्ष नहीं छोड़ा। थका, बैठा लेकिन मैं रुका नहीं। 27 वर्ष की उम्र का वो संघर्ष, जिन्दगीभर की खुशियां दे गया।

Miraj Group Success Story : पालीवाल ने बताया राज

Miraj Group Success Story : मिराज ग्रुप सीएमडी मदन पालीवाल ने कहा कि एक परम चेतना के प्रति विश्वास है। यह विश्वास अंधा है। हालांकि मैं खुद तो लक्ष्य विहिन व्यक्ति हूं। निरंतर चलता रहता हूं, मंजिल के लिए नहीं, क्योंकि मंजिल मिलने के बाद क्या बचेगा? कभी ख्वाब नहीं देखे, जो घटना घट रही है, उसे ही देखते जाएं। संघर्ष के दिनों में सूत्र मिला कि असफलता यह सिद्ध करती है कि सफलता का प्रयत्न पूरे मन से नहीं किया। कुछ न कुछ कमी रह गई है और उस कमी को दूर करते हुए दोबारा प्रयास करिए, सफलता तय है।

Success Businessman : आज कहां है कारोबार

Success Businessman : मिराज समूह का मुख्यालय आज भी नाथद्वारा ही है, जहां से देश व विदेश तक कारोबार चल रहा है। कंपनी में ज्यादातर कार्मिक भी क्षेत्रीय ही है। आज इस कंपनी समूह का कारोबार 10 हजार करोड़ का टन ओवर से ज्यादा है। इस कंपनी में अभी दस हजार से ज्यादा कार्मिक कार्यरत है। अब तक मिराज ग्रुप द्वारा 92 सिनेमाघर खोल दिए और देश में मिराज इसमें पांचवें पायदान पर है।

Businessman Success Story : पहला कारोबार नमकीन का था

Businessman Success Story : कुछ करने की ललक शुरू से ही थी। सोचता रहता। नमकीन बेधने का ख्याल आया। इंदौर से नमकीन लाई और यहां उसे छोटे-छोटे पैकेट में डालकर बेचा, लेकिन कोई खास मुनाफा नहीं हुआ। फिर वह कार्य बंद कर दिया।

Shiva Statue : विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा

Shiva Statue : मिराज ग्रुप सीएमडी मदन पालीवाल ने तद पदम उपवन ट्रस्ट का गठन किया। फिर राजस्थान में विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ बिलीफ’ बनाई, जिसकी ऊंचाई 369 फीट है। इसका लोकार्पण वर्ष 2022 में संत मुरारी बापू के सानिध्य में हुआ था। प्रतिमा का Statue of Belief विश्वासस्वरूपम (Vishwas Swaroopam) के रूप में नामकरण किया गया। यहां दो साल में 15 लाख से ज्यादा लोग इसे देख चुके हैं। देश व दुनिया से लोग आ रहे हैं।

नाम मदन पालीवाल
पिता का नाम दीपचंद पालीवाल
जन्म 1959
पैतृक गांव उथनोल, नाथद्वारा
वर्तमान में निवास उपली ओडन
कंपनी मिराज ग्रुप
कंपनी की शुरुआत 1980 (तब केवल तंबाकू)
कंपनी का विस्तार रियल स्टेट, सिनेमा, स्टेशनरी, फ्लेट, पाइप, गौशाला एवं दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा का निर्माण विश्ववास स्वरूपम
पुत्र का नाम मंत्रराज पालीवाल
भाई व भतीजे का नाम नन्दकिशोर पालीवाल (निधन)
भतीजे- योगेश पालीवाल व प्रमोद पालीवाल