
Acharya Mahashraman Visit Bhachau : कच्छ की धरा वर्तमान समय में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्यश्री महाश्रमण की चरणरज से पावनता को प्राप्त हो रही है। कच्छ के बड़े नगर व कस्बे ही नहीं, गांव-गांव भी पावनता को प्राप्त हो रहे हैं। खारे पानी से युक्त इस क्षेत्र में आचार्यश्री के श्रीमुख से निरंतर प्रवाहित होने वाली ज्ञानगंगा जन-जन के मानस को आप्लावित कर रही है। जन-जन को मंगल आशीष व दर्शन से लाभान्वित करते हुए आचार्यश्री पुनः पूर्वाभिमुख होकर गतिमान हो चुके हैं।
Jain Acharya Mahashraman Discourse : धर्म संघ के कार्यकर्ता एवं साहित्य प्रचारक समन्वयक राजकुमार दक ने बताया कि शनिवार को आचार्यश्री महाश्रमण ने अपनी धवल सेना के साथ चिराई नानी से मंगल प्रस्थान किया। जन-जन को मंगल आशीष से आच्छादित करते हुए आचार्यश्री लगभग ग्यारह किलोमीटर का विहार भचाऊ में स्थित स्वामीनारायण गुरुकुल में पधारे। आचार्यश्री के आगमन से संबंधित लोग अत्यंत आह्लादित थे। उनलोगों ने आचार्यश्री का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। स्वामीनारायण गुरुकुल परिसर में आयोजित मुख्य मंगल प्रवचन कार्यक्रम में समुपस्थित श्रद्धालु जनता को आचार्यश्री महाश्रमण ने मंगल पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि शास्त्र में दो बातें बताई गई हैं- स्वयं सत्य को खोजें और प्राणियों के प्रति मैत्री का भाव रखें। स्वयं सत्य की खोज करना, कठिन हो सकता है। जो स्वयं सत्य खोज लेते हैं, वे केवलज्ञानी बन जाते हैं। तीर्थंकर सर्वज्ञ होते हैं, केवलज्ञानी होते हैं। तीर्थंकर अथवा सर्वज्ञ को दूसरों का सहारा लेने की आवश्यकता नहीं होती है। स्वयं सत्य का साक्षात्कार करने का महत्त्व है कि उसे किसी दूसरे का आलम्बन नहीं लेना पड़ता है। आदमी को व्यवहार जगत में स्वयं यथार्थ को जानने का प्रयास करना चाहिए। अपना ज्ञान अपना ही होता है। ज्ञान को चक्षु के समान कहा गया है।

Swaminarayan Gurukul Event Bhachau इसलिए आदमी को स्वयं के ज्ञान के वर्धन का प्रयास करना चाहिए। आदमी को सभी प्राणियों के मैत्री की भावना रखने का प्रयास करना चाहिए। अनावश्यक रूप में किसी भी प्राणी की हिंसा से बचने का प्रयास करना चाहिए। सबके प्रति करुणा का भाव रखने का प्रयास करना चाहिए। सभी प्राणियों के प्रति मैत्री की भावना का विकास रखने का प्रयास करना चाहिए। गृहस्थ जीवन में जितना संभव हो सके, फालतू जीव की हिंसा न हो, ऐसा प्रयास करना चाहिए। सभी प्राणियों के साथ मैत्री की भावना रखने का प्रयास करना चाहिए। मैत्री की भावना से आत्मा अच्छी और सच्चाई की साधना से आत्मा अच्छी रह सकती है। इस प्रकार आदमी अपने जीवन को और अच्छा बनाने का प्रयास करे, यह काम्य है। मंगल प्रवचन के उपरान्त गुरुकुल के शास्त्री कृष्णादास स्वामी, ट्रस्टी व भाजपा के भचाऊ प्रमुख वागजीभाई आहीर, जिला पंचायत प्रमुख कनकसिंह ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी।
Parmeshwar Singh Chundwat ने डिजिटल मीडिया में कॅरियर की शुरुआत Jaivardhan News के कुशल कंटेंट राइटर के रूप में की है। फोटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में उनकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता है। चाहे वह घटना, दुर्घटना, राजनीतिक, सामाजिक या अपराध से जुड़ी खबरें हों, वे SEO आधारित प्रभावी न्यूज लिखने में माहिर हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, थ्रेड्स और यूट्यूब के लिए छोटे व बड़े वीडियो कंटेंट तैयार करने में निपुण हैं।