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Amazing News : मानव शरीर में अंगों की स्थिति एक निश्चित क्रम में होती है। दिल बायीं तरफ, लिवर और पित्त की थैली दायीं तरफ होती है। लेकिन कल्पना कीजिए कि अगर ये अंग उल्टी तरफ हों तो? जी हां, राजस्थान के चूरू में एक ऐसा ही अद्भुत मामला सामने आया है। 36 साल की एक महिला पेट दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास पहुंची। जांच के दौरान पता चला कि महिला का दिल दाएं और लिवर बाएं तरफ है। यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसे सिटस इनवर्सस कहा जाता है। यह 10 हजार में से केवल एक व्यक्ति को प्रभावित करता है। डॉक्टरों ने महिला की पित्त की थैली में पथरी होने का पता लगाया और उसका ऑपरेशन किया। ऑपरेशन सफल रहा और महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है। यह मामला चिकित्सा विज्ञान के लिए भी अद्भुत है।

Rajasthan News : डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि झुंझुनूं के बिसाऊ निवासी 36 वर्षीय निर्मला को पिछले छह महीने से पेट दर्द की शिकायत थी। उन्होंने पहले अपने शहर में इलाज करवाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद वे चूरू में एक महिला डॉक्टर से मिलने आईं। डॉक्टर ने सोनोग्राफी करवाई जिसमें पित्त की थैली में पथरी दिखाई दी। लेकिन सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर पथरी के आकार और स्थान का ठीक-ठीक पता नहीं लगा पाए। इसलिए, महिला का एमआरआई करवाया गया। एमआरआई देखकर डॉक्टर भी चौंक गए। महिला का दिल दायीं तरफ धड़क रहा था और उसके अन्य अंग भी उल्टी तरफ थे। एक दुर्लभ स्थिति जिसे सिटस इनवर्सस कहा जाता है। इस स्थिति में, शरीर के अंग अपनी सामान्य स्थिति के विपरीत होते हैं। यह 10,000 में से केवल एक व्यक्ति को प्रभावित करता है। महिला की पित्त की थैली बायीं तरफ थी, जो सामान्यतः दायीं तरफ होती है। इससे ऑपरेशन मुश्किल हो गया क्योंकि बायीं तरफ से पित्त की थैली निकालना आसान नहीं होता है। इसके बाद, निर्मला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और डॉ. दीपक शर्मा ने उनकी पित्त की थैली का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया।

Unique Lady : अद्भुत ऑपरेशन! शीशे का उपयोग

Unique Lady : निर्मला के पेट में उल्टी तरफ स्थित पित्त की थैली से पथरी निकालने के लिए डॉक्टरों ने एक अनोखी तकनीक का इस्तेमाल किया। सर्जन डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान पित्त की थैली की सामान्य बनावट को पहचानने के लिए उन्होंने शीशे का उपयोग किया। उन्होंने बताया कि सिटस इनवर्सस नामक दुर्लभ स्थिति के कारण निर्मला के अंग उल्टी तरफ थे। इससे ऑपरेशन में जटिलता पैदा हो सकती थी। इसलिए, उन्होंने पेट में एक चीरा लगाकर शीशा डाला और उसकी रोशनी में पित्त की थैली की पहचान की। डॉ. शर्मा ने कहा कि यह तकनीक उन्हें शरीर में जन्मजात किसी भी प्रकार की विकृति को पहचानने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के दौरान काफी तकनीकी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि शरीर की बनावट में कोई भी बदलाव मिल सकता था। लेकिन, उनकी कुशलता और अनुभव के कारण ऑपरेशन सफल रहा और निर्मला अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

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Situs inversus : 10 हजार में 1 व्यक्ति प्रभावित होता है

Situs inversus : निर्मला के अंगों की उल्टी स्थिति, जिसे सिटस इनवर्सस कहा जाता है, एक दुर्लभ स्थिति है जो 10,000 में से केवल 1 व्यक्ति को प्रभावित करती है। सर्जन डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि इस स्थिति में, हृदय, यकृत, पित्ताशय और अन्य अंग अपनी सामान्य स्थिति के विपरीत दिशा में होते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के शरीर में होने वाले बदलावों से व्यक्ति के जीवन पर कोई खास असर नहीं पड़ता है।

सिटस इनवर्सस वाले लोग सामान्य जीवन जीते हैं, लेकिन सर्जरी जटिल हो सकती है

सिटस इनवर्सस नामक एक दुर्लभ स्थिति से पीड़ित हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस स्थिति वाले लोग आमतौर पर सामान्य जीवन जीते हैं। वे अन्य लोगों की तरह ही शारीरिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं, स्वस्थ भोजन खा सकते हैं और परिवार रख सकते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, जन्मजात हृदय दोष या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। सिटस इनवर्सस वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती तब आती है जब उन्हें सर्जरी की आवश्यकता होती है। क्योंकि उनके अंगों का स्थान सामान्य लोगों से अलग होता है, इसलिए सर्जनों को सावधानी बरतनी पड़ती है और अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ती है। निर्मला के मामले में, डॉक्टरों को पित्त की थैली की सटीक स्थिति का पता लगाने के लिए शीशे का उपयोग करना पड़ा।

Churu News : साइटस इनवर्सस टोटालीस: एक दुर्लभ जन्मजात स्थिति

Churu News : साइटस इनवर्सस टोटालीस एक दुर्लभ जन्मजात स्थिति है जिसमें शरीर के मुख्य आंतरिक अंग अपनी सामान्य स्थिति से विपरीत दिशा में होते हैं। यह स्थिति लगभग 10,000 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करती है। इसमें शरीर के सभी अंगों का पूर्ण ट्रांसपोजिशन (दाएं से बाएं उलटना) शामिल होता है।

इसका मतलब है कि:

  • दिल अपनी सामान्य स्थिति में बाईं छाती में नहीं, बल्कि दाईं ओर होता है।
  • लिवर और पित्त की थैली बायीं ओर होती है।
  • पेट के अन्य अंग जैसे आंत, मलाशय और मूत्राशय भी उल्टी दिशा में हो सकते हैं।

साइटस इनवर्सस टोटालीस के लक्षण:

  • आमतौर पर इस स्थिति का कोई लक्षण नहीं होता है।
  • कुछ मामलों में, जन्मजात हृदय दोष या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • साइटस इनवर्सस का पता आमतौर पर तब चलता है जब किसी व्यक्ति की इमेजिंग टेस्ट, जैसे कि एक्स-रे या सीटी स्कैन, किसी अन्य चिकित्सा स्थिति के लिए किया जाता है।

साइटस इनवर्सस टोटालीस का इलाज:

  • इस स्थिति का कोई इलाज नहीं है।
  • यदि कोई जन्मजात हृदय दोष या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो उनका इलाज किया जाएगा।
  • साइटस इनवर्सस वाले लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं, लेकिन उन्हें उचित देखभाल और चिकित्सा की आवश्यकता होती है।

साइटस इनवर्सस टोटालीस वाले लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
  • अपने डॉक्टर को अपनी सभी स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में बताएं।
  • यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या होती है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।