
Arvind Singh Mewar : उदयपुर के प्रतिष्ठित पूर्व राजपरिवार के सदस्य और एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष अरविंद सिंह मेवाड़ का जीवन आमजन के लिए प्रेरणास्पद है। वे कुछ वर्षो से अस्वस्थ थे और 16 मार्च 2025 को उदयपुर के सिटी पैलेस स्थित शंभू निवास में निधन हो गया। निवास स्थल पर ही उनका इलाज चल रहा था। Arvind Singh Mewar life story भी बड़ी रोचक है और उदयपुर ही नहीं, बल्कि मेवाड़ को कई सौगातें भी दे गए।
Udaipur Royal Family : अरविंद सिंह मेवाड़ का जन्म उदयपुर के राजपरिवार में हुआ था। वे महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी मेवाड़ के छोटे बेटे थे। उनका जीवन हमेशा मेवाड़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारिवारिक विरासत को सहेजने में समर्पित रहा। पिछले वर्ष, 10 नवंबर 2024 को उनके बड़े भाई महेन्द्र सिंह मेवाड़ का भी निधन हो गया था। बताते हैं उदयपुर पूर्व राजपरिवार व महाराणा प्रताप वंशज में 76वीं पीढ़ी के सदस्य थे। उनका जन्म 13 दिसंबर 1944 को उदयपुर के सिटी पैलेस में हुआ था। वह महाराणा प्रताप के वंशज हैं। केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी की। अमेरिका में कुछ समय तक उन्होंने विभिन्न संस्थानों में कार्य किया, जिससे उन्हें होटल इंडस्ट्री का व्यापक अनुभव प्राप्त हुआ। उनके पिता महाराणा भगवत सिंह ने 1955 से 1984 तक मेवाड़घराने की कमान संभाली थी।
पर्यटन और होटल इंडस्ट्री में अमूल्य योगदान
Royal Family udaipur : अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा उदयपुर की हेरिटेज होटल इंडस्ट्री के विकास में लगाया। वे एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे, जो भारत के प्रमुख हेरिटेज होटल चेन में से एक है। उनके नेतृत्व में इस समूह ने न केवल देशभर में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई। इसके अलावा, वे महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन ट्रस्ट, महाराणा मेवाड़ ऐतिहासिक प्रकाश ट्रस्ट, और राजमाता गुलाब कुंवर चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे। इन ट्रस्टों के माध्यम से उन्होंने ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण, सामाजिक कार्यों और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उदयपुर पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का 16 मार्च अल सुबह उनका निधन हो गया। उनके पुत्र लक्ष्यराजसिंंह मेवाड़ द्वारा जारी शोक पत्रिका के अनुसार 17 मार्च सुबह 7 बजे उनकी पार्थिव देह को आमजन के दर्शनार्थ सिटी पैलेस में रखा जाएगा। उसके बाद शंभू निवास से अंतिम यात्रा रवाना होगी, जो बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहली गेट होकर महासतियां जाएगी, जहां उनकी पार्थिव देह का राजसी परम्परा के तहत अंतिम संस्कार किया जाएगा।

उदयपुर की पहचान बने अरविंद सिंह मेवाड़
Lakshyaraj Singh Mewar : उनका जीवन उदयपुर और मेवाड़ की संस्कृति और परंपरा के प्रति समर्पित रहा। उनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा। उन्होंने न केवल पर्यटन को बढ़ावा दिया बल्कि उदयपुर को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके निधन से न केवल राजपरिवार, बल्कि पूरे उदयपुर और होटल इंडस्ट्री में शोक की लहर है। उनके योगदान को सम्मान देते हुए कई प्रतिष्ठित हस्तियों और संस्थानों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे और उनकी विरासत आगे भी जीवित रहेगी। अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपने जीवन में शिक्षा, व्यवसाय और पारिवारिक जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाया है। उन्होंने मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे विश्वभर में प्रमोट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका जीवन समर्पण, परंपरा और आधुनिकता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
Arvind Singh Mewar Biography : अरविंदसिंह मेवाड़ का बायोडेटा
विवरण | जानकारी |
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नाम | अरविंद सिंह मेवाड़ |
पिता का नाम | महाराणा भगवत सिंह |
माता का नाम | सुशील कुमारी मेवाड़ |
जन्म तिथि | 13 दिसंबर 1944 |
जन्म स्थान | सिटी पैलेस, उदयपुर |
शिक्षा | मेयो कॉलेज, अजमेर; महाराणा भूपाल कॉलेज, उदयपुर; मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, सेंट एल्बंस, यूके |
शादी | कच्छ की राजकुमारी विजयराज |
बच्चे | पुत्र: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़; पुत्रियाँ: भार्गवी कुमारी मेवाड़, पद्मजा कुमारी मेवाड़ |
कॅरियर | एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक; महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के अध्यक्ष |

शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:
अरविंद सिंह मेवाड़ की प्रारंभिक शिक्षा अजमेर के मेयो कॉलेज में हुई, जहाँ से उन्होंने स्कूल प्रमाणपत्र प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने उदयपुर के महाराणा भूपाल कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए वे यूके गए, जहाँ मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, सेंट एल्बंस से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया। इसके बाद उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में आतिथ्य सेवाओं में कार्य किया।
कॅरियर:
शिक्षा पूर्ण करने के बाद, अरविंद सिंह मेवाड़ ने संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न होटल्स में कार्य किया। उन्होंने एक होटल की रसोई में भी काम किया और सेल्स एवं मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव के रूप में भी कार्यरत रहे। बाद में वे भारत लौटे और अपने परिवार के होटल व्यवसाय को आगे बढ़ाया। वर्तमान में, वे एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं, जो उनके पिता द्वारा 1963 में स्थापित किया गया था।
व्यक्तिगत जीवन:
अरविंद सिंह मेवाड़ का विवाह कच्छ की राजकुमारी से हुआ। उनके तीन संतानें हैं: पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और दो पुत्रियाँ, भार्गवी कुमारी मेवाड़ और पद्मजा कुमारी मेवाड़।
अन्य गतिविधियाँ:
अरविंद सिंह मेवाड़ को क्रिकेट और पोलो खेलने का शौक है। उन्होंने राजस्थान टीम के लिए क्रिकेट भी खेला है। वे मास्टर शेफ इंडिया जैसे टेलीविजन कार्यक्रमों में भी नजर आ चुके हैं। इसके अलावा, वे लग्जरी कारों के शौकीन हैं और उनके पास कई रोल्स रॉयस गाड़ियाँ हैं, जो मेवाड़ के राजाओं की निशानी हैं।
संपत्ति विवाद:
मेवाड़ राजपरिवार की संपत्ति से जुड़े आपसी विवाद के मामले में, जोधपुर हाईकोर्ट ने अरविंद सिंह मेवाड़ को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने अपर जिला न्यायालय उदयपुर के निर्णय पर अंतिम निर्णय होने तक रोक लगा दी है, जिसमें संपत्तियों के बंटवारे का आदेश दिया गया था।
क्रिकेट और पोलो के शौकीन
अरविंदसिंह मेवाड़ क्रिकेट एवं पोलो के श्रेष्ठ खिलाड़ी रहे। शिकारबाड़ी में पोलो के लिए उदयपुर एक्वाइन इंस्टीट्यूट चलाया। उनके प्रयासों से जयपुर में पोलो कॉम्पलेक्स स्थापित हुआ कैम्ब्रिज और न्यू मार्केट पोलो क्लब इंग्लैंड में उदयपुर कप टूर्नामेंट करवाया। मेयो कॉलेज क्रिकेट टीम और प्रथम राजस्थान स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। देश-विदेश के क्रिकेट और पोलो क्लबों के सक्रिय सदस्य रहे।
नए पुरस्कारों की शुरुआत
महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन वार्षिक अलंकरण सम्मान की परम्परा सन् 1980- 81 में हुई थी पिता के निधन के बाद अरविंदसिंह ने परम्परा को जारी रखा, वहीं अन्तरराष्ट्रीय (कर्नल जेम्स टॉड अलंकरण). तीन राष्ट्रीय (हकीम खां सूर अलंकरण, महाराणा उदय सिंह अलंकरण एवं पन्नाधाय अलंकरण) और एक राज्यस्तरीय (राणा पूंजा अलंकरण) जोड़कर व्यापकता दी।
दिया शाही शादी का पैटर्न
पर्यटन एवं होटल उद्योग में उनका नाम नवाचारं के प्रणेता के रूप में लिया जाता है। उन्होंने देश हेरिटेज टूरिज्म व्यवसाय को नई दिशा देकर लोकप्रिय बनाया। पर्यटन विभाग की ओर से शंभू निवास और फतह प्रकाश होटलों को ग्रेण्ड हेरिटेज होटल अवार्ड मिले। राजस्थान में हेरिटेज टूरिज के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाई उन्होंने शाही शादियों की नई अवधारणा दी। आज उदयपुर शाही शादियों के लिए पसंदीदा स्थल रूप में पहचान बना चुका है।
इन पदों-पुरस्कारों से नवाजे गए
- म्यूजियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया नई दिल्ली
- इंडियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ कंजर्वेशन ऑफ कल्चरल प्रॉपर्टी नई दिल्ली
- कॉमनवेल्थ एसोसिएशन ऑफ म्यूजियम्स कनाडा
- इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चर
- इंडियन हेरिटेज सिटी नेटवर्क से सदस्यता
- द ग्रेनेडियर्स एसोसिएशन्स की ओर से वर्ष 2011 में मानद सदस्यता
- इंडियन एसोसिएशन्स ऑफ ट्यूर ऑपरेटर से द हॉल ऑफ फेम अवार्ड
- गैलीलियो एक्सप्रेस ट्रेवल वर्ल्ड से द टाटा एआईजी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
- ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया से अगस्त्य अवार्ड
- राजीव गांधी ट्यूरिज्म डेवला मिशन के सलाहकार
- द राजस्थान फाउंडेशन के कार्यकारी सदस्य
- जयपुर विरासत फाउंडेशन दे राष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड के सदस्य
- जयपुर हेरिटेज इंटरनेशनल फेस्टिवल के मानद सदस्य
- चेप्टर ऑफ इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज, राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका, ताज एसोसिएशन ऑफ आर्ट कल्च एण्ड हेरिटेज, मेहर भार्गव फाउं लखनऊ के संरक्षक
- महाराणा प्रताप स्मारक समिति सरगम कला परिषद नाथद्वारा, इंडिया ब्लड बैंक उदयपुर, महाराणा प्रताप म्यूजियम हल्दीघाटी के संरक्षक
- वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर वे सदस्य
जिम्मेदारी संभाली
- नवम्बर, 1984 में तत्कालीन महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ के निधन के बाद पुरखों की विरासत को ऊंचाइयां दी।
- मेवाड़ अधिपति एकलिंगनाथ के अनन्य उपासक होने के साथ ही सर्वधर्म समभाव के प्रबल पक्षधर थे। मानव धर्म को सर्वोच्च वरीयता दी।
- बचपन से ही संगीत, कला एवं साहित्य के अनुरागी थे। शास्त्रीय संगीत की समझ रही। विद्यार्थी जीवन से सितारवादक रहे।
- कलाकारों के संगीत रिकॉर्ड महाराणा कुम्भा संगीत कला ट्रस्ट को सौंपे। गुरु पूर्णिमा पर एकलिंगजी मंदिर में ‘स्वरांजलि’ की शुरुआत की।
- महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के प्रवक्ता पं. नरेन्द्र मिश्र को गुरु भाव से हमेशा साथ रखा। कविता एवं साहित्य पर चर्चा करते थे।
