
Arvind Singh Mewar उदयपुर के मेवाड़ राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ (80) का आज पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा सुबह करीब 11 बजे सिटी पैलेस स्थित शंभू निवास से प्रारंभ हुई। यह यात्रा बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहली गेट होते हुए महासतिया (अंत्येष्टि स्थल) पहुंची, जहां पूरे विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। रविवार, 16 मार्च को अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन हुआ। वे लंबे समय से अस्वस्थ थे और सिटी पैलेस स्थित शंभू निवास में डॉक्टरों की देखरेख में रह रहे थे। उनके पिता भगवत सिंह मेवाड़ और माता सुशीला कुमारी मेवाड़ थीं। उनके बड़े भाई महेन्द्र सिंह मेवाड़ का निधन पिछले वर्ष 10 नवंबर को हुआ था। उनके निधन से मेवाड़ राजपरिवार और उनके चाहने वालों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। इतिहास और संस्कृति के प्रति उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सोमवार सुबह से ही सिटी पैलेस स्थित शंभू निवास परिसर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। एक-एक कर लोग पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। इस दौरान उदयपुर के एसपी योगेश गोयल ने भी शोक व्यक्त किया।
Vishvraj Singh mewar : चाचा को अंतिम विदाई देने पहुंचे MLA विश्वराज सिंह

अपने चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ महासतिया पहुंचे। उनके साथ शिव (बाड़मेर) विधायक रविंद्र सिंह भाटी और वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर भी मौजूद रहे। राजपरिवार के इस शोक के अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्तित्व अंतिम संस्कार में सम्मिलित हुए।
Udaipur News today : चार महीने पहले सिटी पैलेस में हुआ था विवाद
चार महीने पूर्व उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेन्द्र सिंह मेवाड़ (विश्वराज सिंह के पिता) के निधन के पश्चात सिटी पैलेस में धूणी दर्शन को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। तब विश्वराज सिंह ने परंपरा का हवाला देते हुए धूणी दर्शन का ऐलान किया था, जिसका लक्ष्यराज सिंह ने विरोध किया था। अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा, प्रसिद्ध कवि व अभिनेता शैलेश लोढ़ा, ताज ग्रुप के CEO पुनीत चटवाल, उदयपुर एसपी योगेश गोयल सहित कई प्रतिष्ठित लोग सिटी पैलेस पहुंचे। इस दौरान लक्ष्यराज सिंह अपनी दोनों बहनों से गले लगकर भावुक हो गए और फफक-फफककर रो पड़े।
Arvind Singh Mewar passed away : अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब
सोमवार सुबह साढ़े सात बजे दिवंगत अरविंद सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए सिटी पैलेस परिसर में रखी गई। बड़ी संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राजपरिवार से जुड़े अनेक सदस्य और स्थानीय लोग इस क्षति से अत्यंत दुखी नजर आए।
अरविंद सिंह मेवाड़ की अंतिम यात्रा…
सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह को शंभू निवास से बाहर लाया गया। इस दौरान उनके पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ अपने बेटे हरितराज के साथ खड़े नजर आए। अंतिम दर्शन के दौरान भावुक हुए लक्ष्यराज सिंह अपनी बहनों से गले लगकर फफक पड़े। अंतिम संस्कार के लिए महासतिया पहुंचने से पहले शहरभर में अंतिम यात्रा निकाली गई। यात्रा के दौरान उदयपुर के सिटी पैलेस स्थित त्रिपोलिया गेट से माणक चौक तक लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। व्यापारियों और स्थानीय निवासियों ने फूल बरसाकर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कवि और अभिनेता शैलेश लोढ़ा भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। महासतिया में दाह संस्कार से पहले लक्ष्यराज सिंह और विश्वराज सिंह ने एक-दूसरे का अभिवादन किया। इस भावुक क्षण में परिवार और करीबी लोग मौजूद थे। पिता की अर्थी को कंधा देकर लक्ष्यराज सिंह सबसे आगे चल रहे थे। नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ भी अपने चाचा के दाह संस्कार में शामिल होने महासतिया पहुंचे। उनके साथ शिव (बाड़मेर) विधायक रविंद्र सिंह भाटी और वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर भी मौजूद थे।
Lakshyaraj Singh Mewar : महासतिया में उमड़ा जनसैलाब

अरविंद सिंह मेवाड़ की पार्थिव देह के महासतिया पहुंचने से पहले ही वहां लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो चुकी थी। इस ऐतिहासिक स्थल पर मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के कई सदस्यों का अंतिम संस्कार हो चुका है। गंगू कुंड स्थित महासतिया पर पहुंचते ही पूरे राजसी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई। मंत्रोच्चार और वैदिक रीति-रिवाजों के बीच लक्ष्यराज सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी। यह दृश्य बेहद भावुक कर देने वाला था।
डेस्टिनेशन वेडिंग के ट्रेंड के जनक
अरविंद सिंह मेवाड़ को उदयपुर में डेस्टिनेशन वेडिंग की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है। उनके पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने राजस्थान समिट के दौरान कहा था कि 1980 के दशक में उनके पिता ने इस विचार को साकार करने की पहल की थी। उस समय इस अवधारणा को मजाक समझा गया था, लेकिन आज उदयपुर दुनिया की शीर्ष डेस्टिनेशन वेडिंग लोकेशन्स में से एक है। अरविंद सिंह मेवाड़ का यूं अचानक चले जाना न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे उदयपुर के लिए एक बड़ी क्षति है। उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़ इस बात का प्रमाण थी कि उन्होंने लोगों के दिलों में कितनी गहरी छाप छोड़ी थी।
अरविंद सिंह मेवाड़ : एक विरासत, एक प्रेरणा
मेवाड़ राजघराने की समृद्ध परंपरा और गौरवशाली इतिहास को संजोने वाले अरविंद सिंह मेवाड़ न केवल एक शाही वंश के उत्तराधिकारी थे, बल्कि उन्होंने आधुनिक युग में अपनी अलग पहचान बनाई। उदयपुर के सिटी पैलेस से लेकर वैश्विक मंच तक, उनकी उपलब्धियाँ और व्यक्तित्व अनूठे रहे हैं।
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
अरविंद सिंह मेवाड़ का जन्म 13 दिसंबर 1944 को हुआ था। वे मेवाड़ राजघराने के सम्माननीय सदस्य थे। उनके पिता भगवत सिंह मेवाड़ और माता सुशीला कुमारी थीं। राजपरिवार के संस्कारों और मूल्यों ने उन्हें एक आदर्श नेतृत्वकर्ता बनाया।
वैवाहिक जीवन और संतानें
अरविंद सिंह मेवाड़ का विवाह विजयराज कुमारी से हुआ था। उनकी संतानें लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, मार्गवी और पद्यजा हैं। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए उदयपुर और मेवाड़ की धरोहर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
शिक्षा और विदेश में अध्ययन
उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा मेयो कॉलेज (अजमेर) से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने महाराणा भूपाल कॉलेज (उदयपुर) में उच्च शिक्षा ग्रहण की। होटल प्रबंधन की बारीकियों को समझने के लिए वे यूके (यूनाइटेड किंगडम) और यूएसए (संयुक्त राज्य अमेरिका) गए, जहाँ उन्होंने आधुनिक हॉस्पिटैलिटी प्रबंधन की शिक्षा प्राप्त की।
व्यवसायिक योगदान
अरविंद सिंह मेवाड़ ने HRH ग्रुप ऑफ़ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया। उनकी दूरदृष्टि के कारण उदयपुर न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना।
शौक और रुचियाँ
अपनी शाही विरासत के अनुरूप, वे विंटेज कारों के कलेक्शन के शौकीन थे। उनके पास कई ऐतिहासिक और दुर्लभ विंटेज कारें थीं, जिनका प्रदर्शन उदयपुर में आयोजित विंटेज कार रैलियों में होता रहा है।