
Bear Attack on old man : राजसमंद जिले में गजपुर पंचायत के थोरिया गांव के पास वाली भाली बस्ती में घर के बाहर तड़के टॉयलेट करने ले वृद्ध पर दो भालू ने हमला करते हुए घसीटकर खेत में ले गए। चीखने व चिल्लाने की आवाज पर परिजन व ग्रामीण दौड़कर खेत में गए, तो भालू भाग गए, लेकिन तब तक वृद्ध ने दम तोड़ दिया। इस घटना से समूचे गांव में डर व दहशत का माहौल बना हुआ है।
Kumbhalgarh Forest : केलवाड़ा पुलिस थाने के सहायक उप निरीक्षक रोशनलाल ने बताया कि गजपुर ग्राम पंचायत के थोरिया के पास वाली भाली निवासी 75 वर्षीय सवालाल बलाई तड़के करीब चार बजे घर के बाहर टॉयलेट के लिए निकला, तभी दो भालू ने हमला कर दिया। वृद्ध के चीखने व मवेशियों के रंभाने की आवाज पर घर के परिजन व आस पड़ोस के लोग जाग उठे। इस पर दोनों भालू वृद्ध को घसीटते हुए खेतों की तरफ ले गया। इस पर मृतक के परिजन प्रकाश के साथ सोहनलाल, भूरालाल व प्रकाश पन्नालाल दौड़कर खेतों की तरफ गए, मगर दोनों भालू वृद्ध नोच रहे थे और नहीं हटे। इस पर ग्रामीणों ने लाठियां फटकारते हुए टॉर्च का उजाला किया, तो भालू जंगल की तरफ भाग गए। इस पर गंभीर रूप से घायल सवालाल बलाई को लेकर घर पहुंचे, मगर भालू ने उसे बुरी तरह से नोच दिया था। इस कारण वृद्ध की दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और शव को केलवाड़ा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मोर्चरी में रखवाया, जहां अब पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद थोरिया व वाली भाली बस्ती के ग्रामीणों में डर व दहशत व्याप्त हो गई।
वन विभाग से मुआवजे का है प्रावधान
wild animal attack : हिंसक जानवर द्वारा किसी मवेशी गाय, भैंस बकरी का शिकार करते हैं अथवा किसी इंसान पर हमला करने पर घायल व मृत्य की परिस्थिति में वन विभाग द्वारा मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि दी जाती है। इसके लिए वन विभाग द्वारा घटना स्थल का मुआयना के साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी देखी जाती है।

पहाड़ों में आग से गुस्से में
bear kills elderly man : जंगली जानवर थोरिया के वाली भाली निवासी प्रकाश सालवी ने बताया कि गजपुर- अंटालिया क्षेत्र के पहाड़ों में एक पखवाड़े से आग लग रही है, जिसके चलते जंगली जानवर काफी परेशान है और इधर उधर भटकते हुए अब आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। क्रोधित हिंसक जानवरों का अब ग्रामीणों से आए दिन आमना सामना हो रहा है। इस कारण ग्रामवासियों ने हिंसक जानवरों से बचाव के लिए वन विभाग को उपाय करने की मांग उठाई। खास तौर से पैंथर व भालू को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की गई है।
भालू के हमले से वृद्ध की मौत
Rajsamand village bear attack : थोरिया के पास वाली भाली बस्ती में भालू के हमले से वृद्ध की मौत हो गई। शव को केलवाड़ा अस्पताल के मोर्चरी में पहुंचाया है। वन विभाग को सूचित करते हुए अब पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी।
रोशनलाल, सहायक उप निरीक्षक पुलिस थाना केलवाड़ा
जंगली जानवरों से बचाव के जरूरी प्रयास
ग्रामीण क्षेत्रों में जंगलों से लगे इलाकों में रहने वाले लोगों को अक्सर जंगली जानवरों से खतरा बना रहता है। विशेष रूप से गर्मियों और सूखे के मौसम में जब जंगलों में आग लगती है या जलस्रोत सूख जाते हैं, तो जानवर भटकते हुए इंसानी बस्तियों की तरफ आ जाते हैं। ऐसे में जान-माल की हानि होना आम बात हो जाती है। राजसमंद जिले की हालिया घटना इसका दर्दनाक उदाहरण है, जिसमें एक वृद्ध की भालुओं के हमले में जान चली गई। इन प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली जानवरों से होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। प्राकृतिक जीवन और मानव जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। ऐसे हादसों से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जाने चाहिए:
1. वन विभाग की सक्रिय निगरानी टीम
ग्रामीण क्षेत्रों में वन विभाग को नियमित गश्त करनी चाहिए और खासकर भालू, तेंदुआ, सियार जैसे हिंसक जानवरों की हलचल पर नजर रखनी चाहिए। ड्रोन कैमरे, ट्रैकिंग डिवाइस और कैमरा ट्रैप जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग जरूरी है।
2. ग्रामीणों को जागरूक करना
ग्रामीण लोगों को प्रशिक्षण देकर यह सिखाया जाना चाहिए कि जंगली जानवर दिखने या उनके निशान मिलने पर कैसे सतर्क रहें, और किस नंबर पर तुरंत सूचना दें। स्थानीय स्कूलों, पंचायतों और महिला समूहों के ज़रिए जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है।
3. रात के समय रोशनी और गश्त की व्यवस्था
ज्यादातर घटनाएं तड़के या रात के समय होती हैं, जब रोशनी कम होती है। ऐसे में ग्रामीणों को घर के बाहर और आसपास सोलर लाइट या टॉर्च जैसी सुविधाएं रखनी चाहिए। समूह में चलना और लाठी साथ रखना भी सुरक्षा में सहायक है।
4. जंगलों में आगजनी को रोकना
पहाड़ी इलाकों में आग लगने की घटनाओं को रोकना अति आवश्यक है, क्योंकि इससे जानवरों का प्राकृतिक आवास नष्ट होता है और वे गुस्से में आबादी की तरफ रुख करते हैं। वन विभाग, प्रशासन और ग्रामीणों को मिलकर आगजनी रोकने के उपाय करने चाहिए।
5. सरकारी सहायता और मुआवजा नीति
ऐसी घटनाओं के बाद प्रभावित परिवारों को तत्काल मुआवजा, स्वास्थ्य सुविधा और मानसिक सहायता मिलनी चाहिए। साथ ही, सरकार को ‘Human-Wildlife Conflict’ के समाधान के लिए विशेष नीति लागू करनी चाहिए।