rajasthan famous Shiv Mandir : अरावली की पर्वत शृंखला में हरितिमा से आच्छादित वादियों में प्राचीन गुफा में बिराजित है पंचेश्वर महादेव। बताते हैं कि काली चट्टानों की गुफा में भोलेनाथ का शिवलिंग साक्षात प्रकट हुआ था, जिसकी करीब पांच वर्ष पहले पांडव भी पूजा करते थे। मान्यता है कि पंचेश्वर महादेव के दर पर आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।

Famous Mahadev Mandir : यह अद्भुत स्थल है राजस्थान में राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ उपखंड क्षेत्र में रिछेड़ पंचायत के कड़ेचा की ओड़ में। यहां एक प्राचीन गुफा है, जिसमें पंचेश्वर महादेव बिराजित है। लोगों का कहना है कि करीब पांच हजार वर्ष पहले जब रिछेड़ गांव का नाम वोराठगढ़ था, तब यहां पांडवों ने भी इसी शिवलिंग की पूजा की थी। रिछेड़ से करीब दो किमी. दूर स्थित है, जो चारों तरफ से अरावली पर्वत शृंखलाओं से गिरा हुआ मनोरम स्थल है। यहां आने वाले हर शख्स को शांति व सुकून का अहसास होता है। जंगल में पक्षियों का कलरव भी बड़ा मनमोहक है।

mahadev mandir : सांप के आकार की चट्टान

कड़ेचा की ओड़ में जिस जगह पंचेश्वर महादेव बिराजित है, उस गुफा के पास बड़ी काली चट्टान है, जो फन फैलाए सांप के आकृति की है। चट्टान को देखने से लगता है मानो नाग फन फैलाकर खड़ा हो। बताते हैं, यह शिवलिंग पांच हजार वर्ष से ज्यादा पुराना है।

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nilkanth mahadev mandir : गुफा में बिराजित है दो शिवलिंग

पंचेश्वर महादेव मंदिर की गुफा में दो शिवलिंग है। लोग बताते हैं कि एक शिवलिंग इसी गुफा में प्रकट हुआ था, जबकि दूसरा शिवलिंग रिछेड़ गांव की बसावट के बाद ग्रामवासियों की ओर से स्थापना की गई। लोगों की मान्यता है कि पंचेश्वर महादेव से जो मांगते हैं, वह हर मनोकामना पूर्ण होती है।

ambernath shiv mandir : सावन में लगा रहता है जमघट

सावन माह को लेकर भोलेनाथ मंदिर में दर्शनों के लिए दिनभर लोगों का जमघट लगा रहता है। अल सुबह से देर शाम तक शिवलिंग को विविध शृंगार धराए जाते हैं। सावन माह में विशेष मनोरथ भी करवाए जाते हैं।

why mahashivratri is celebrated in india

Mahashivratri is the festival, which honours the Lord Shiva as he saved the whole world from the destruction and also it is an auspicious day when Lord Shiva got married to Goddess Parvati after so much of wait and patience.