Budget 2025 : आगामी बजट 2025-26 में सरकार द्वारा किसानों को एक बड़ा तोहफा दिए जाने की संभावना है। इस बार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक किए जाने का प्रस्ताव है। यह निर्णय कृषि क्षेत्र को मजबूती देने और किसानों को वित्तीय संकट से उबारने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है।
Kisan Credit Card Yojana : किसान क्रेडिट कार्ड योजना : एक संक्षिप्त परिचय
Kissan Credit Card Yojana : किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों को फसल उत्पादन, पशुपालन और कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियों के लिए सरल और सस्ते ऋण उपलब्ध कराना था। इस योजना के अंतर्गत फिलहाल किसानों को 9% की ब्याज दर पर ऋण मिलता है। हालांकि, सरकार इसमें 2% की ब्याज सब्सिडी देती है और समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को अतिरिक्त 3% की छूट दी जाती है। इस प्रकार, वास्तविक ब्याज दर केवल 4% रह जाती है।
Kisan credit card yojana interest rate : उधारी सीमा बढ़ाने की आवश्यकता क्यों?
Kisan credit card yojana interest rate : सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कृषि लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उपकरण, बीज, उर्वरक, और अन्य कृषि सामग्रियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इन चुनौतियों के बावजूद किसान क्रेडिट कार्ड की उधारी सीमा में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस वजह से छोटे और मध्यम जोत वाले किसानों के लिए कृषि कार्य करना और अधिक कठिन हो गया है।
इस समस्या को समझते हुए, सरकार ने उधारी सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है। यह कदम न केवल किसानों को राहत प्रदान करेगा, बल्कि उनकी उत्पादकता और आय में भी सुधार करेगा।
Kisan credit card loan details : नाबार्ड और अन्य संगठनों की प्रतिक्रिया
Kisan credit card loan details : राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन शाजी केवी ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह कदम सभी प्रकार के किसानों, पशुपालकों और मत्स्यपालकों के लिए लाभकारी होगा। कृषि अब केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों जैसे डेयरी और मत्स्य पालन में भी किसानों की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है।
नाबार्ड के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 30 जून 2023 तक किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 7.4 करोड़ से अधिक सक्रिय खाते थे। इन खातों पर कुल 8.9 लाख करोड़ रुपये का बकाया कर्ज था। अक्टूबर 2024 तक, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए, जिनकी कुल क्रेडिट सीमा 1.73 लाख करोड़ रुपये थी। इनमें से डेयरी किसानों के लिए 10,453.71 करोड़ रुपये और मत्स्यपालकों के लिए 341.70 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा थी।
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Kisan Credit card Loan Limit : फिनटेक विशेषज्ञों की राय
Kisan Credit card Loan Limit : फिनटेक कंपनी एडवारिस्क के सीईओ विशाल शर्मा ने इस कदम को समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि कृषि की बढ़ती लागत को देखते हुए यह बदलाव अत्यंत आवश्यक है। यह किसानों को उन्नत उपकरण, आधुनिक बीज और नवीनतम कृषि तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। इसके अलावा, किसानों की आय में भी सुधार होगा और उनकी जीवनशैली बेहतर होगी।
PM Fasal Bima Yojana : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी बदलाव की संभावना
PM Fasal Bima Yojana : किसान क्रेडिट कार्ड के अलावा, सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी सुधार करने की योजना बना रही है। अधिकारियों के अनुसार, फसल बीमा के तहत मुआवजे की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाने के लिए राज्य सरकारों की भूमिका सीमित की जा सकती है। यह कदम किसानों को समय पर मुआवजा प्रदान करने और प्रशासनिक बाधाओं को कम करने में मदद करेगा।
उधारी सीमा बढ़ने के लाभ
किसानों को उधारी सीमा बढ़ने से कई फायदे होंगे।
- बेहतर कृषि संसाधन: किसान अब बेहतर उपकरण और आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सकेंगे। इससे उनकी उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी।
- आर्थिक स्वतंत्रता: किसान अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए महंगे निजी कर्ज पर निर्भर नहीं रहेंगे।
- नई कृषि गतिविधियों का विकास: किसानों को मत्स्य पालन, पशुपालन और बागवानी जैसे अन्य कृषि व्यवसायों में भी आर्थिक सहायता मिलेगी।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसान अपनी बढ़ी हुई आय का उपयोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में करेंगे।
सरकार की प्राथमिकता: रोजगार और आय बढ़ाना
सरकार बजट 2025 में रोजगार सृजन और किसानों की आय बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दे रही है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने सरकार को इस दिशा में कई सुझाव दिए हैं।
- तकनीकी सहायता: किसानों को डिजिटल तकनीक और स्मार्ट कृषि उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जा सकता है।
- ऋण प्रक्रिया में सुधार: ऋण आवेदन और स्वीकृति प्रक्रिया को और अधिक सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।
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खुदरा और सहकारी बैंक की भूमिका
सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की भूमिका इस योजना में अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी। ये बैंक किसानों तक सुलभ ऋण पहुंचाने और उन्हें समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएंगे।
बजट 2025 में प्रस्तावित यह बदलाव भारतीय कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा देगा। यह योजना केवल एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि किसानों की आत्मनिर्भरता और उनकी आर्थिक उन्नति की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार के इस प्रस्ताव से किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को बड़ी राहत मिलेगी। बढ़ी हुई उधारी सीमा से न केवल किसानों की वित्तीय समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अब सभी की निगाहें 1 फरवरी को संसद में पेश होने वाले बजट पर टिकी हैं, जहां इस प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से मंजूरी मिलने की संभावना है।