
Campa Cola : गर्मी का मौसम आते ही कोल्ड ड्रिंक्स की मांग तेजी से बढ़ने लगती है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए, देश की दो प्रमुख सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियां, पेप्सिको और कोका-कोला, एक नए प्लान के साथ मार्केट में उतरी हैं। इन दोनों कंपनियों ने 10 रुपये में कांच की बोतल में सॉफ्ट ड्रिंक पेश करने का फैसला किया है। इस कदम को मुकेश अंबानी की कंपनी कैंपा को कड़ी टक्कर देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
कैंपा को टक्कर देने की रणनीति
Campa Cola vs Pepsi : कैंपा कोला, जो देसी स्वाद और किफायती कीमतों के साथ भारतीय बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रही है, ने कोल्ड ड्रिंक सेक्टर में अपनी मजबूत जगह बनाई है। इस चुनौती का सामना करने के लिए कोका-कोला और पेप्सी ने कांच की बोतलों में 10 रुपये की कीमत पर अपनी ड्रिंक्स पेश करने की रणनीति अपनाई है। खास बात यह है कि ये ड्रिंक्स बिना शुगर और हेल्थ कॉन्शियस लोगों के लिए लाइट वेरिएंट में भी उपलब्ध होंगी।
Coca Cola 10 Rs Bottle : एमएमजी ग्रुप के समूह अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में उद्योग में कम चीनी और बिना चीनी वाले पेय विकल्पों की मांग बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि कोका-कोला ने अपने डाइट और लाइट पोर्टफोलियो को डाइट कोक से आगे बढ़ाते हुए कोक जीरो, स्प्राइट जीरो और थम्स एक्स फोर्स तक एक्सटेंड किया है, जिनकी कीमत 10 रुपये, 20 रुपये और 30 रुपये रखी गई है।
पेप्सिको की रणनीति और आंध्र प्रदेश से शुरुआत
Campa Cola Market Strategy : पेप्सिको ने अपनी नई पहल की शुरुआत आंध्र प्रदेश से की है। आंध्र प्रदेश भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां कैंपा कोला ने भी अपनी शुरुआत की थी। पेप्सिको ने बिना चीनी वाली पेप्सी की 200 मिलीलीटर की बोतलें 10 रुपये में लॉन्च की हैं।
एक अधिकारी के अनुसार, पेप्सी की इस नई योजना का उद्देश्य कैंपा और बी-ब्रांड को कड़ी टक्कर देना है। सस्ती कीमतों पर बेहतरीन विकल्प देकर वे उपभोक्ताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
मार्केट में बढ़ती हिस्सेदारी
Soft Drink Competition India : बॉटलिंग पार्टनर वरुण बेवरेजेज के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में कम चीनी और बिना चीनी वाले पेय पदार्थों ने पेप्सिको की कुल बिक्री मात्रा में 44.4% का योगदान दिया। यह पिछले वर्ष के 40.2% से अधिक है, जो भारत में सॉफ्ट ड्रिंक की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण लोग शुगर-फ्री और डाइट ड्रिंक्स की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। कोका-कोला और पेप्सी इसी ट्रेंड को भुनाने की योजना बना रही हैं।

कैंपा का असर और भविष्य की संभावनाएं
कैंपा कोला, जिसने भारतीय बाजार में देसी ब्रांड के रूप में एक अलग पहचान बनाई है, किफायती कीमतों और स्थानीय स्वादों की वजह से तेजी से लोकप्रिय हुई है। इसे टक्कर देने के लिए कोका-कोला और पेप्सी को कड़ी मेहनत करनी होगी।
फिलहाल, 10 रुपये में कांच की बोतल में कोल्ड ड्रिंक पेश करना एक ऐसा कदम है जो न केवल उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर पसंदीदा ड्रिंक प्रदान करेगा, बल्कि ब्रांड्स को अपने बाजार की पकड़ मजबूत करने में भी मदद करेगा। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति किस हद तक सफल होती है।
कोल्ड ड्रिंक्स के संभावित साइड इफेक्ट्स
हालांकि 10 रुपये में कांच की बोतल में कोल्ड ड्रिंक पीना किफायती हो सकता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यहां कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स दिए गए हैं:
- वजन बढ़ना और मोटापा:
- शुगर युक्त कोल्ड ड्रिंक्स में अत्यधिक कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ने का कारण बन सकती है।
- बिना शुगर वाले विकल्प भी आर्टिफिशियल स्वीटनर के कारण वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं।
- डायबिटीज और मेटाबोलिक डिसऑर्डर:
- नियमित रूप से शुगर युक्त ड्रिंक्स पीने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
- आर्टिफिशियल स्वीटनर भी इंसुलिन रेजिस्टेंस को प्रभावित कर सकते हैं।
- डेंटल हेल्थ पर प्रभाव:
- कोल्ड ड्रिंक्स में मौजूद एसिडिक कंटेंट दांतों की इनैमल परत को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दांत कमजोर हो सकते हैं।
- हड्डियों पर प्रभाव:
- कैफीन युक्त ड्रिंक्स हड्डियों में कैल्शियम की कमी कर सकते हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है।
- पाचन संबंधी समस्याएं:
- कोल्ड ड्रिंक्स में मौजूद कार्बोनेटेड कंटेंट पेट में गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
- किडनी और लिवर को नुकसान:
- अत्यधिक मात्रा में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से किडनी और लिवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है।

Laxman Singh Rathor को पत्रकारिता के क्षेत्र में दो दशक का लंबा अनुभव है। 2005 में Dainik Bhakar से कॅरियर की शुरुआत कर बतौर Sub Editor कार्य किया। वर्ष 2012 से 2019 तक Rajasthan Patrika में Sub Editor, Crime Reporter और Patrika TV में Reporter के रूप में कार्य किया। डिजिटल मीडिया www.patrika.com पर भी 2 वर्ष कार्य किया। वर्ष 2020 से 2 वर्ष Zee News में राजसमंद जिला संवाददाता रहा। आज ETV Bharat और Jaivardhan News वेब पोर्टल में अपने अनुभव और ज्ञान से आमजन के दिल में बसे हैं। लक्ष्मण सिंह राठौड़ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि खबरों की दुनिया में एक ब्रांड हैं। उनकी गहरी समझ, तथ्यात्मक रिपोर्टिंग, पाठक व दर्शकों से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें पत्रकारिता का चमकदार सितारा बना दिया है।
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