
लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद
Deputy CM Premchand : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी देने के दूसरे जयपुर पुलिस ने सेंट्रल जेल से तीन बदमाशों काे पकड़ लिया है। इस बीच राजसमंद जिले के दौरे पर आए उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वे देश सेवा कर रहे हैं, जिससे उनके प्रति से कोई द्वेषता नहीं है। मंत्री बोले कि मैं मानता हूं कि धमकी देने वालों की भावना भी ऐसी नहीं रही होगी, मगर एक छिछोरी हरकत जरूर उन्होंने की है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
Rajasthan Deputy CM : उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा गुरुवार को राजसमंद के एक होटल में पत्रकारों से बात कर रहे हैं। दरअसल उप मुख्यमंत्री राजस्थान सप्ताह महोत्सव के तहत अन्त्योदय कल्याण समारोह में शिरकत की, जहां कल्याणकारी योजनाओं के पात्र व्यक्ति को लाभान्वित किया। फिर मीडिया से रूबरू होकर उप मुख्यमंत्री बैरवा ने कहा कि हम तो देश के लिए काम कर रहे हैं और देश सेवा में जुटे हैं। मैं मानता हूं कि जान से मारने की धमकी में उन लोगों की भी ऐसी कोई भावना नहीं रही होगी, जो एक छिछोरी हरकत की है। डॉ. बैरवा बोले कि मेरा किसी से लेना देना नहीं है और न ही किसी का मैंने बुरा किया है। जयपुर सेंट्रल जेल में मोबाइल व अन्य अनैतिक वस्तुएं पहुंचने के सवाल पर डिप्टी सीएम डॉ.बैरवा ने कहा कि जेल में मोबाइल मिले हैं, जिसको लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा गहनता से जांच की जा रही है। साथ ही भविष्य में इस तरह की हरकत कोई न करें, यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जेल से धमकी मिलने के मामले में पुलिस जांच कर रही है और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर गंभीर हैं। इस दौरान राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी, राजसमंद प्रधान अरविंदसिंह राठौड़, राजसमंद जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा, अतिरिक्त कलक्टर नरेश बुनकर, जिला परिषद सीईओ ब्रजमोहन बैरवा सहित कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
डिप्टी सीएम बोले- गलत शब्दों का प्रयाेग नहीं होना चाहिए
Rana Sanga : समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा संसद में महाराणा सांगा के संबंध में दिए बयान को लेकर उपमुख्यमंत्री बैरवा ने कहा कि हमें संस्कार और संस्कृति में रहना चाहिए। किसी के खिलाफ गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने सामाजिक समरसता को बनाए रखने पर जोर दिया। उप मुख्यमंत्री बैरवा ने कहा कि यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं था।
एडीजे ओझा ने दिव्यांग कल्याण की जानकारी
Court Rajsamand : राजसमंद में अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश और सुगम्यता समिति (एक्सेसिबिलिटी कमेटी) अध्यक्ष सुनील कुमार ओझा ने गुरुवार को विभिन्न विभागों और संस्थाओं की बैठक लेकर दिव्यांगजन के हितों के संरक्षण और उनके सर्वांगीण कल्याण को लेकर विशेष बैठक ली। ओझा ने कमेटी के गठन के पीछे के उद्देश्यों और लक्ष्यों को विस्तार से समझाया। साथ ही उन्होंने अभिगम्यता और सुगम्यता जैसे शब्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नालसा के ध्येय वाक्य ‘सभी के लिए न्याय’ को समझाते हुए कहा कि दिव्यांगजन को उनके अधिकारों, कानूनों, योजनाओं, कार्यक्रमों से जागरूक रखते हुए उन्हें समुचित ढंग से लाभान्वित करना हम सभी का दायित्व है और इसमें सभी विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण है। श्री ओझा ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से लेकर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला एवं तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण की न्याय की आमजन तक पहुँच में भूमिका पर प्रकाश डालते हुए संपादित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
Rajsamand news : दिव्यांगजन को सुगमता से हर क्षेत्र में उसके अधिकारों के अनुरूप लाभ मिले यह हमारा दायित्व है। आज पढे-लिखे नौजवान भी लापरवाह हैं, लोग सोशल मीडिया पर तीन घंटे व्यतीत कर देंगे लेकिन रिसर्च और डेवलपमेंट पर समय नहीं देंगे। सृष्टि में सभी प्रजातियों में मानव ही ऐसा है जिसके पास सोचने और परिवर्तन लाने की क्षमता है। हमें चाहिए कि अपने श्रम और समय को सही दिशा में और जरूरतमंदों के हितों में लगाएं।

विभागों से की दिव्यांग कल्याण पर चर्चा
महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यवाहक उप निदेशक तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक दीपेन्द्र सिंह शेखावत से दिव्यांग कल्याण और महिला अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक रश्मि कौशिक से उन्होंने आधी आबादी यानी महिलाओं, बच्चियों के कल्याण, अधिकारों के संरक्षण पर चर्चा की। उप निदेशक शेखावत ने बताया कि जिले में विभिन्न आयु वर्ग के कुल 15456 दिव्यांगजन चिन्हित है, जिसके संबंध में विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में विशेष योग्यजन चिन्हीकरण केम्प का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 242 व्यक्तियों को चिन्हित कर विभिन्न सहायक अंग-उपकरणों से लाभान्वित किया गया तथा 6 वर्ष की आयु वर्ग के दिव्यांगों को कुल 89 एवं 6 वर्ष से 15 वर्ष तक आयु वर्ग के दिव्यांगों को कुल 1112 विशेष योग्यजन सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं।
विविध कानूनी प्रावधानों को विस्तार से समझाया
एडीजे श्री ओझा ने बालकों की अलग-अलग आयु श्रेणियों जैसे 0-7 वर्ष, 7-14 वर्ष, 14-16 वर्ष, 16-18 वर्ष के अधिकारों और कानूनी प्रावधानों की व्याख्या की। ऐसे ही मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की मदद को लेकर अपने पूर्व के सहायता अनुभवों को साझा करते हुए मानसिक अस्वस्थता से जुड़े कानूनों पर प्रकाश डाला।
श्री ओझा के निर्देश पर सिस्टम ऑफिसर श्री मनीष जैन द्वारा जिला एवं सेशन कोर्ट की वेबसाइट, ई फाइलिंग पोर्टल, एनजेडीजी डाटा ग्रिड को लेकर प्रेजेंटेशन दिया गया। उन्होंने शिक्षा विभाग के एडीपीसी घनश्याम गौड़ को निर्देश दिए कि किसी भी विद्यालय में दिव्यांग छात्र-छात्रा का ड्रॉप आउट न हो और सभी अपनी पढ़ाई पूरी करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए आरटीई (अनिवार्य शिक्षा) दी गई है जिसका प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है। साथ ही उन्होंने श्रम विभाग को निर्देश दिए कि 14 वर्ष से काम आयु के बच्चे कहीं नियोजित नहीं पाए जाएं।
सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर जाहिर की चिंता:
ओझा ने विशेष रूप से सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर चर्चा करते हुए कहा कि एक स्टडी के मुताबिक आगामी दस वर्षों में हर घर में कोई न कोई मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति मिलने की संभावना जताई गई है। श्री ओझा ने निशुल्क विधिक सहायता के प्रावधानों की सभी को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साम्यता न सिर्फ व्यवहार बल्कि जीवन में भी होनी चाहिए। भेदभाव घर से ही शुरू हो जाता है, कई बार अभिभावक पुत्र और पुत्री में भेद करते हैं, पुत्रों को पुत्रियों की तुलना में अधिक सुविधाएं दी जाती है, यहीं से असमानता शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन के कल्याण के लिए शारीरिक, शैक्षिक और आर्थिक कल्याण के तीन घटकों पर काम करने की जरूरत है।
कई संस्थाओं की रही भागीदारी
बैठक में जतन संस्थान, रेडक्रॉस सोसायटी, हार्टफुलनेस संस्थान सहित कई संस्थाओं के पदाधिकारी, डिफेंस लॉयर, एडीजे कोर्ट कार्मिक आदि उपस्थित रहे। अंत में ओझा ने विश्वास जताया कि कमेटी दिव्यांगजन के हितों के संरक्षण के लिए तन्मयता से कार्य करे, इसके लिए सभी को समन्वित प्रयास करने होंगे।
Laxman Singh Rathor को पत्रकारिता के क्षेत्र में दो दशक का लंबा अनुभव है। 2005 में Dainik Bhakar से कॅरियर की शुरुआत कर बतौर Sub Editor कार्य किया। वर्ष 2012 से 2019 तक Rajasthan Patrika में Sub Editor, Crime Reporter और Patrika TV में Reporter के रूप में कार्य किया। डिजिटल मीडिया www.patrika.com पर भी 2 वर्ष कार्य किया। वर्ष 2020 से 2 वर्ष Zee News में राजसमंद जिला संवाददाता रहा। आज ETV Bharat और Jaivardhan News वेब पोर्टल में अपने अनुभव और ज्ञान से आमजन के दिल में बसे हैं। लक्ष्मण सिंह राठौड़ सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि खबरों की दुनिया में एक ब्रांड हैं। उनकी गहरी समझ, तथ्यात्मक रिपोर्टिंग, पाठक व दर्शकों से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें पत्रकारिता का चमकदार सितारा बना दिया है।
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