Diabetes and heart disease : आजकल डायबिटीज एक ऐसी बीमारी बन चुकी है, जो धीरे-धीरे गंभीर रूप धारण कर रही है। इसके शिकार अब न केवल बुजुर्ग लोग हो रहे हैं, बल्कि युवा वर्ग भी इस बीमारी का शिकार हो रहा है। गलत खानपान, तनावपूर्ण जीवनशैली, और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल स्तर जैसे कारण इस समस्या को जन्म दे रहे हैं। डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और इस बीच एक महत्वपूर्ण सवाल सामने आ रहा है कि क्या डायबिटीज से दिल की बीमारी हो सकती है? क्या मधुमेह के मरीजों को हृदय रोग का खतरा अधिक होता है? आइए जानें इस बारे में विशेषज्ञों का क्या कहना है।
Can diabetes cause chest pain? : डायबिटीज और हृदय रोग के बीच गहरा संबंध
Can diabetes cause chest pain? : डायबिटीज न केवल रक्त में शुगर के स्तर को प्रभावित करता है, बल्कि यह शरीर की रक्त वाहिकाओं और हृदय को भी नुकसान पहुंचा सकता है। भारत में बढ़ते डायबिटीज के मामलों ने हृदय रोगों के खतरे को भी बढ़ा दिया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज का सीधा असर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) पर पड़ता है। डायबिटीज के रोगियों में दिल के दौरे, स्ट्रोक, और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा सामान्य व्यक्तियों की तुलना में 2 से 4 गुना अधिक होता है।
Diabetes and Heart Disease Effect : डायबिटीज से दिल की बीमारी कैसे होती है?
- हाई ब्लड शुगर: डायबिटीज के कारण खून में शुगर का स्तर लगातार बढ़ता है। यह शुगर रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। इस प्रक्रिया से हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जो दिल की बीमारी का कारण बन सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन): डायबिटीज और उच्च रक्तचाप का आपस में गहरा संबंध है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हृदय रोगों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
- खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL): डायबिटीज के मरीजों में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बढ़ता है और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) घटता है। इससे रक्त प्रवाह में अवरोध उत्पन्न होता है, जिससे दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ता है।
- मोटापा: डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर मोटापे का शिकार होते हैं, और यह स्थिति हृदय रोगों का खतरा बढ़ा सकती है। मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाता है, जिससे मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा भी पैदा हो सकता है।
- सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस: डायबिटीज से शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की स्थिति पैदा होती है, जो हृदय की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
Diabetes Can Affect Your Heart : डायबिटीज से दिल की बीमारी के प्रमुख प्रकार
- कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD): यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब धमनियों में वसा जमा होने के कारण रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
- कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (CHF): इसमें हृदय रक्त को ठीक से पंप नहीं कर पाता है, जिससे शरीर में तरल पदार्थ जमा हो जाता है और हृदय की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
- पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD): यह स्थिति शरीर के अन्य हिस्सों में रक्त प्रवाह बाधित होने से उत्पन्न होती है, खासकर पैरों में रक्त का संचार कम हो जाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा और बढ़ जाता है।
Diabetes heart disease treatment : डायबिटीज से दिल की बीमारी को रोकने के उपाय
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करें: नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच कराएं और डॉक्टर द्वारा निर्धारित तरीके से इसे नियंत्रित करें। उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करना हृदय रोगों के खतरे को कम कर सकता है।
- स्वस्थ आहार अपनाएं: अपनी डाइट में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और वसा रहित प्रोटीन को शामिल करें। ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट और शुगर युक्त खाद्य पदार्थों से बचें। यह दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
- नियमित व्यायाम करें: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट एरोबिक व्यायाम करने से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा, योग और ध्यान भी तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।
- धूम्रपान और शराब से बचें: डायबिटीज के मरीजों को धूम्रपान से पूरी तरह बचना चाहिए। धूम्रपान हृदय रोगों के खतरे को कई गुना बढ़ा सकता है। शराब का सेवन भी हानिकारक हो सकता है, इसलिए इसे सीमित करना चाहिए।
- वजन नियंत्रण: मोटापा हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण है, इसलिए वजन को नियंत्रित रखना बेहद महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से व्यायाम और संतुलित आहार से वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
Diabetes chest pain symptoms : डायबिटीज और हृदय रोगों के बीच एक मजबूत और गहरा संबंध है। डायबिटीज के मरीजों में दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा सामान्य व्यक्तियों के मुकाबले कई गुना अधिक होता है। हालांकि, सही खानपान, नियमित व्यायाम, और समय पर चिकित्सा देखभाल से डायबिटीज और हृदय रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिए, अगर आप डायबिटीज से ग्रस्त हैं, तो इसे गंभीरता से लें और डॉक्टर की सलाह से अपने जीवनशैली में बदलाव करें, ताकि दिल की बीमारी से बचा जा सके।
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