Donkeys Fed Gulab Jamun : गधों को खिलाए गुलाब जामुन…, देखिए हर किसी को हैरान कर देने वाली रोचक खबर : देश- दुनिया में कभी कभी कुछ अजब गजब घटनाएं हर किसी व्यक्ति को हैरान कर देती है। कुछ ऐसी ही एक घटना है मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की, जहां के किसानों ने एक अजब परम्परा को अंजाम दिया, जिसे देख व सुनकर हर कोई चकित भी है और उसके बारे में जानने का इच्छुक भी है। मंदसौर क्षेत्र में यह अनूठी परम्परा है इन्द्रदेव को मनाने की। अच्छी बारिश की कामना को लेकर यहां के किसानों द्वारा गधों को गुलाब जामुन खिलाए जाते हैं और इसके पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है।

मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में किसानों ने अपनाया अनोखा तरीका इंद्रदेव की वजह से गधों को घास की जगह पर गुलाब जामुन खिलाया गया। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में बारिश नहीं होने के कारण गांव में इन्द्रदेव को मनाने की एक अनूठी परम्परा है, जहां पर अच्छी बारिश की कामना को लेकर किसानों ने मिलकर गधों को गुलाब जामुन खिलाए और इन्द्रदेव से अच्छी बारिश की कामना की। मान्यता है कि गधों को गुलाब जामुन खिलाने से अच्छी बारिश होगी। इसके तहत मंदसौर में गधों को गुलाब जामुन खिलाए गए। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं, जिस पर लोग अलग अलग प्रतिक्रियाएं भी दे रहे हैं, मगर भारतीय संस्कृति में अलग अलग इलाके व क्षेत्र के अनुसार कई परम्पराएं प्रचलित है, जिसके पीछे की कहानियां भी बड़ी ही रोचक व अनोखी है।

donkey : इस बारिश बहुत कम हुई बारिश

मध्यप्रदेश के मंदसौर क्षेत्र में इस बार काफी कम बारिश हुई। इस पर किसानों के लिए फसलों का बचाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में किसानों ने इन्द्रदेव को मनाने व अच्छी बारिश की कामना को लेकर गधों काे गुलाब जामुन खिलाए गए। साथ ही गधों से खेत की जुताई करने की भी परम्परा है। बताया गया कि इस बार कई जिलों में तो सूखे के हालात बने हुए हैं।

Village Custom : इन्द्रदेव को मनाने की पुरातन परम्परा

हमारे भारत देश में हिंदू धर्म में इंद्र देव को बारिश का देवता माना गया है। शुरू से ही अच्छी बारिश के लिए इंद्रदेव को प्रसन्न करने का प्नचलन है। इसके अलावा ग्रामीण परिवेश के लोग खास तौर पर किसान कई तरह के टोटके में भी विश्वास रखते हैं।

indian tradition : ये है प्रमुख परम्पराएं, जिससे अच्छी बारिश की कामना

  • मेढ़कों को खेतों में भ्रमण करवाया जाता है, तो कई जगह इनकी शादी भी करवाई जाती है। इस परम्परा के पीछे अच्छी बारिश होने की मान्यता है।
  • शहर- देहात में एक दिन घर के बाहर खाना बनाने की परम्परा भी है। इसके तहत गांव का प्रत्येक परिवार घर की बजाय खेत या मेढ़ पर खाना बनाकर खाते हैं और उस भोजन का इन्द्रदेव को भोग चढ़ाया जाता है।
  • मेवाड़ व मारवाड़ में इन्द्रदेव को मनाने व अच्छी बारिश की कामना को लेकर खेड़ा देवत पूजन भी किया जाता है। इसके तहत गांव- ढाणी में जितने भी देवी- देवताओं के स्थानक व मंदिर होते हैं, वहां पर पूजा अर्चना की जाती है।