Gravel Mining : जिला मुख्यालय के समीपवर्ती बडारड़ा ग्राम पंचायत स्थित नान्दोड़ा गांव के ग्रामीणों ने बजरी माफियाओं से परेशान होकर मंगलवार को अतिरिक्त कलेक्टर नरेश कुमार बुनकर को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन के मार्फत ग्रामीणों ने बताया कि बजरी माफियाओं ने गांव के श्मशान के रास्ते में बजरी खनन कर रास्ते में गड्ढे कर रास्ते को अवरूद्ध कर दिया।

Bajri Mafiya : ग्रामीणों ने बताया गांव का श्मशान गांव के बाहर खारी फीडर नदी के किनारे स्थित है जो सभी समाज के उपयोग में आता है। बजरी माफियाओं के खिलाफ कई बार प्रशासन को शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते बजरी माफियाओं के हौसले बुलंद है। ग्रामीणों ने बताया कि बजरी माफिया अवैध बजरी खनन के उपयोग में लिए जाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली, डम्पर, ट्रोले, जेसीबी को गांव के रास्ते, चौराहे पर गलत तरीके से खड़े कर देते हैं। इससे आवागमन बाधित होता हैं और शिकायत करने पर मरने-मारने पर उतारु हो जाते हैं। इसके अलावा गांव के रास्ते पर तेज गति से ट्रैक्टर-ट्रॉली चलाते है। जिससे दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है। ग्रामीणों ने मांग की पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में बजरी माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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Bajri माफियाओं पर लगाम लगाने की मांग

Bajri Mining : बड़ारडा ग्राम पंचायत के मजा नन्दोड़ा गांव के ग्रामीण इन दिनों बजरी माफियाओं के आतंक से परेशान है। बजरी माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि वह दिन रात नदी पेटे और लोगों की खातेदारी जमीन से भी अवैध बजरी खनन कर रहे हैं। आलम यह है कि बजरी माफिया श्मशान भूमि को भी खोद कर अवैध बजरी खत्म कर रहे हैं। जिसके कारण खेतों की उपजाऊ मिट्टी खत्म हो चुकी है और अब फसल भी पैदा नहीं हो सकती। ग्रामीणों के मना करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी देते हैं। इन माफियाओं का नेटवर्क इतना एक्टिव है कि पुलिस और खनन विभाग की टीम पहुंचने से पहले ही इन तक सूचना पहुंच जाती है और मौके से भाग जाते हैं। गौरतलब है कि इस क्षेत्र में बजरी माफियाओं का इतना आतंक है कि एक साल पहीले राजनगर थाना पुलिस ने यहां बजरी माफियाओं पर कार्रवाई की थी तो माफियाओं ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग की घटना को भी अंजाम दिया था। इस दौरान सरपंच गणेश कुमावत, भाजपा मण्डल अध्यक्ष चन्द्रशेखर बागोरा, लेहरसिंह, उदयराम गायरी, विक्रमसिंह, दिपकसिंह, गुलाबसिंह, नवलराम माली, मुकेश प्रजापत, शंभुसिंह, कुंवरसिंह, शंकर गायरी, भीमसिंह, विनोद खटीक, हिरालाल खटीक, रामलाल बंजारा, उदयलाल बंजारा सहित ग्रामीण मौजूद थे।