
Petrol Diesel Price : भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें जल्द ही घट सकती हैं। देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती संभव है।
Diesel Price : पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ चुकी हैं। वहीं, अमेरिकी कच्चे तेल (WTI) की कीमत भी 66 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है। यह अक्टूबर के बाद पहला मौका है, जब तेल की कीमतों में 2% से अधिक की गिरावट देखी गई है। इसका सीधा असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कच्चे तेल की कीमतें इसी तरह गिरती रहीं, तो भारतीय तेल कंपनियों को इससे लाभ होगा। वे अपने घाटे की भरपाई करने के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।
Crude oil cheaper | क्रूड ऑयल सस्ता
petrol price today : कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के पीछे कई बड़े कारण हैं। आइए, जानते हैं कि किन वजहों से तेल सस्ता हो रहा है और आगे भी कीमतों में कमी जारी रह सकती है।
1. रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील के संकेत
रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन अब अमेरिका रूस के साथ कुछ प्रतिबंधों में ढील देने की योजना बना रहा है। अमेरिका के वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से उन बैन की सूची तैयार करने को कहा गया है, जिनमें छूट दी जा सकती है। अगर रूस पर लगे प्रतिबंधों में राहत मिलती है, तो रूस की ओर से तेल की आपूर्ति बढ़ सकती है, जिससे वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत और गिर सकती है।
2. OPEC+ ने बढ़ाया तेल उत्पादन
OPEC+ देशों ने हाल ही में कच्चे तेल के उत्पादन को बढ़ाने का निर्णय लिया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, OPEC+ ने अप्रैल से प्रतिदिन 1.38 लाख बैरल अतिरिक्त उत्पादन करने का फैसला किया है। यह वृद्धि साल 2022 के बाद पहली बार हो रही है। OPEC+ के इस फैसले के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दबाव माना जा रहा है। ट्रंप ने सऊदी अरब और OPEC देशों से तेल की कीमतें कम करने के लिए उत्पादन बढ़ाने को कहा था।
तेल उत्पादन बढ़ने से वैश्विक बाजार में तेल की उपलब्धता अधिक होगी और मांग की तुलना में आपूर्ति बढ़ने से कीमतों में गिरावट जारी रह सकती है।
3. अमेरिका की नई आर्थिक नीतियां और टैरिफ का असर
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। जानकारों का मानना है कि यह टैरिफ वैश्विक आर्थिक गतिविधियों और ईंधन की मांग को प्रभावित कर सकता है। इससे तेल की कीमतों पर और अधिक दबाव बढ़ सकता है, जिससे कच्चे तेल के दाम और गिर सकते हैं।

भारत में कब घटेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम तुरंत कम नहीं होते। इसका कारण यह है कि तेल कंपनियां पहले अपने घाटे की भरपाई करती हैं और फिर ग्राहकों को राहत देती हैं। हालांकि, अगर कच्चे तेल की कीमतें लगातार कम होती रहीं, तो जल्द ही भारतीय तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं।
अगर आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम घटते हैं, तो इसका सीधा असर महंगाई पर भी पड़ेगा। पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने से माल ढुलाई सस्ती होगी और इससे खाद्य पदार्थों सहित अन्य जरूरी चीजों की कीमतों में भी गिरावट आ सकती है।
मोदी सरकार दे सकती है राहत
तेल की कीमतों में कटौती को लेकर सरकार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कई बार सरकार टैक्स में कमी करके भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित करती है। यदि केंद्र सरकार और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स में कटौती करती हैं, तो कीमतों में और अधिक राहत मिल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी रहती हैं और OPEC+ उत्पादन बढ़ाता रहता है, तो आने वाले हफ्तों में पेट्रोल और डीजल के दामों में गिरावट देखने को मिल सकती है। हालांकि, अंतिम फैसला तेल कंपनियों और सरकार पर निर्भर करेगा।
सरकार जल्द घटाएगी पेट्रोल- डीजल की दर
- कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आई हैं, जिससे पेट्रोल-डीजल सस्ते होने की उम्मीद है।
- रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढील, OPEC+ का बढ़ा उत्पादन और अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी कीमतों में गिरावट की बड़ी वजह हैं।
- भारतीय तेल कंपनियां जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं।
- सरकार यदि टैक्स में कटौती करती है, तो कीमतों में और राहत मिल सकती है।
अब देखना यह होगा कि भारतीय बाजार में इस गिरावट का असर कब तक और कितना देखने को मिलता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संभावित गिरावट का इंतजार कर रहे लोगों के लिए आने वाले दिन अच्छे साबित हो सकते हैं।
2014 से 2021 तक पेट्रोल डीजल की स्थिति
वर्ष | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीज़ल (₹/लीटर) |
---|---|---|
2014-15 | 66.09 | 50.32 |
2015-16 | 61.41 | 46.87 |
2016-17 | 64.70 | 53.28 |
2017-18 | 69.19 | 59.08 |
2018-19 | 78.09 | 69.18 |
2019-20 | 71.05 | 60.02 |
2020-21 | 76.32 | 66.12 |
11 जून 2021 | 95.85 | 86.75 |
स्पष्ट है कि 2014 से 2021 के बीच पेट्रोल की कीमत में लगभग ₹30.00 प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत में लगभग ₹36.43 प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विभिन्न कारकों के कारण हुई है, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, सरकार द्वारा लगाए गए कर, और मुद्रा विनिमय दरों में परिवर्तन।

उदाहरण के लिए, 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत $110 प्रति बैरल थी, और भारत में पेट्रोल की कीमत ₹72 प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत ₹55.48 प्रति लीटर थी। 2022 में, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ₹105.41 प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत ₹96.67 प्रति लीटर तक पहुंच गई थी।
फरवरी 2025 में प्रमुख महानगर में पेट्रोल व डीज़ल दर
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीज़ल (₹/लीटर) |
---|---|---|
दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 103.44 | 89.97 |
कोलकाता | 103.94 | 90.76 |
चेन्नई | 100.85 | 92.44 |
बेंगलुरु | 102.86 | 88.94 |
लखनऊ | 94.65 | 87.76 |
गुरुग्राम | 95.19 | 88.05 |
पटना | 105.18 | 92.04 |