
Road Accident : गुरुवार का दिन जालोर के लिए मातम बनकर आया। एक हादसे ने तीन परिवारों की खुशियां छीन लीं। सिरोही में हुए इस भीषण सड़क हादसे में तीन परिवारों के 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक महिला घायल अवस्था में बच गई। जिस घर में हंसी-खुशी का माहौल था, वहां अचानक मातम छा गया। पड़ोसियों ने जब घर का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश किया, तो दृश्य देख सबकी आंखें नम हो गईं।
तेज रफ्तार ट्रॉले से कार की भिड़ंत
हादसा गुरुवार सुबह सिरोही जिले के आबूरोड के किवरली इलाके में हुआ। तड़के करीब 3 बजे कोयले से भरे एक तेज रफ्तार ट्रॉले ने कार को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। मौके पर ही चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। कुल सात लोग कार में सवार थे, जिनमें से सिर्फ एक महिला जिंदा बची है। वह गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में भर्ती है।

Jalor Accident news rajasthan : सिर्फ पड़ोसन बची, बाकी सब काल के गाल में समा गए
जालोर निवासी नारायण लाल प्रजापत (58) अपनी पत्नी पोशी देवी (55) और बेटे दुष्यंत (24) के साथ अहमदाबाद में इलाज करवाने गए थे। उनके साथ उनका साला कालूराम प्रजापत (40) और उसका बेटा यशराज (4) भी थे। वापस लौटते समय अहमदाबाद बस स्टैंड पर उनकी पड़ोसन दरिया देवी (35) और उनका बेटा जयदीप (4) भी मिले, जो बस का इंतजार कर रहे थे। परिवार ने उन्हें कार से साथ चलने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। यह सफर उनके लिए जीवन का आखिरी सफर साबित हुआ।
पड़ोसियों ने तोड़ा ताला, घर में पसरा सन्नाटा
जालोर के कुम्हारों का बास इलाके में नारायण लाल के घर में ताला लगा हुआ था। जब पड़ोसियों को इस भीषण हादसे की सूचना मिली, तो उन्होंने ताला तोड़कर घर को खोला। घर में सन्नाटा पसरा हुआ था, परिजनों और परिचितों का वहां आना-जाना शुरू हो गया। पूरे मोहल्ले में मातम का माहौल छा गया था।
Big accident today rajasthan : इलाज के साथ रिश्तेदारी निभाने गए थे अहमदाबाद
नारायण लाल प्रजापत, जो जिला अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे, कुछ समय पहले पैरालिसिस का शिकार हो गए थे। उनकी चाल में दिक्कत थी और वह समय-समय पर इलाज के लिए अहमदाबाद जाते थे। इस बार भी वह पत्नी और बेटे के साथ अहमदाबाद गए थे। इलाज करवाने के बाद वह अपने बड़े बेटे पिंटू के ससुराल गए, जहां रिश्तेदारों ने उन्हें एक दिन और रोक लिया। बुधवार शाम को वह जालोर के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में ही काल के गाल में समा गए।
एक साथ निकलीं तीन अर्थियां, नम हुईं आंखें
गुरुवार की शाम जब जालोर में तीन अर्थियां एक साथ उठीं, तो पूरा इलाका शोक में डूब गया। घर के आंगन में रोने-बिलखने की आवाजें गूंज रही थीं। परिजनों के करूण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। शाम 4:30 बजे तीनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया और 5 बजे उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

अहमदाबाद बस स्टैंड पर मिली थी पड़ोसन
जिस महिला की जान बची, वह दरिया देवी हैं, जो अपने 4 साल के बेटे जयदीप के साथ अहमदाबाद बस स्टैंड पर जालोर जाने वाली बस का इंतजार कर रही थीं। इसी दौरान नारायण लाल के परिवार से उनकी मुलाकात हुई। उन्होंने दरिया देवी से कार में ही साथ चलने के लिए कहा। अनजाने में दरिया देवी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, लेकिन यह सफर उनके लिए भयावह बन गया। हादसे में उनके बेटे की मौत हो गई, जबकि वह खुद गंभीर रूप से घायल हैं और उदयपुर जिला अस्पताल में भर्ती हैं।
हादसे के बाद ड्राइवर फरार, तलाश जारी
इस दर्दनाक हादसे के बाद ट्रॉला चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। आबूरोड एसडीएम शंकरलाल मीणा ने बताया कि ड्राइवर की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस मामले की जांच में लगी हुई है। इस हादसे में नारायण लाल का पूरा परिवार उजड़ गया। उनका बड़ा बेटा पिंटू अहमदाबाद में कपड़ों की दुकान पर नौकरी करता था और इस दौरान वह परिवार के साथ नहीं था, जिससे वह इस हादसे का शिकार होने से बच गया। छोटा बेटा दिनेश उस समय अपने मामा के घर चांदराई में था। हादसे की खबर मिलते ही दोनों बेटे गहरे सदमे में चले गए।
परिवार की खुशियां एक झटके में उजड़ गईं
तीन परिवारों की खुशियां एक झटके में छिन गईं। जिस घर में शादी की तैयारियां हो रही थीं, वहां अब मातम पसरा हुआ है। इलाके में हर कोई इस हादसे को लेकर दुखी है। यह हादसा एक बार फिर साबित करता है कि सड़क पर जरा सी लापरवाही कितने परिवारों को उजाड़ सकती है।