
Rajsamand जिला कलक्टर बालमुकुंद असावा के निर्देशन में जिलेभर में आयोजित हुए तीन दिवसीय स्वच्छता महाअभियान का तीसरे दिन शनिवार को उप अभियान ‘माय ऑफिस-क्लीन ऑफिस’ और ‘माय हॉस्पिटल-क्लीन हॉस्पिटल’ के साथ समापन हुआ। साथ ही सभी तालाबों और झीलों की मिशन मोड पर सफाई हुई। नौ चौकी पाल पर सुबह से ही आयुक्त की मौजूदगी में नगर परिषद की टीमें जुटी रही और पुरानी गंदगी को साफ पर झील को चमकाया।
वहीं ‘माय ऑफिस क्लीन ऑफिस’ उप अभियान के तहत जिले के समस्त राजकीय कार्यालयों में सुबह से ही कर्मचारियों ने अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया और महीनों या वर्षों से जमा पुराने कचरे को व्यवस्थित रूप से साफ किया। इस बार केवल कार्यालयों के अंदर ही नहीं, बल्कि आसपास के परिसरों और सराउंडिंग क्षेत्रों की भी सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया। अभियान के तहत जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक एवं ग्राम स्तर तक सभी कार्यालय खुले और सफाई की गई। दिन भर डीएम असावा इसकी मॉनिटरिंग करते रहे। उपखंडों में उपखंड अधिकारियों ने प्रभावी निगरानी की। इसी तरह ‘माय हॉस्पिटल-क्लीन हॉस्पिटल’ के तहत समस्त राजकीय चिकित्सालय जैसे जिला चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय, सीएचसी, पीएचसी, उप स्वास्थ्य केंद्र में नगर निकायों, ग्राम पंचायतों, सफाई कर्मी, नरेगा श्रमिक के साथ-साथ जेसीबी, ट्रेक्टर आदि की सहायता से सफाई की गई। स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने नजदीकी अस्पताल में प्रशासन की अपील पर श्रमदान किया।
निकायों और पंचायतों का मिला पूर्ण सहयोग


बीते तीन दिनों में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग और नगरीय विकास विभाग के संयोजन से चल रहे इस अभियान में जिलेभर के नागरिकों ने उत्साही रूप से भाग लिया। नगरों और गांवों में सफाई की दिशा में और अधिक कदम उठाए गए। विशेष रूप से सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, अस्पतालों, बस स्टैंड और धार्मिक स्थलों की सफाई पर जोर दिया गया। पुराने कचरे के ढेर और लिगेसी वेस्ट को हटाने का काम तेज़ी से किया गया।
अभियान के दौरान ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के अधिकारियों द्वारा सफाई को बढ़ावा देने के लिए विशेष बैठकें आयोजित की गईं। इस मौके पर नागरिकों से संवाद किया गया और स्वच्छता को लेकर उनकी जागरूकता को बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कई सामाजिक संगठनों, एनजीओ, महिला स्वयं सहायता समूहों और अन्य नागरिकों ने अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लिया। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित जूट और कपड़े के बैग का वितरण भी जारी रहा, जिससे प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने की कोशिश की जा रही है।
लोगों के सहयोग से अभिभूत प्रशासन
नागरिकों ने अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ रखने की जिम्मेदारी उठाई और अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। जिला प्रशासन का लक्ष्य था कि जिले के हर कोने में स्वच्छता की स्थायी स्थिति सुनिश्चित हो और सार्वजनिक स्थानों से सफाई संबंधी कोई भी शिकायत न आए, यह लक्ष्य साकार होता दिखा।


स्वच्छता खुशहाल जीवन की नींव
जिला प्रशासन का ध्येय है कि स्वच्छता केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं है, यह समाज की बेहतरी और संपूर्ण जीवन शैली को प्रभावित करने वाली एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। राजसमंद जिले का स्वच्छता महाअभियान इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो न केवल नागरिकों को अपने आस-पास की सफाई का महत्व समझा रहा है, बल्कि उन्हें यह भी सिखा रहा है कि एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण ही खुशहाल जीवन की नींव है। इस प्रकार के अभियानों से हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में जीवन यापन करे, और हमारा समाज हर दृष्टिकोण से बेहतर हो।


Parmeshwar Singh Chundwat ने डिजिटल मीडिया में कॅरियर की शुरुआत Jaivardhan News के कुशल कंटेंट राइटर के रूप में की है। फोटोग्राफी और वीडियो एडिटिंग में उनकी गहरी रुचि और विशेषज्ञता है। चाहे वह घटना, दुर्घटना, राजनीतिक, सामाजिक या अपराध से जुड़ी खबरें हों, वे SEO आधारित प्रभावी न्यूज लिखने में माहिर हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, थ्रेड्स और यूट्यूब के लिए छोटे व बड़े वीडियो कंटेंट तैयार करने में निपुण हैं।