
Siemens Share Price : Siemens इंडिया के शेयरधारकों के लिए बेहद रोमांचक और उतार-चढ़ाव भरा रहा। कंपनी के डिमर्जर प्रोसेस की वजह से शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली। एक तरफ जहां शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई, वहीं दूसरी ओर दिन के अंत तक उसमें जोरदार रिकवरी भी दर्ज की गई। यह पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड डेट के दिन देखने को मिला, जिससे शेयरधारकों की दिलचस्पी और भी बढ़ गई।
Siemens के शेयरों में जो भारी गिरावट और फिर तेज रिकवरी देखी गई, वह एक बड़ी कॉर्पोरेट गतिविधि – Demerger – की वजह से आई। निवेशकों को डरने की नहीं, बल्कि समझदारी से मौके को पहचानने की जरूरत है। डिमर्जर के बाद जब Siemens Energy India की लिस्टिंग होगी, तब निवेशकों को इसका असली फायदा नजर आएगा।
सुबह की शुरुआत में लगा झटका – 48% की गिरावट से खुले शेयर
Siemens demerger : सोमवार सुबह बाजार खुलते ही Siemens इंडिया के शेयरों में भूचाल सा आ गया। शुक्रवार को जहां यह शेयर 4,939.80 रुपये पर बंद हुआ था, वहीं सोमवार को यह सीधा 48% की भारी गिरावट के साथ 2,571 रुपये पर खुला। इससे कंपनी का कुल मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये के नीचे पहुंच गया, जिसने निवेशकों को हिला कर रख दिया।
गिरावट की यह बड़ी वजह थी Siemens के एनर्जी कारोबार का Demerger यानी कंपनी से अलग होना। इस कारण कंपनी के स्टॉक वैल्यू में से एनर्जी यूनिट की वैल्यू को घटा दिया गया, जिसे निवेशकों ने शुरू में निगेटिव सिग्नल के रूप में देखा।
गिरावट थमी नहीं… नीचे जाकर लगा 50% का झटका
Siemens Energy India : खुलने के कुछ ही देर बाद शेयर और भी फिसला और 3% की अतिरिक्त गिरावट के साथ 2,490 रुपये तक आ गया। यानी कुल मिलाकर शेयर ने अपने पुराने बंद भाव से लगभग 50% की गिरावट दिखा दी। इसने निवेशकों को गहरी चिंता में डाल दिया और बाजार में हलचल मचा दी।

लेकिन फिर आया बड़ा मोड़ – शेयर ने दिखाई शानदार वापसी
जहां एक ओर निवेशकों को लगा कि आज का दिन खराब रहेगा, वहीं दूसरी ओर दोपहर बाद शेयर ने ऐसी वापसी की, जिसे देखकर हर कोई चौंक गया। 2,490 रुपये के निचले स्तर से यह 23% उछल कर 3,013.50 रुपये तक पहुंच गया। यह स्तर शेयर का Upper Circuit Limit भी था, यानी इससे ऊपर शेयर में ट्रेडिंग नहीं हो सकती थी।
यह तेज़ रिकवरी यह दर्शाती है कि बाजार ने डिमर्जर की खबर को धीरे-धीरे सकारात्मक रूप से लेना शुरू कर दिया है, और निवेशकों को इस प्रक्रिया से मिलने वाले संभावित लाभ पर विश्वास बढ़ रहा है।

आज है रिकॉर्ड डेट – क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?
Siemens record date : सोमवार, 8 अप्रैल को Siemens के डिमर्जर के लिए Record Date तय की गई थी। इससे पहले शुक्रवार, 4 अप्रैल को Siemens इंडिया के शेयर खरीदना जरूरी था, ताकि निवेशकों को डिमर्जर के तहत मिलने वाले Siemens Energy India के शेयरों का लाभ मिल सके।
यह शेयर T+1 Settlement सिस्टम के अंतर्गत आता है, इसलिए Record Date के अनुसार शुक्रवार को खरीदे गए शेयर आज यानी सोमवार को डीमैट अकाउंट्स में मौजूद होने चाहिए थे।
क्या मिलेगा निवेशकों को इस डिमर्जर में?
जिन निवेशकों के पास रिकॉर्ड डेट पर Siemens इंडिया के शेयर हैं, उन्हें एक नई कंपनी – Siemens Energy India – के एक शेयर मिलेंगे, हर एक Siemens इंडिया के शेयर के बदले। इसका मतलब है कि निवेशकों को मौजूदा निवेश के साथ-साथ नई यूनिट में भी हिस्सेदारी मिलेगी। Siemens Energy India की वैल्यू को शेयर से घटा दिया गया, और इसी घटाई गई कीमत को Discovery Price कहा जाता है। यह मूल्य निवेशकों को नई यूनिट के संभावित मूल्य का संकेत देता है।
Siemens Energy की लिस्टिंग कब होगी?
Siemens NCLT approval : अब जब डिमर्जर पूरा हो चुका है और रिकॉर्ड डेट निकल गई है, अगला बड़ा सवाल है – Siemens Energy India की लिस्टिंग कब होगी? IIFL Securities के अनुसार, इस लिस्टिंग में 60 से 90 दिन का समय लग सकता है। वहीं, जर्मनी की पैरेंट कंपनी Siemens AG के अनुसार, यह लिस्टिंग प्रक्रिया जून 2025 तक पूरी हो सकती है। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म Nuvama का मानना है कि Siemens भारत में अपने वृहद आकार के चलते इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा सकती है।
Siemens की बायोग्राफी : भरोसेमंद इंजीनियरिंग कंपनी
Siemens AG एक जर्मन बहुराष्ट्रीय कंपनी है जिसकी स्थापना 12 अक्टूबर 1847 को हुई थी। इसकी शुरुआत Werner von Siemens और Johann Georg Halske ने की थी। कंपनी की पहली खोज थी — pointer telegraph, जिससे दूरसंचार क्रांति की नींव पड़ी। शुरुआत बर्लिन में हुई, लेकिन आज Siemens का नेटवर्क 190 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है।
भारत में Siemens की शुरुआत
Siemens India की स्थापना 1922 में हुई थी और यह Siemens AG की सब्सिडियरी कंपनी है। भारत में इसका हेडक्वार्टर मुंबई में स्थित है। कंपनी बिजली उत्पादन, ऑटोमेशन, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटलाइजेशन, रेलवे और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में काम करती है।
मालिक कौन है?
Siemens AG एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है, यानी इसके मालिक कंपनी के शेयरहोल्डर्स होते हैं। इसके सबसे बड़े शेयरहोल्डर्स में संस्थागत निवेशक और म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं। जर्मनी सरकार की इसमें सीधे तौर पर हिस्सेदारी नहीं है, लेकिन यह एक strategically important कंपनी मानी जाती है। भारत में Siemens India की 74% हिस्सेदारी Siemens AG के पास है।
Siemens की Net Worth कितनी है?
वर्ष 2024 के अनुसार, Siemens AG का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग $130 बिलियन (10.8 लाख करोड़ रुपये) है। वहीं Siemens India का मार्केट कैप (डिमर्जर से पहले) करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये था। डिमर्जर के बाद यह थोड़ा घटा है, लेकिन एनर्जी यूनिट की लिस्टिंग से फिर बढ़ने की उम्मीद है।
पिछले वर्षों में कंपनी की स्थिति कैसी रही?
Siemens ने पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल और ग्रीन टेक्नोलॉजी पर काफी फोकस किया है।
- कोविड-19 महामारी के दौरान भी कंपनी ने मजबूती से प्रदर्शन किया और हेल्थकेयर उपकरणों की भारी मांग का लाभ उठाया।
- 2022-23 में कंपनी ने AI, Smart Cities, Automation और eMobility जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया।
- Siemens India ने रेलवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स, खासकर वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
2024 में Siemens India ने अपने एनर्जी बिजनेस को अलग कर Siemens Energy India नाम की नई कंपनी बनाई है, जिससे कंपनी अपने कोर बिजनेस पर ज्यादा फोकस कर सके।

आज की स्थिति और भविष्य की योजना
आज Siemens दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग कंपनियों में से एक है।
भविष्य में कंपनी का लक्ष्य है —
- नेट-जीरो एमिशन हासिल करना
- AI और ऑटोमेशन में लीडर बनना
- इंडिया को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब में बदलने में भागीदारी करना