01 26 https://jaivardhannews.com/superstition-spirit-comes-in-12th-class-girl-30-year-old-sister-is-sacrificed-when-police-come-she-shows-fear-of-witchcraft/

अंधविश्वास ने शनिवार को बेटी की बली ले ली। परिवार 18 घंटे तक कमरा बंद कर टोना-टोटका करता रहा। युवती को घेरकर बैठा रहा। चीखने-चिल्लाने और अजीब सी आवाजों के बीच तंत्र-मंत्र चलता रहा। जमीन पर पड़ी वह युवती कब मौत के मुंह में चली गई, किसी को पता तक नहीं चला। युवती की मौत के बाद जब पड़ोसियों ने पुलिस को बुलाया तो परिवार, पड़ोसी और पुलिस के बीच भी कई घंटे तक ड्रामा चलता रहा। पुलिस को भी टोना-टोटका का भय दिखाया गया। अंतत: पुलिस युवती को अस्पताल ले गई, लेकिन वह तो पहले ही मर चुकी थी।

यह टोना-टोटका किसी और ने नहीं, बल्कि परिवार की ही महज 12वीं में पढ़ने वाली इसी युवती की छोटी बहन ने किया। 5 बहनों में सबसे छोटी है। पिता की कुछ समय पूर्व मौत हो चुकी है। परिवार मानता है कि 12वीं में पढ़ने वाली बहन में उनके पिता की आत्मा आती है और वही आत्मा परिवार पर आने वाली विपत्ति और बीमारियों को दूर करती है। बस इसी अंधविश्वास से बीमार पड़ी 30 साल की बड़ी बहन का बंद कमरे में टोना-टोटका कर इलाज का प्रयास किया जा रहा था। बाहर आ रही आवाजों से इस बात का अंदाजा भी लगाया जा रहा है कि परिवार के ये सदस्य एक-दूसरे के साथ मारपीट भी कर रहे थे। यही कारण था कि जिस युवती की मौत हुई है, उसके चेहरे सहित परिवार के अन्य सदस्यों को गहरी चोट के निशान भी मौजूद थे। ऐसे में मौत के कारण पर अब पुलिस नए सिरे से जांच करेगी।

रावतभाटा की चर्च बस्ती की गीताबाई की 5 बेटियां हैं। उसके पति मोहनलाल का निधन हो चुका है। गीताबाई की 30 वर्षीय बेटी सुनीता पत्नी राजेश भाट निवासी भीम ब्यावर घर पर आई हुई थी। इसी दौरान उसकी तबीयत खराब हुई तो परिवारजनों ने इलाज कराने के बजाए टोने, टोटके का सहारा लिया। 18 घंटे तक घर में टोने, टोटके की झूठी कहानियां चलती रहीं। इस दौरान महिला की तबीयत अधिक खराब हुई तो पुलिस को बुलाया गया। पुलिस की मौजूदगी में पार्षद संजय रेठूदिया पडौसियों की मदद से अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसे मृत घोषित कर दिया। इस नाटकीय घटनाक्रम के दौरानमें 6-8 या इससे भी अधिक छोटे-छोटे बच्चे, 4 महिलाएं और दो पुरुष भी कमरे में बंद थे। पुलिस पहुंची तो सिर्फ दो छोटे-छोटे कमरों से 20 से 25 सदस्य बाहर निकले।

पुलिस को भी टोना-टोटका और आत्मा की आवाज के बीच उलझाया
सूचना मिली तो पुलिस चर्च बस्ती में शाम 4:30 बजे पहुंची। महिला लेटी हुई थी और परिवार के लोग आत्मा और टोने-टोटके की कहानियां बताकर उसके हाथ नहीं लगाने की बात कर रहे थे। पुलिस ने समझाया, अस्पताल ले चलते हैं, पर वे पुलिस को ही टोटकों में उलझाने की कोशिश करते रहे। आत्मा की आवाज सुनाने की बात करते रहे। पुलिस ने जबरदस्ती युवती सुनीता को बाहर निकाला और फिर उसे अस्पताल पहुंचाया। बाकी लोग उसी मकान में थे, लेकिन वह किसी और को आने नहीं दे रहे थे।

मौके पर पहुंचे डॉ.अनिल जाटव, संदीप और अन्य मेडिकल स्टाफ सहित एएसआई लालचंद व पुलिसकर्मियों ने उनकी स्थिति और मानसिकता को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया कि पूरा परिवार ही मानसिक रोगियों की तरह व्यवहार कर रहा है। ऐसे में सभी को अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, ऐसा करने में मेडिकल टीम और पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी। परिवार पुलिस को जब टोटकों में उलझा रहा था तो पुलिस ने पूछा कि अब कहां गया आप पर आत्मा का असर, तो परिवार के सदस्य बोले-पुलिस को देखकर भाग जाता है।

DSP झाबरमल यादव ने महिला गीताबाई से बात की। गीताबाई का कहना था कि मेरी बहन की बेटी ने कुछ कर दिया। जिस कारण हमारे घर स्थिति बिगड़ गई। लड़की रज्जू का कहना है कि मेरे पिता की आत्मा मेरे अंदर आती है। DSP ने बताया कि महिला को मारा गया है या इसकी बीमारी से मौत हुई है, यह जांच की जाएगी। प्रारंभिक रूप से अंधविश्वास के बीच मौत होना माना जा रहा है।

महिला के शरीर पर चोट के निशान, सभी ने मारपीट की, नाम दिया आत्मा का
इस घटना में महिला सुनीता के चेहरे पर चोट के निशान थे। जब महिला अस्पताल पहुंची तो वार्ड बॉय और मेडिकल स्टाफ के अलावा कोई हाथ लगाने को तैयार नहीं था। इस घटना में यह बात भी सामने आ रही है कि परिवार के अन्य लोगों के शरीर पर भी चोट के निशान थे। बस्ती के लोगों ने बताया कि एक-दूसरे के साथ मारपीट कर रहे थे। किसी को सामने नहीं आने दे रहे थे। बस्ती के कई लोग भी परिवार की अंधविश्वास की बात को सच मान रहे थे।