श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारकाधीश मंदिर में बुधवार से सावन माह की विधिवत शुरुआत हो चूकी है इस उपलक्ष में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन के प्रथम दिवस पर प्रभु द्वारकाधीश को धारण कराई जाने वाली मणि के दर्शन आम श्रद्धालुओं को करवाए जाएंगे द्वारकाधीश मंदिर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बुधवार शाम को सर्वप्रथम द्वारकाधीश जी को धारण कराई जाने वाली मणि को बालकृष्ण लाल जी की गादी पर लाया जाएगा जहां पर विधि विधान के साथ गोस्वामी परिवार के सदस्य, मुखिया, भीतरिया ,मंदिर अधिकारी गण द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी तद उपरांत आम श्रद्धालुओं को मणि के दर्शन करवाए जाएंगे इसके बाद प्रभु द्वारकाधीश को सर्वप्रथम आज चांदी के हिंदोरा में विराजित कर भक्तों को दर्शन करवाए जाएंगे यह दर्शन शाम 6:00 बजे खुलेंगे।
इस बार अधिक मास से भक्तों का आनंद होगा द्विगुणित
गौरतलब है कि हर वर्ष सावन माह में प्रभु द्वारकाधीश 1 महीने तक नित्य हिंदोरा में विराजित होते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं परंतु इस वर्ष अधिक मास भी होने से यह आनंद द्विगुणित हो रहा है जहां 5 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक प्रभु के सावन माह का प्रथम दौर चलेगा वहीं 18 जुलाई से प्रभु के अधिक मास मनोरथ आयोजित होंगे जो कि 17 अगस्त तक चलेंगे उसके पश्चात पुनः सावन माह का बचा हुआ मनोरथ आयोजित होंगे जो 3 सितंबर को समाप्त होंगे गौरतलब है कि हर वर्ष सावन माह के प्रथम दिवस को प्रभु द्वारकाधीश को धारण कराई जाने वाली मणि को आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए लाया जाता है
गुरु पूर्णिमा पर हुआ वायु परीक्षण, अच्छी वर्षा के योग
श्री पुष्टिमार्गीय तृतीय पीठ प्रन्यास के श्री द्वारकाधीश मंदिर की ओर से गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष की भांति परंपरागत रूप से वायु परीक्षण की परंपरा निभाई गई जिससे अनुमान लगाया गया कि इस वर्ष अच्छी वर्षा के योग बन रहे हैं ।
श्री द्वारकाधीश मंदिर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि सोमवार शाम को द्वारकाधीश मंदिर के पुरोहित पंडित बिंदु लाल शर्मा, मंदिर अधिकारी भगवती लाल पालीवाल, कार्यकारी अधिकारी विनीत सनाढ्य, कोठा सह प्रभारी गिरीश रावल और खर्च भंडारी कमलेश पालीवाल के साथ सिंचाई विभाग उद्यान पहुंचे जहां पर वर्षों पुरानी परंपरा द्वारा परंपरागत रूप से वायु परीक्षण किया गया जिसमें इस वर्ष अच्छी वर्षा के योग दिखाई दिए पंडित बिंदु लाल शर्मा ने बताया कि जो परीक्षण हुआ उसमें पश्चिम से पूर्व की ओर वायु चल रही थी जो कि अच्छी वर्षा के योग को दर्शाता है साथ ही धन धान में वृद्धि का योग भी इस वायु परीक्षण में बताया गया इसके अलावा देश में सुख शांति के योग भी बताए गए हैं।