Eat Less Salt : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निर्देशों का पालन किया जाए तो भारत में अगले 10 वर्ष में ज्यादा सोडियम (नमक) खाने से होने वाली तीन लाख मौतों को रोका जा सकता है। डब्ल्यूएचओ ने अपने हालिया अध्ययन में भारत में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा अधिक होने पर चिंता जताई गई है। प्रसिद्ध हेल्थ मैगजीन ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, भारत में लोग डब्ल्यूएचओ की निर्धारित सीमा से लगभग दोगुना सोडियम का सेवन करते हैं। डब्ल्यूएचओ 2025 तक सोडियम के सेवन में 30 फीसदी की कमी लाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। अध्ययन के अनुसार, भोजन में सोडियम की मात्रा ज्यादा होना हृदय व किडनी रोगों के साथ-साथ विकलांगता का भी कारण है। भारत में वर्तमान में सोडियम कम करने की कोई राष्ट्रीय रणनीति नहीं है। कई देशों की तरह भारत में भी पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा को सीमित करने के लक्ष्य निर्धारित किए जाएं तो हृदय से संबंधित 17 लाख और किडनी से संबंधित सात लाख नए लोगों को रोग से बचाया जा सकता है। इसके अलावा, इससे लगभग 80 करोड़ अमरीकी डॉलर (6726 करोड़ रुपए) की भी बचत भी हो सकती है।
Health related news : पांच ग्राम तक खाने की सलाह
Health related news : हैदराबाद के द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ताओं पाया कि भारतीय खान-पान में सोडियम में कमी लाने की कोई राष्ट्रीय रणनीति नहीं है। भारतीयों के खानपान में पैकेज्ड खाद्य पदार्थों की बढती मात्रा भी बढ़ती ही जा रही है। खपत के कारण सोडियम की डब्ल्यूएचओ प्रति दिन दो ग्राम से कम सोडियम खाने की सलाह देता है। यह मात्रा एक चम्मच से कम या पांच ग्राम नमक (सोडियम क्लोराइड) के बराबर है।
कई देशों में प्रभावी पहल
ब्रिटेन, अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य देशों ने सफलतापूर्वक पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में सोडियम की तय सीमा बरकरार रखने और उत्पादों को फिर से तैयार करने के लिए निर्माताओं को मजबूर किया है। भारत में खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ‘स्वस्थ भारत’ पहल के तहत सोडियम के सेवन को कम करने के लिए जागरूकता फैलाने का काम किया है।
Why is it important to eat salt? : नमक खाना क्यों जरूरी है
Why is it important to eat salt? : नमक शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यह कोशिकाओं के अंदर और बाहर पानी की मात्रा को संतुलित रखता है। नमक रक्तचाप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करता है। यह तंत्रिका आवेगों को संचारित करने में सहायक होता है। पेशियों के संकुचन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। नमक कुछ पोषक तत्वों जैसे कि ग्लूकोज को अवशोषित करने में मदद करता है।
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What is the harm of not eating salt? : नमक नहीं खाने से क्या नुकसान
What is the harm of not eating salt? : नमक हमारे शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन इसका बहुत कम या बिल्कुल सेवन न करना भी कई स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। आइए जानते हैं कि नमक कम खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं:
- थकान और कमजोरी: नमक शरीर में सोडियम का मुख्य स्रोत है, जो तंत्रिका आवेगों को संचारित करने और मांसपेशियों के संकुचन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कम सोडियम के कारण थकान, कमजोरी और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
- कब्ज: नमक पाचन तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करता है। कम नमक के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है।
- लो ब्लड प्रेशर: नमक रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करता है। बहुत कम नमक खाने से ब्लड प्रेशर बहुत कम हो सकता है, जिससे चक्कर आना, बेहोशी और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- असंतुलित इलेक्ट्रोलाइट्स: नमक इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम और पोटेशियम) को संतुलित रखने में मदद करता है। कम नमक के कारण इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है, जिससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है।
- दिमागी कार्य प्रभावित होना: नमक दिमागी कार्य को प्रभावित कर सकता है। कम नमक के कारण भ्रम, उनींदापन और एकाग्रता में कमी हो सकती है।
- शरीर में पानी की कमी: नमक शरीर में पानी को बनाए रखने में मदद करता है। कम नमक के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
Disadvantages of eating too much salt : ज्यादा नमक खाने से नुकसान
- Disadvantages of eating too much salt : हाई ब्लड प्रेशर: नमक रक्तचाप को बढ़ाता है। अधिक नमक का सेवन उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण है।
- हृदय रोग: उच्च रक्तचाप से हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- हड्डियों का कमजोर होना: अधिक नमक कैल्शियम को बाहर निकालता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
- पेट फूलना: अधिक नमक पेट में गैस और सूजन पैदा कर सकता है।
- किडनी की समस्याएं: किडनी को अतिरिक्त सोडियम को शरीर से बाहर निकालने के लिए अधिक काम करना पड़ता है, जिससे किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- पानी बरकरार रखना: अधिक नमक शरीर में पानी को बरकरार रखता है, जिससे सूजन और वजन बढ़ सकता है।
- कैंसर का खतरा: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अधिक नमक के सेवन से पेट और अन्य प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
ये कुछ संकेत हैं जो बता सकते हैं कि आप ज्यादा नमक खा रहे हैं:
- बार-बार प्यास लगना: ज्यादा नमक आपके शरीर में पानी को रोकता है, जिससे आपको बार-बार प्यास लग सकती है।
- बार-बार पेशाब आना: ज्यादा नमक आपके किडनी को अधिक काम करने पर मजबूर करता है, जिससे बार-बार पेशाब आ सकता है।
- सूजन: चेहरे, पैरों या हाथों में सूजन होना भी ज्यादा नमक खाने का संकेत हो सकता है।
- थकान और कमजोरी: ज्यादा नमक आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- हाई ब्लड प्रेशर: यह ज्यादा नमक खाने का सबसे आम लक्षण है।
- सिरदर्द: कुछ लोगों को ज्यादा नमक खाने से सिरदर्द भी हो सकता है।
खाने में उपर से नमक डालना सही या गलत
“जब हम खाना पकाते समय नमक को भोजन में मिलाते हैं, तो गर्मी के कारण नमक के आयरन का स्ट्रक्चर बदल जाता है। इस बदले हुए रूप में, हमारा शरीर नमक को अधिक आसानी से अवशोषित कर लेता है। लेकिन जब हम खाना खाने के बाद ऊपर से नमक छिड़कते हैं, तो नमक का स्ट्रक्चर वही रहता है। इस कच्चे रूप में, शरीर नमक को धीरे-धीरे अवशोषित करता है। यह धीमी अवशोषण प्रक्रिया शरीर में सोडियम की मात्रा को अचानक बढ़ा सकती है, जिसके परिणामस्वरूप रक्तचाप बढ़ सकता है और हाइपरटेंशन जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, खाना पकाते समय नमक मिलाना और खाना खाने के बाद ऊपर से नमक डालने के बीच काफी अंतर होता है।”