doctor https://jaivardhannews.com/health-body-people-in-indian-and-home-treatment/

1 चीनी (शक्कर)
2 समुद्री नमक
3 फ्रिज (यानि अप्राकृतिक ठंडी वस्तुएं + पेय)

( 1 ) चीनी के शरीर पर दुष्प्रभाव

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  • चीनी कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है, जिसके कारण हृदयघात या हार्ट अटैक आता है
  • चीनी शरीर के वजन को अनियन्त्रित कर देती है जिसके कारण मोटापा होता है
  • चीनी रक्तचाप या ब्लड प्रैशर को बढ़ाती है , चीनी ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण है।
  • चीनी की मिठास को आधुनिक चिकित्सा मेँ सूक्रोज़ कहते हैं, जो इंसान और जानवर दोनो ही, पचा नहीँ पाते।
  • चीनी बनाने की प्रक्रिया में तेइस हानिकारक रसायनोँ का प्रयोग किया जाता है।
  • चीनी डाइबिटीज़ का एक प्रमुख कारण है।
  • चीनी पेट की जलन का एक प्रमुख कारण है।
  • चीनी शरीर मे ट्राइ ग्लिसराइड को बढ़ाती है।
  • चीनी पेरेलाईसिस, अटैक या लकवा होने का एक प्रमुख कारण है।

चीनी बनाने की सबसे पहली मील
अंग्रेजों ने 1868 में सबसे पहली मील लगाई थी। उसके पहले भारतवासी शुद्ध देशी-गुड़ खाते थे और कभी बीमार नहीं पड़ते थे।

विशेष : चीनी (शक्कर) का उपयोग न करके शुद्ध देशी गुड़ का प्रयोग करें और हमेशा स्वस्थ्य रहें ।

(2) समुद्री नमक :

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अपनाएं ✔️ सेंधा नमक ✔️

  • हदय की बीमारी तक ठीक करें।
  • हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि जो आयुर्वेद के ज्ञाता थे, जो महर्षि वागभट जी के नाम से सुप्रसिद्ध हुए।
  • उन्होंने कई प्रकार के आयुर्वेदिक ग्रंथों का लेखन किया जिनमें अष्टांग हृदयम भी एक ग्रंथ है जिसमें हृदय रोगों से सम्बंधित कारण एवं निवारण की व्यापक जानकारियां समाहित की हैं।
    (Astang hrudayam)
  • इस पुस्तक में उन्होंने रोग को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखे हैं। यह उनमें से ही एक सूत्र है।
  • वागभट जी लिखते हैं कि जब भी हृदयघात होता है तब समझ लिए कि दिल की नलियों में blockage होना शुरू हो रहा है।
  • तो इसका मतलब है कि रक्त (blood) में acidity (अम्लता ) बढ़ी हुई है। अम्लता को अँग्रेजी में कहते है acidity
  • अम्लता दो तरह की होती है- एक पेट की अम्लता और दूसरी रक्त (blood) की अम्लता।
  • आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है, तो पेट में जलन होती है, खट्टी डकारें आती हैं। मुंह में खट्टा- मिर्ची वाला पानी आ जाता है। जब पेट में अम्लता (acidity) और ज्यादा बढ़ जाती है तो hyperacidity कहलाती है और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता (blood acidity) कहलाने लगती है।
  • जब blood में acidity बढ़ती है, तो ये अम्लीय रक्त (blood) दिल की नलियो में से निकल नहीं पाता और नलियों को block करने लगता है, तभी heart attack आता है इसके बिना heart attack नहीं आता।

इसका इलाज सबसे सरल है* !!!

➡️ इलाज क्या है ?

➡️ वागभट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ रही हो, तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय है।
? आप जानते हैं कि प्रकृति में दो तरह की चीजें होती है- अम्लीय और क्षारीय (acidic and alkaline)।

➡️ अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ?
( acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है- ) ? neutral ? ? जीरो ??
फिर जो होता है सब जानते है।
➡️ वागभट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय(alkaline) चीजे खाओ।
✔️तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी।
जब रक्त में अम्लता neutral हो गई, तब heart attack की जिंदगी में कभी संभावना ही नहीं।

➡️ य है सारी कहानी

जानिए कौन-सी चीजे हैं, जो क्षारीय है और जिन्हें हम खाये ?
✔️ आपके रसोई घर में ऐंसीं बहुत सी चीजे हैं, जो क्षारीय होती हैं।
✔️ जिन्हें आप खाएं तो कभी heart attack ही न आए और अगर आ चुका है, तो दुबारा न आए।
✔️ सबसे ज्यादा आपके घर में क्षारीय चीज है वह है लौकी, जिसे कई जगह दूधी भी कहते है। English में इसे कहते हैं bottle-gourd
जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं।
➡️ इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज है, ही नहीं तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पीजिए या कच्ची लौकी खाइए। वागभट जी कहते हैं कि रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में होती है। तो आप लौकी या लौकी के रस का सेवन करें।

? कितना सेवन करें ?
✔️ रोज 200 से 300 मिलीग्राम पीजिए।
➡️ परश्न है कब पिये ?
? सबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते है या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते है। लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं।इसमें 07 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल दीजिए।

तुलसी बहुत क्षारीय होती है।
✔️ इसके साथ आप पुदीने से 07 से 10 पत्ते मिला सकते हैं। पुदीना भी बहुत क्षारीय होता है।
इसके साथ आप कालानमक या सेंधानमक जरूर डालें। ये भी बहुत क्षारीय होता है। लेकिन याद रखें नमक , काला या सेंधा ही डालें।
दूसरा ➡️ आयोडीन युक्त समुद्री नमक कभी न डालें। आयोडीन युक्त नमक (समुद्री) अम्लीय होता है। कृपया लौकी के जूस का सेवन जरूर करें !!*

परंतु यह अवश्य देखें कि लौकी प्राकृतिक है या नहीं। आश्चर्यजनक रूप से आप पाएंगे कि 02 से 03 महीने में आपकी सारी heart की blockage ठीक हो गई हैं।
✔️परयोग शुरू करने के 21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा।
( कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी ऐंसा विश्वास है। )
➡️ विश्वास रखिये हमारे भारत के आयुर्वेद में इसका इलाज है और आपका अनमोल-शरीर और लाखों रुपए आपरेशन से बच जाएँगे।

➡️ यदि आपको लगता है कि यह ठीक है ,तो … आप अपनाएं और दूसरों को प्रेरित करें *क्रमशः……