
April Fool Day : एक अप्रैल को भले ही लोग मजाक-मस्ती में एक-दूसरे को मूर्ख बनाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि तकनीक और डिजिटल दुनिया में आम आदमी को रोज ही ‘अप्रैल फूल’ बनाया जाता है? कहीं फेक न्यूज के जाल में, तो कहीं ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार होकर लोग हर दिन धोखा खा रहे हैं। आइए जानते हैं कैसे और किन तरीकों से आम आदमी को मूर्ख बनाया जाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
Social media scams : अप्रैल फूल डे पर मजाकिया अंदाज में मूर्ख बनना एक चीज है, लेकिन रोजमर्रा की जिंदगी में साइबर ठगी, फेक न्यूज और डिजिटल फ्रॉड का शिकार होना बेहद खतरनाक हो सकता है। सतर्क रहें, जागरूक बनें और डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें।
1. फेक न्यूज के जाल में मत फंसिए
Online fraud prevention : सोशल मीडिया पर हर दिन हजारों फेक न्यूज वायरल होती हैं। ISB और CyberPeace की रिपोर्ट के अनुसार, 77.4% फेक न्यूज सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई जाती हैं। लोग बिना सत्यता जांचे खबरों को साझा कर देते हैं, जिससे अफवाहें तेज़ी से फैलती हैं।
कैसे बचें?
- किसी भी खबर को शेयर करने से पहले क्रॉस-चेक करें।
- केवल विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल और आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।
- फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट्स जैसे Alt News और Boom Live का उपयोग करें।
2. फ्री ऐप्स का महंगा धोखा
आपने कई बार मोबाइल पर फ्री ऐप्स डाउनलोड किए होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये ऐप्स आपकी निजी जानकारी चुरा सकते हैं? एक साधारण फ्लैशलाइट ऐप भी आपकी कॉन्टैक्ट लिस्ट, लोकेशन और फोटोज तक पहुंच सकता है। कई ऐप्स आपकी जानकारी को विज्ञापनदाताओं को बेचते हैं।
कैसे बचें?
- ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी अनुमतियों (Permissions) को ध्यान से पढ़ें।
- केवल गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें।
- ऐप के रिव्यू और रेटिंग जरूर चेक करें।
3. इंस्टाग्राम फॉलोअर्स का झांसा
april fools day pranks : आज के समय में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर बनना एक करियर ऑप्शन बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 60% इंस्टाग्राम फॉलोअर्स फर्जी होते हैं? लोग पैसे देकर फेक फॉलोअर्स खरीदते हैं और ब्रांड्स को धोखा देते हैं।
कैसे बचें?
- इंफ्लुएंसर के एंगेजमेंट रेट (Engagement Rate) को चेक करें।
- कमेंट्स और लाइक्स के रेशियो को देखें।
- Social Blade जैसे टूल्स का उपयोग कर फेक फॉलोअर्स का पता लगाएं।
4. ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड का शिकार न बनें
Online shopping frauds : ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर भारी डिस्काउंट और फ्री ऑफर्स के नाम पर लोग आसानी से फंस जाते हैं। RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में 36% ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के मामले सामने आए।
कैसे बचें?
- केवल जानी-पहचानी और विश्वसनीय वेबसाइट्स से खरीदारी करें।
- वेबसाइट की URL को ध्यान से चेक करें।
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
5. सस्ते ट्रैवलिंग ऑफर्स का झांसा
Cybersecurity tips : छुट्टियों के सीजन में सस्ते ट्रैवल पैकेज के नाम पर ठगी की घटनाएं आम हो गई हैं। McAfee की रिपोर्ट के अनुसार, 51% भारतीय ऑनलाइन ट्रैवल स्कैम का शिकार हो चुके हैं।
कैसे बचें?
- ट्रैवल बुकिंग के लिए सिर्फ प्रमाणिक वेबसाइट्स का उपयोग करें।
- भुगतान करने से पहले वेबसाइट का SSL सर्टिफिकेट चेक करें।
- ऑफर की तुलना अन्य प्लेटफॉर्म्स पर करें।
6. डीपफेक का खतरनाक खेल
डीपफेक टेक्नोलॉजी के माध्यम से वीडियो और ऑडियो को एडिट कर झूठी बातें फैलाई जाती हैं। 75% भारतीय डीपफेक वीडियो देख चुके हैं, और 31% लोग मानते हैं कि इससे चुनाव जैसे महत्वपूर्ण फैसलों पर असर पड़ सकता है।
कैसे बचें?
- किसी भी वीडियो पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
- वीडियो की सत्यता जांचने के लिए Reverse Image Search का उपयोग करें।
- संदिग्ध वीडियो को रिपोर्ट करें।
7. डिजिटल अरेस्ट स्कैम से रहें सावधान
april fool ideas : आजकल कई लोग खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर फोन पर डिजिटल अरेस्ट की धमकी देते हैं। वे कहते हैं कि आपका आधार नंबर या बैंक खाता किसी अपराध में इस्तेमाल हुआ है। ये कॉल्स पूरी तरह से फर्जी होते हैं।
कैसे बचें?
- सरकारी अधिकारी कभी फोन पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते।
- ऐसे कॉल्स को Truecaller या Whoscall जैसे ऐप से ब्लॉक करें।
- तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें।
April Fool History : अप्रैल फूल का इतिहास
अप्रैल फूल डे हर साल 1 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के साथ मज़ाक करते हैं और हंसी-मजाक भरे प्रैंक्स का आनंद लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस परंपरा की शुरुआत कब और कैसे हुई?
अप्रैल फूल डे की शुरुआत को लेकर कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार, 1564 में फ्रांस में नया कैलेंडर अपनाया गया, जिसमें नया साल 1 जनवरी से शुरू होने लगा। इससे पहले लोग 25 मार्च से लेकर 1 अप्रैल तक नया साल मनाते थे। कुछ लोग इस बदलाव से अनजान रहे और वे 1 अप्रैल को ही नए साल का जश्न मनाते रहे। बाकी लोग उनका मज़ाक उड़ाने लगे और इस तरह अप्रैल फूल डे की परंपरा शुरू हो गई।
अप्रैल फूल कैसे मनाते हैं?
हर देश में अप्रैल फूल मनाने का अंदाज अलग होता है। आइए जानते हैं कि किस देश में किस तरह से यह खास दिन मनाया जाता है।
1. फ्रांस
फ्रांस में इसे “Poisson d’Avril” यानी अप्रैल फिश कहा जाता है। बच्चे अक्सर कागज की मछली बनाकर दूसरों की पीठ पर चुपके से चिपका देते हैं और जब तक सामने वाला इसे न देख ले, तब तक मज़ाक चलता रहता है।
2. इंग्लैंड
इंग्लैंड में अप्रैल फूल डे को “All Fools’ Day” कहा जाता है। यहां लोग दोपहर तक ही प्रैंक करने की परंपरा निभाते हैं। दोपहर के बाद अगर कोई प्रैंक करता है, तो उसे “April Fool” नहीं कहा जाता।
3. स्कॉटलैंड
स्कॉटलैंड में इसे “Hunt the Gowk Day” के रूप में मनाया जाता है। यहां प्रैंक करने का सिलसिला दो दिन तक चलता है। पहले दिन लोगों को फर्जी संदेश भेजे जाते हैं और दूसरे दिन “Tailie Day” के तहत लोगों की पीठ पर मज़ाकिया नोट्स चिपकाए जाते हैं।
4. भारत
भारत में भी अप्रैल फूल बड़े ही मज़ेदार तरीके से मनाया जाता है। लोग अपने दोस्तों और परिवारवालों के साथ हल्के-फुल्के मज़ाक करते हैं। सोशल मीडिया पर भी इस दिन मज़ाकिया पोस्ट और फेक न्यूज वायरल होना आम बात है। कई ब्रांड्स भी इस मौके पर मार्केटिंग कैंपेन के जरिए लोगों को सरप्राइज देते हैं।
प्रैंक करने के कुछ मशहूर किस्से
- बीबीसी स्पेगेटी ट्री प्रैंक (1957)
- बीबीसी ने एक डॉक्यूमेंट्री चलाई जिसमें दिखाया गया कि स्विट्जरलैंड में स्पेगेटी पेड़ों पर उगते हैं। कई लोगों ने इसे सच मान लिया और बीबीसी को फोन कर स्पेगेटी उगाने की सलाह मांगी।
- गूगल का टेलेपैथी प्रोजेक्ट (2015)
- गूगल ने अप्रैल फूल के दिन “Google Telepathy” नामक एक फर्जी प्रोजेक्ट लॉन्च करने की घोषणा की, जिससे लोग अपने विचारों को सीधे इंटरनेट पर पोस्ट कर सकते थे।
- फ्लाइंग पेंगुइन (2008)
- बीबीसी ने दावा किया कि उन्होंने उड़ने वाले पेंगुइन खोजे हैं। इस वीडियो ने खूब सुर्खियां बटोरी। बाद में पता चला कि यह केवल अप्रैल फूल प्रैंक था।
कैसे करें सुरक्षित और मज़ेदार प्रैंक?
- सीमा का ध्यान रखें: प्रैंक ऐसा होना चाहिए जिससे किसी को मानसिक या शारीरिक नुकसान न पहुंचे।
- सहजता बनाए रखें: हर किसी को प्रैंक पसंद नहीं होता, इसलिए उनके व्यक्तित्व को ध्यान में रखें।
- सोशल मीडिया पर सतर्क रहें: फेक न्यूज शेयर करने से बचें और सुनिश्चित करें कि आपका प्रैंक मनोरंजक हो, हानिकारक नहीं।